• 3 years ago
अखिलेश यादव-जयंत चौधरी पर हर किसी की नजर !
ये जोड़ी 2022 में कर सकती है पश्चिम में बड़ा कमाल !
दिल्ली में दोनों नेताओं की मुलाकात से मिले नए संकेत !
सियासी जानकार बोले सही रास्ते पर अखिलेश !
अखिलेश और जयंत मिलकर चुनाव लड़ने की कर रहे तैयारी !
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गठबंधन को है बड़े चमत्कार की उम्मीद !
पंचायत चुनावों की तरह देखिए कैसे बनाई है विशेष रणनीति ?
देखिए 2022 के लिए क्या है सपा-RLD का सियासी फॉर्मूला ?

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दौर सियासी समीकरणों को गढ़ने और सियासत को मथने का चल रहा है…समाजवादी पार्टी सियासी सिकंदर बनने के लिए लगातार जोर आजमाइश की जंग में लगी है और सपा को लगता है कि अगर उसने 2022 में बाजी अपने नाम कर ली तो फिर यूपी की सियासत में उसे टक्कर देने वाला कोई नहीं होगा…ऐसे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव जहां छोटे दलों को साधने में लगे हैं वहीं पुराने गठबंधन साथी RLD के साथ मिलकर पश्चिम की सियासत को धार दे रहे हैं…संसद का मानसून सत्र चल रहा है ऐसे में अखिलेश यादव ने RLD प्रमुख जयंत चौधरी से दिल्ली में मुलाकात की…और मुलाकात की तस्वीर जब सोशल मीडिया पर आई तो प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया…तस्वीरें देखने के बाद कई दिग्गज सियासी जानकारों ने अखिलेश यादव को सही ट्रैक पर बताया और कहा कि देर से ही सही लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लेकर अखिलेश यादव सही रास्ते पर है…इस रास्ते से अखिलेश यादव को सत्ताधारियों को घेरने में काफी मदद मिल सकती है और गठबंधन के लिए जीत की राह भी आसान हो सकती है…आपको बता दें कि RLD के साथ अखिलेश यादव गठबंन का एलान कर चुके हैं और अब दोनों दलों के नेता पंचायत चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में बेहतर रणनीति के साथ सत्ताधारियों की ईंट से ईंट बजाने का प्लान तैयार कर रहे हैं…विधानसभा चुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक्शन मोड में हैं…एक तरफ जहां उन्होंने उन्नाव से योगी सरकार को घेरने के लिए रथयात्रा की शुरुआत कर दी है, तो दूसरी ओर चुनाव से पहले छोटे-छोटे दलों से गठबंधन करने के लिए बातचीत भी जारी है…इसी कड़ी में अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी से मुलाकात की और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की…दिल्ली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी से काफी देर तक अहम मुद्दों पर बात की…अखिलेश यादव ने सबसे पहले स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी…इसके बाद दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनाव से पहले की रणनीति को लेकर आपस में चर्चा की…अखिलेश यादव पहले ही विधानसभा चुनावों में बड़े दलों से गठबंधन को लेकर स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाकर वे चुनाव में जाएंगे…अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच गठबंधन और राजनीतिक समीकरण को लेकर चर्चा हुई…हालांकि सपा और रालोद लोकसभा चुनावों में भी गठबंधन के साथ गए थे, रालोद की पकड़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छी मानी जाती रही है और किसान आंदोलन के चलते इस क्षेत्र में रालोद और मजबूत हुई है ऐसा माना जा रहा है. इसलिए अखिलेश यादव उसका फायदा लेने के लिए रालोद के साथ गठबंधन करके चुनावों में जाना चाहते हैं. इसके अलावा अखिलेश ओम प्रकाश राजभर, औवेसी, पीस पार्टी जैसे छोटे दलों के संपर्क में हैं…अब देखना ये है कि मुलाकातों और चर्चाओं से क्या निकलकर सामने आता है और कैसे अखिलेश यादव जीत की राह को आसान करते हैं…ब्यूरो रिपोर्ट

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