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  • 4/3/2025
Nitin Gadkari : छत्रपती शिवाजी महाराज हे 100 टक्के सेक्युलर होते

 नितीन गडकरींचं वक्तव्य; “छत्रपती शिवाजी महाराज १०० टक्के सेक्युलर होते, त्यांनी…” छत्रपती शिवाजी महाराज आदर्श शासक होते, न्यायप्रिय होते, कल्याणकारी राजे होते, आदर्श पिताही होते असंही नितीन गडकरींनी म्हटलं आहे.   प्रसिद्ध कादंबरीकार विश्वास पाटील यांनी लिहिलेल्या दोन इंग्रजी पुस्तकांचा प्रकाशन सोहळा केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी यांच्या हस्ते झाला. The Wild Warfront असं यातल्या एका पुस्तकाचं नाव आहे. नितीन गडकरी यांनी यावेळी केलेल्या भाषणात छत्रपती शिवाजी महाराज हे १०० टक्के सेक्युलर होते असं वक्तव्य केलं आहे. तसंच छत्रपती शिवाजी महाराजांचा राज्य कारभार कसा चालत असे यावरही भाष्य केलं आहे.  काय म्हणाले नितीन गडकरी? मला या गोष्टीचा खूप आनंद होतो आहे की छत्रपती शिवाजी महाराजांचं चरित्र इंग्रजी भाषेत येतं आहे. छत्रपती शिवाजी महाराज, त्यांचा इतिहास, कार्य कर्तृत्व याबाबत महाराष्ट्राच्या बाहेरच्या लोकांमध्ये अनेक गैरसमज होते. मी इतकंच सांगेन लहानपणपासून आमच्या आई वडिलांहूनही जास्त स्थान आमच्या हृदयात ज्यांच्याबाबत होतं त्या व्यक्तीचं नाव छत्रपती शिवाजी महाराज असं आहे.  छत्रपती शिवाजी महाराज आदर्श शासक होते, न्यायप्रिय होते, कल्याणकारी राजे होते, आदर्श पिताही होते. रामदास स्वामींनी त्यांचं यथार्थ वर्णन केलं आहे, यशवंत, किर्तीवंत, वरदवंत, सामर्थ्यवंत जाणता राजा, निश्चयाचा महामेरु, बहुत जनांसी आधारु, अखंड स्थितीचा निर्धारु श्रीमंत योगी. प्रत्येक गोष्टीत आदर्श कुणी असेल तर ते शिवाजी महाराज. एक राजा म्हणून छत्रपती शिवाजी महाराजांनी जे कार्य केलं ते उत्तमच होतं. अफझल खान आणि छत्रपती शिवाजी महाराज यांची प्रतापगडावर जेव्हा भेट झाली. अफझल खानाने छत्रपती शिवरायांवर वार केला ज्यानंतर महाराजांनी खानावर वार केले. यामध्ये अफझल खानाचा मृत्यू झाला, त्यानंतर शिवाजी महाराजांनी अफझल खानाची कबर प्रतापगडाच्या पायथ्याशी बांधा असे आदेश त्यांनी दिले. आजकाल सेक्युलर हा शब्द खूप प्रचलित आहे. या शब्दाचा इंग्रजी डिक्शनरीत दिलेला अर्थ धर्मनिरपेक्षता नाही. सेक्युलर शब्दाचा अर्थ आहे सर्वधर्मसमभाव. सगळ्या धर्मांशी न्यायाने वागणं हा सेक्युलर शब्दाचा अर्थ आहे. छत्रपती शिवाजी महाराज हे असे राजे होते जे १०० टक्के सेक्युलर होते.  छत्रपती शिवाजी महाराजांनी त्यांच्या संपूर्ण कारकिर्दीत अनेक लढाया जिंकल्या पण त्यांनी कधीही मशिदीवर हल्ला केला नाही. लढाई जिंकल्यानंतर महिला शरण आल्या त्यावेळी ते सन्मानाने वागले. कारण कल्याणच्या सुभेदाराची सून त्यांच्यासमोर आणली गेली तेव्हा ते म्हणाले की अशीच सुंदर अमुची आई असती तर आम्हीही सुंदर झालो असतो. तिला त्यांनी सन्मानाने घरी पाठवलं. महिलांचा आदर, प्रशासनात कठोर प्रशासक, लोकांसाठी संवेदनशील राजा आणि वेळ आल्यानंतर आपल्या मुलालाही शिक्षा करताना त्यांनी मागचा पुढचा विचार केला नाही. आजच्या काळात ही शिकवण आवश्यक आहे. कारण आजकाल अनेक लोक आपल्या मुलांसाठी मुलींसाठी तिकिट मागत असतात. छत्रपती शिवाजी महाराजांचं वैशिष्ट्य हेच होतं की राजमाता जिजाऊ यांच्या संस्कारांमुळे त्यांचं व्यक्तिमत्व परिपूर्ण होतं. असंही नितीन गडकरी यांनी म्हटलं आहे.  