हार के डर से बीजेपी बौखलाई II 35 फीसदी विधायकों का पत्ता होगा साफ !

  • 3 years ago
टिकट कटने की खबर से बीजेपी में मचा हड़कंप !
योगी आदित्यनाथ के कई विधायकों की छुट्टी होना तय !
करीब 30-35% विधायकों का कट सकता है टिकट !
पार्टी आलाकमान ने बना ली है इसकी पुख्ता रणनीति !
देखिए आखिर क्यों पार्टी ने लिया है ये बड़ा फैसला ?
देखिए आखिर किस आधार पर होगा टिकटों का बंटवारा ?
देखिए क्यों काटा जाएगा विधायकों का टिकट ?



उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के अंदर लगातार उथल पुथल का माहौल देखने को मिल रहा है…बीजेपी के सामने जहां मिशन रिपीट की चुनौती है तो वही बीजेपी के सामने आवाम की नाराजगी को दूर कर उसे साधने का एक बड़ा लक्ष्य है ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर पार्टी आलाकमान ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है…मास्टर प्लान के तहत अब उत्तर प्रदेश के मौजूदा बीजेपी विधायकों का टिकट कटना तया माना जा रहा है…और जब से ये खबर निकलकर सामने आई है तब से हालात एक हंगामे वाले दिखाई दे रहे हैं…मौजूदा विधायक अपनी सीट बचाने के लिए दरबार में हाजिरी देने में लगे हैं वहीं आलाकमान विधायकों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक के बाद एक प्लान तैयार कर रहा है…मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने सबसे बड़ी चुनौती अगले साल के प्रारंभ में ही होने वाला विधानसभा चुनाव है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी मौजूदा करीब 30 से 35% विधायकों के टिकट काट सकती है. पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बीजेपी अपने विधायकों का सर्वे कराएगी. क्षेत्र में काम और लोकप्रियता के आधार पर टिकट पर अंतिम मुहर लगेगी. बताया जा रहा है कि अगस्त में सर्वे कराया जाएगा. इसी के आधार पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो कुछ मंत्रियों के टिकट भी कट सकते है.सर्वे आधार पर मौजूदा विधायकों का परफॉर्मेंस आंका जाएगा और फिर उनके सियासी भविष्य का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा. सूत्रों की मानें तो इस बार सर्वे के आधार पर क़रीब 30 से 35 प्रतिशत मौजूदा विधायकों का टिकट काटा जाएगा और उनकी जगह पर नये चेहरों को मौका दिया जाएगा. एक आम धारणा है कि सरकार में रहने वाली पार्टी को सत्‍ता विरोधी लहर का नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए बीजेपी की रणनीति है कि जो भी थोड़ी बहुत नाराजगी जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं में होगी, उसको स्थानीय स्तर पर ही इस फॉर्मूले से दूर कर दिया जाएगा.साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इसी फ़ॉर्मूले को अमल में लाया गया था और जिन सांसदों का परफॉर्मेंस पार्टी के हिसाब से ठीक नहीं आया था, बड़ी संख्या में उनके टिकट काटे गए थे. हालांकि, इसके साथ ही बीजेपी और योगी सरकार आगामी चुनाव में जीत के लिए दूसरे मोर्चों पर भी लगातार काम कर रही है. कुछ ही दिन के अंदर सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए योगी मंत्रीमंडल का विस्तार भी किए जाने की संभावना है. चुनाव के समय नाराजगी न हो इसके लिए किसी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा, लेकिन मंत्रालयों में फेरबदल संभव है.जनहित के मुद्दों के साथ-साथ किस तरह योगी सरकार ने अयोध्या, मथुरा, काशी जैसे धार्मिक शहरों का कायाकल्प करवाया है, उसको भुनाने की रणनीति पर भी काम शुरू कर दिया गया है. बहुचर्चित जनसंख्या नियंत्रण नीति से लेकर प्रदेश में रिकॉर्ड रोज़गार देने के काम के साथ कोरोना की चपेट में आने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी ने ठीक होते ही पूरे प्रदेश में तूफानी दौरा किया और अपने कौशल से कोरोना पर प्रदेश में काबू पाया. इस इमेज को लेकर एक व्यापक रणनीति बीजेपी ने यूपी के लिए बनाई है.

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