सिस्टम लाचार और जनता पर अत्याचार !
यूपी में योगी राज की यही पहचान बनी !
आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो रहे लोग !
न सरकार सुन रही और न सुन रहे अधिकारी !
महिला सुरक्षा का दावा करने वाले कर रहे महिलाओं को परेशान !
पीलीभीत में परेशान महिला ने की आत्मदाह की कोशिश !
भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई आवाज तो मिलने लगीं धमकियां !
आपको याद ही होगा चुनावों के वक्त जगह-जगह पोस्टर दिख जाते थे…कि बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार अबकी बार बीजेपी सरकार…महिलाओं पर अत्याचार खत्म करने वालों के खोखले दावों की हकीकत ये जमीन पर पड़ी है…जहां एक महिला इंसाफ की खातिर जमीन पर पड़ी है और नपुंसक सिस्टम सिर्फ तमाशा देखने का काम कर रहा है…मैं उस सिस्टम की बात नहीं कर रहा जो पहले हुआ करता था…मैं अभी हाल ही में बीजेपी के अंगने में जन्मे नए नवेले नपुंसक सिस्टम की बात कर रहा है…जिसको लोरियां सुनाने का काम हमारा सेटेलाइट मीडिया जमकर कर रहा है…पीलीभीत के बीसलपुर की ये तस्वीरे भगवा सरकार और सरकार के सिपहलासारों के मुंह पर करारा तमाचा है…साथ ही भ्रष्टाचार को खत्म करने के दावे पर इस महिला का विलाप कालिख पोतता है…और कालिख पुत जाती है सरकारी दावों पर जो दावे चुनावी भाषणों में सत्ताधारी सफेदपोश करते थे…दरअसल इस महिला का नाम माया सक्सेना है…माया सक्सेना आंगनवाड़ी वर्कर हैं और अपने विभाग के भ्रष्ठ अधिकारियों की मनमानी से तंग आकर आत्मदाह जैसा घातक कदम उठाने के लिए मजबूर हो गईं…क्योंकि सीएम योगी के जीरो टॉलरेंस नीति और ईमानदार अधिकारियों ने इनकी शिकायत पर गौर नहीं किया और जिसके खिलाफ माया सक्सेना आवाज बुलंद की थी उसपर कार्रवाई भी नहीं की ऊपर से धमकियों का दौर भी शुरू हो गया…ऐसे में मरता क्या न करता के हालात बने तो माया सक्सेना ने ऐसा कदम उठाने की कोशिश की…पीलीभीत में महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है…माया सक्सेना की माने तो प्रभारी सीडीपीओ मूर्ति इसमें लिप्त हैं…माया सक्सेना का आरोप है कि प्रभारी सीडीपीओ उसका उत्पीड़न करते हैं लाभार्थियों के लिए आया हुआ पुष्टाहार का आधा हिस्सा भी मांगती हैं ना देने पर नौकरी से निकाल देने और तमाम जांचो की धमकी देती हैं…आपको बता दें कि बीसलपुर विकास खंड के गांव रड़ाते में तैनात आंगनबाड़ी माया सक्सेना ने पहले भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया था…वायरल वीडियो में आंगनबाड़ी वर्कर ने विभाग का कच्चा चिट्ठा खोला था…इस दौरान आंगनबाड़ी ने सीडीपीओ पर कार्रवाई की मांग की थी लेकिन नतीजा ढांक के तीन पात जैसा निकला…माया सक्सेना ने कार्रवाई की मांग करते हुए आत्मदाह की चैतावनी दी थी लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी क्योंकि उनको लगा माया सक्सेना अब मुंह बंद करके बैठ जाएंगी लेकिन 4 दिन बाद माया सक्सेना ने परेशान होकर बीसलपुर तहसील कार्यालय में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया…माया पेट्रोल छिड़कने के बाद माचिस की तीली जलाने वाली ही थी कि देवदूत बनकर नायब तहसीलदार पहुंच गए और हाथ से माचिस छीन ली…अब सवाल इस बाता का है कि अगर नायब तहसीलदार न पहुंते तो फिर माया का क्या होता…क्या उन लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जिन्होंने माया सक्सेना की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की…क्या भगवा विधायकों को मामले पर संज्ञान लेकर सीएम से शिकायत नहीं करनी चाहिए…क्या जिलाधिकारी को मामले पर सख्त एक्शन नहीं लेना चाहिए…शायद आप सबका जवाब होगा हां…लेकिन ये हां अधिकारियों के मगज से बाहर है…जनता पिस रही है…भ्रष्टाचार जारी है…बस कागजों में सब चग्गा बंताया जा र
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