इंग्रजांच्या काळात छत्रपती शिवाजी महाराजांबाबत गैरसमज पसरवणाऱ्या गोष्टी लिहिल्या गेल्या-गडकरी इंग्रजांच्या काळात जो इतिहास लिहिला गेला त्यात छत्रपती शिवाजी महाराजांबाबत अनेक अशा गोष्टी समोर आल्या होत्या ज्या चुकीच्या आणि गैरसमज पसरवणाऱ्या होत्या. लुटारु असाही त्यांचा उल्लेख केला गेला. रयतेचं राज्य ही संकल्पना त्यांनी आणली होती. त्यांनी शौर्य आणि पराक्रम यांचा इतिहास रचला हे वास्तव आहे. शाहिस्तेखान अडीच लाखांचं सैन्य घेऊन पुण्यात आला होता. त्याला २० ते २५ जणांनी मिळून पळवून लावलं आहे. असा इतिहास असूच शकत नाही. छत्रपती शिवाजी महाराजांचं आरमार, त्यांचे मावळे, त्यांचे सरदार या सगळ्यांनाच प्रेरणा देण्याचं त्यांनी केलं. राष्ट्रासाठी प्राण अर्पण करण्याचं काम या योद्धांनी केलं. स्वराज्य मिळाल्यानंतर त्याचं रुपांतर सुराज्यात करण्यासाठी छत्रपती शिवाजी महाराजांनी आदर्शवत असं काम केलं आहे. आज आपल्या शासनपद्धतीतही छत्रपती शिवाजी महाराजांचं उदाहरण दिलं जातं असंही नितीन गडकरी यांनी म्हटलं आहे.

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Transcript
00:00शत्रबती शिवाजी महाराज अन्वर प्रसिद्ध कादम बरीकार विश्वास पाटील इनने दी वार फ्रेंट जो अंग्रेजी में किताब लिखा है उस कारेकरम के प्रमुकतिती आद्रियनिय डौक्टर शेशी थरूर
00:26साहित्य अकादमी के सचिव डौक्टर राउ जिनोंने इसका ट्रांसलेशन बहुत अच्छे तरीके से किया है हमारे नागपूर के नदिमखान जी और यही नहीं इसके पहले भी मराठी साहित्य में बहुत अच्छी कादम बरीया जिनोंने दी है ऐसे प्रशासन में वरिष्�
00:56जिनोंने लिखा है ऐसे हमारे मिट्र अध्रनिय विश्वास पाटिल और उपस्तित भाई और बहनु
01:02सबसे पहले मुझे इस बात की खुशी हुई है कि चत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन चरित्र अंग्रेजी में आ रहा है
01:12कभी कभी इतिहास मैं ऐसा उता है कि इमेज वर्से रियालिटि एंग्राउन रियालिटी वर्सेश पर्शाइफ़शन
01:24चात्रपति शिवाजी महराज के बारे में उनके इतिहास कार्य कर्तुर्प को के बारे में महराश्टे के बाहर बहुत से लोगों के मन में अनेक गलत फेंमिया थी
01:36चत्रपति शिवाजी महराज का जीवन चरित्र मैं तो कोही कहुंगा कि बच्पन से हमारे माता और पिता से भी ज़्यादा हमारे रुदहे में जिसके लिए स्थान था उस व्यक्ति का नाम चत्रपति शिवाजी महराज।
02:06यशवन्त कीर्थीवन्त वर्दवन्त सामर्थवन्त जानता राजा। निष्चयाचा महामेरू भुत जना से आधारू अखंड स्तितिचा अंधिदारू स्रिमन्त योगी।
02:37सबसे महतोग पूरना बात है कि राजा के रूप में शिवाजी महराज जी ने जिस प्रकार से कारे किया।
02:48कि सल्मान के साथ उसकी कभर यहाँ त्यार करिये।
03:18सेकुलर शब्द का सर्वधर्म समभाव
03:30सब धर्मों के साथ समान नयाय करना
03:34यह सेकुलर शब्द का अर्थ है
