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नई चीजें पाने की और कुछ हासिल करने की चाह बार बार खड़ी हो तब अपने मन में संतोष कैसे ला सकते है? भौतिक सुख से आगे सच्चे आनंद की अनुभूति कैसे पा सकते है?
Transcript
00:00जो चीज़ को हम देखते हैं, यह भी जैसा capability है, यह भी latest mobile है, latest technology है, latest car है,
00:09वो पाने की जो चाहत रहती है, तो उसमें वो भी होता है कि मैं ये achieve करूं।
00:14इसका तो कोई अंत भी नहीं है न, एक mobile लाएंगे तो उससे तो आपका काम चलता ही है,
00:20लेकिन मार्केट में दूसरा नया तीन मैने के बाद आ गया mobile, तो हमको महाँ ज़रूर हो जाएगा कि यह ही लाना है,
00:30तो मैंड materialistic value के बीचे भागता है न, तो अपने मैंड को सवारो, अगर मैंड को आप संतोष में रखोगे तो ही आप सुखी हो जाओगे,
00:39बागी तो आपको धेर सारे पैसे आगे न तो भी आप सुखी नहीं रहोगे, उसको संतोष में लेना चाहिए, समझ में आया न?
00:47यह वो life का आनन नहीं ले पाते है.
00:49लाइफ का आनन यह material चीज में नहीं है.
00:53लाइफ का आनन अपने भीतर में, अपनी समझदारी से, अपनी सच्ची समझदारी से मिलता है, सच्ची ज्ञान से मिलता है.
01:01यही जो आपके समझे वहाँ ही wrong हो आप.
01:04Materialistic, हाँ आपको जो basic necessity जो भी कुछ है,
01:08मुबाईल रखने के, यह जमाना है, तो रखो.
01:11लेकिन फिर यह style का होना चाहिए, वो style का होना चाहिए, यह नया देखा, नया market में आये, तो फिर उसके पीछे भागो.
01:17उसका अंत कहाँ है, यह market पाले तो हर तीन मिने में दूसरा नया निकालते हैं, आपके जेब खाली करवाने के लिए.
01:23क्या उसके पीछे हमारा सुख, चैन छोड़ दे, मोह पड़े, जो हमारे आत्मा के लिए दुश्मन है?
01:30नहीं, पैसे का लोब नहीं है, लेकिन आज हम देखते हैं कि इसके पास...
01:33लोब की बात नहीं है, मोह. मोह से आप मुर्चित होके उसके पीछे पढ़ते हैं.
01:38हम क्यों किसी के गुलाम हो जाए? ये भौतिक चीजों के लिए हम गुलाम ही क्यों हो? हमारा सुख, चैन क्यों गवाएं? कहाँ चैन मिलता है, कहाँ सुख मिलता है?
01:48वो टार्गेट रखते हैं ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते हैं ना?
01:52टार्गेट रखते हैं ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते हैं ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते हैं ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते ह
02:22है, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते है ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते है ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते है ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्ल
02:52प्लानिंग करके तो चलते है ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते है ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चलते है ना कि इतना टरनोर करना ही चाहिए, दिमाग में सब प्लानिंग करके तो चल
03:22रिजल्ट के समय उसको यूज़ करो, पहले मत करो, पहले अपना काम करे जाओ, जितना हो सके, पॉजिटिव रेके करो, करता होके मत करो, संजोग आपको काम करवा रहे है तो इस संजोग को देखते जाओ, समझते जाओ, और अपने आपको काम करवाने में जुड़ा द
03:52नहीं, यह आपने, अभी एक मिनिट के, क्या अभी बात करी, इतने से यह आपने अटक नहीं जाना है, इस चीज को आपने हमेशा अपने दिमाग में
04:02मनथन, मनन करते रहना चाहिए, कि यह मैं जो को सोच रहा हूँ, यह करक्ट है, यह रौंग है, किसी की देखकर मैं अपने आपको कमपेर करता हूँ, यह कॉंपिटिशन में गिर जाता हूँ, तो इसमें फायदा क्या होता है, कुछ ज़्यादा थोड़ी म
04:32यह अपने को हाँजी रहना चाहिए, तो छैंच से जी सकोगे, काम भी कर सकोगे.