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हमें भगवान से क्या प्रार्थना करनी चाहिए? प्रार्थना करने से मुश्किलों का हल कैसे प्राप्त हो सकता है?
Transcript
00:00बंदीर में भी जाते हैं, भगवान की मूर्थी की पूजा करते हैं, नमस्कार करते हैं, और जो भी मुझे सद्बुद्धी मिले, सन्मार्ग में चडूप प्रार्थना करते हैं।
00:09संसार सुधारने की प्रार्थना है, संसारी सुखो प्राप्त हो जाये, इसी प्रार्थना है, संसारी दुखों से मुक्ति हो जाये,
00:17हमारे घर में सब आर्थिक प्राब्लेम्स आ गए हैं, सामको गौटंबिक प्राब्लेम्स आ गए हैं,
00:23ये भगवान, सबको शांती मिले, इसी कुरुपा करो, तो भी प्रार्थना पाइदा करेगी,
00:30और भगवान के पास करनी है, तो अल्टिमेट, उच्छा प्रकार की प्रार्थना यही है,
00:34ये भगवान, आप वितराक्त प्राप्त हुए हैं, कर्मों से मुक्त होके मोक्ष पति पाइए, मुझे भी ऐसा मोक्ष मिले, मुझे भी ऐसी वितराक्ता प्राप्त हो जाए,
00:46मुझे ऐसे घ्यानी मिले, मुझे आत्मा का साक्षातकार हो जाए,
00:51तो ऐसी प्रार्थना करने से, आपको जो प्राप्त हुआ, ऐसा मुझे भी प्राप्त हो, यही उची प्राकार, और यही भावना करने से,
01:00कभी ना कभी घ्यानी का संजोग मिल जाता है, घ्यान की प्राप्ति भी मिल जाती है,
01:06और तमाम कर्मों से मुक्ति पाकर मौक्ष कति भी प्राप्त हो जाती है,
01:12और यह उचा प्राकार की प्रार्तना है, इसे प्रार्तना संसारी दुखों से मुक्ति होने के लिए भी है,
01:18और आत्मसाक्षात का प्राप्त करके मौक्ष कति पाने के लिए भी है,
01:23प्रार्तना से सब प्राकार के प्राब्लेम का सॉलिशन धिरे धिरे आही जाता है.