मृत्यु क्यों आती है? मृत्यु की वास्तविकता क्या है? कई लोगों की कम उम्र में ही मृत्यु हो जाती है, ऐसा क्यों?
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00:00दादा, बृत्यों किसली आती है?
00:12वह तो ऐसा है, जब जन्म होता है, तब ये मन, वचन, काया की तीन बैट्रियां हैं, जो गर्ब में से इफेक्ट, याने परिणाम देती जाती है.
00:23वे इफेक्ट पूर्ण होते हैं, तब बैट्रियों से हिसाब पूरा हो जाता है, तब तक वे बैट्रियां रहती हैं और फिर खत्म हो जाती है, उसे मृत्यू कहते हैं.
00:35पूर्णं के दिन अमरे परिवार में जो डेत हो जाती हैं वो सब जवानों के दिन हो जाती हैं और पूर्णि माय लेती हैं बार-बार, चार डेत तो हो गय भी.
00:55हो सकता है ऐसा, इत्तफाक से होता है.
00:58इसमें कुछ पुनम का और आपके मिश्से क्या लेना देना है?
01:01बार बार नहीं दूना, चार बार हो गया नहीं.
01:03आहा, पर हो गया, इस दिमाग से निकाल दो, हाँ गये, ओगए.
01:09पुनम के साथ कुछ नाता है, इसमें इमान में से निकाल दो, क्या दो?
01:15गये उसको, कि पुनम उसके याद करके क्या फाइदा?
01:19हाँ गये, वो बराबर है.
01:23भर जवानी में गये.
01:26एकी साल के लड़की चली गयी.
01:29वो भी गयी, क्या कर सकते हैं हमारे पास?
01:32पुनम ही क्यों निरमा?
01:34लेकिन पुनम को भूल जाओ ना, अमास थी, ऐसा बोलो.
01:38क्या फ़र्प, क्या उसको?
01:39परिवार में भी ये बात रिफिट होती है, बार-बार सब कहते हैं, पुनम क्यों, पुनम क्यों?
01:43पलिकलने उस childhood चर्छाी सार्ण से बन करते होगा, परिवार में,
01:46गयो, सो गयो, पुनम को गयो, अमास को गयो,
01:51ऐसा टुक रही है, उसकी क्रीक्यों मैं ज़्यादी है, क्यों पुणम कि समसेरला है?
01:52अपका पुनम करके हैरान होने की सुरोथ है कि घै हो गए
01:55लेकिन पुनम पुनम करके क्यों लेकर बैठे हो
01:58परिवार में इसी भाते होती है पुनम की पुनमी
02:00आप तो छोड़ो
02:02आप मोझे बता वो में समझाओंगे
02:04आप कोई बोलेंगे पुन हो, तो अपने दिमाग में सेट करो, क्या हमास।
02:10क्या करते हैं? दिन से क्या मतलब है?
02:13गए हो, गए.
02:15कोई भी दिन गयाते थे,
02:17सब गए, तो क्या कर सकते हैं आप?
02:21इसमें कोई यह नहीं है.
02:24पिर आपने शंका,
02:26इसा दिमाग में गुशती है, भेहम रहता है, यह सब नहीं करता है, और और परेशान करेंगे आपको.
02:37हर पुनमाय के सब धर्कन धर्कन बढ़ जाती है,
02:42अब किसका मृति होगा?
02:45इसे थोड़ी है, जिसका आईश कर्म हो, खतम हुआ,
02:49उसको जाने का होता है,
02:51हर किसी का थोड़ी जाने गया, जाएगा तो होईगा, क्या करेंगे?
02:54आपका भी मृति पुणम को होगा, किसको पता?
02:58अच्छा है न पुणम को उजाले में गये तो सबको अंधेरा तो नहीं है,
03:01उजाले में सबको जलाने को अच्छा वर जाएगा।
03:04अभी लाइस्ट में भतीजी की डेथ हो गयें तो इसके बाद सब अपसेट हो गयें।
03:08पूरे बरी बारे मार बार के लिए कुछ करो, कुछ सब हवन कराओ,
03:11ए कराओ, उ कराओ, इससे सब कहते रहते हैं।
03:15इससे कुछ फ़रक नहीं पड़ता है।
03:18इससे मान्यता है।
03:20जो मानते हैं उसके लिए बराबर हैं,
03:21नहीं मानते हैं, उसके लिए कुछ नहीं है।
03:23तकि हवन से कुछ फ़रक थोड़ी हो सकता है।
03:27किसी के आयू कर्म किसी के बदल नहीं सकते हैं।
03:30कोई पैदा होता है, तो उस समय ही वो उसके आयू कर्म लेके आता है।
03:35और एक्ज़ैट उसी टाइम, उसी समय पे भी बुत्ति होती है।
03:41इसको, इसमें कोई फ़रक नहीं कर सकता है।
03:44महाविर बगवान, जैसे महाविर बगवान का भी निर्वान हुआ।
03:49देवलोकों ने भिनन्ती की कि बगवान आपकी आयू कुछ चंद गड़ी आगे या पिछे करो।
03:57तो बगवान ने कहा, बिल्कुल राय जितना भी कम ज़्यादा करने का ताकाँ नहीं है, किसी में भी।
04:05वो भी नहीं कर पाए।
04:10कृष्ण बगवान को भी देखो न, तीर लगा, खिकारी का, उसको भी कोई नहीं बचा सका, वो करी रहा।
04:23समझ ना आये न? तो इन गतीओं से कोई बच नहीं पाता है, कर्मों की गती हैं.
04:31तो इसको एक स्विकार करो, और दुखी मत हो, हम तो इसमें नहीं मानते कि होम, होम करने से कुछ परक हो जाता है.
04:42आप भी मत मानो, और जिसको मानना है, जिसको करना है, करने थो, आप उसमें कुछ मत बोलो, लेकिन बीटर में रखो कि यह सब ज्यान दिया है, तो ज्यान से रहो, और उसके आनन में, खुशी में रहो.
04:54नहीं, निरमा, पहले मेरे को भी पूनम का बहुत डर रहता था, और घर में भी कुछ जगड़ा कुछ भी हो जाता था, लेकिन मैं में ज्यान दिया, इसके बाद तो कुछ नहीं हो रहा हूँ.
05:03हाँ, तो उसका मतलब यह पूनम का नहीं है, ज्यान का फल है.