03:37और चत्रबति शिवाजी माराज हमारे देश के इतिहास के
03:41ऐसे लोक कल्यान करी राजा थे
03:44कि वो 100% सेकुलर थे
03:48आपको विशेश शुब्से उनके पूरे इतिहास में अनेक लड़ाया उनने जीती
03:55पर कभी कोई मस्जीत पर उनने अटेक नहीं किया
03:59लड़ाय जीतने के बाद महलाय शरन आई
04:03तो यह प्रसित है कि कल्यान के सुबेदार की बहु जो थी
04:07उसको महराज के पास जब लेकर गए तो उनने यही कहा कि मेरी माँ भी इतनी सुन्दर रहती तो मैं भी इतना सुन्दर रहता था
04:17और उसको उनने सल्मान के साथ अपने घर में बेजने का कारे किया
04:23महिलां के परती आदर, जनता के परती सबवेदन शील राजा, प्रशासन में कठोर, और वक्त आया तो अपने बेटी को भी सजा करने के लिए उनने आगे पीछे नहीं देखा।
04:38आज के जमाने के लिए इसलिए आवश्यक है कि राजनिति में हर व्यक्ति अपने बेटे को, बेटी को, पत्नी को टिकेश मांगता है।
05:08एक बात मैं अच्छर याद रखता हूँ कि व्यक्तित्व, कर्तुत्व और नेत्रुत्व के बारे में हम पर्फेक्शन को ढूंढते हैं। पर सच्चाई ये है कि नो वन इस पर्फेक्ट और नो वन कें क्लेम था कि वन पर्फेक्ट है। उत्तम, अधिक उत्तम, सर्व�
05:39हम सब अपूर्णाक हैं पर वो पूर्णाक हैं। वो पूर्णाक खते हैं।
05:44और इसलिए जो उनके जीवन के चरितर में, विशेश व्रुफ़ से अंग्रेजों के शासन काल में,
05:50जो जो इतिहास लिखा गया, उस इतिहास में, बहुत से बातें ऐसी आयी थी कि जो उनके उपर अन्णाय करने वाली थी।
05:59कई लुटेरा करके उनका उल्एक हुआ ता।
06:02उन्होंने एक कहा कि ये राज्य जो है, ये स्री क्या राज्य है।
06:08यह जनता का राज्य है और शिवशाही यहने लोककल्यान कारी राज्य की संकलपना थी।
06:16एक प्रकार से उनके जीवन में वोई आदर्शों को सामने रखकर उन्होंने शवर्य और पराकरम का इतिहास रचा।
06:26शाहिस्ते खान जब दाई लाग फ़ोज लेकर आया पुना में शन्वारवड़े में तो 20-25 लोगों ने मिलकर जिस प्रकार से उसको वापस बेजा यह इतिहास ऐसा कोई है नहीं हो नहीं सकता।
07:09शाहिस्ते खान जब दाई लाग फ़ोज लेकर आया पुना में शन्वारवड़े में तो 20-25 लोगों ने मिलकर यह इतिहास ऐसा कोई है नहीं हो नहीं हो नहीं सकता।
07:39शाहिस्ते खान जब दाई लाग फ़ोज लेकर आया पुना में शन्वारवड़े में तो 20-25 लोगों ने मिलकर यह इतिहास ऐसा कोई है नहीं हो नहीं हो नहीं सकता।
08:09शाहिस्ते खान जब दाई लाग फ़ोज लेकर आया पुना में तो 20-25 लोगों ने मिलकर यह इतिहास ऐसा कोई है नहीं हो नहीं हो नहीं सकता।
08:39वॉक्षित खान जब दाई लाग फ़ोज लेकर आया नहीं हो नहीं हो नहीं हो नहीं होगा।
09:09प्रसंग करते हैं कभी-कभी
09:11बहुत अच्छे प्रसंग होते हैं
09:13रजनी कान करके फिल्म आक्टर
09:15अपने कुलापूर के ही हैं हमारे हों
09:17मैं चेन्ने में उनके घर गया था
09:19तो उनके घर में
09:21गया तो बहार में
09:23एक बहुत बड़ी फ्रेम लगी थी
09:25तो जःतरबति शिवाजी महराज के दिए
09:55हिंदी माशा से लेकर
09:57और विशेश शुप से
10:01काशी से गागा भट उनका
10:03राज्यविशेक करने के लिए आये थे
10:05शिवराय कवी भूशन ने
10:07उनके बारे में कैसा कविताओं में का
10:09वो भी हमको मालुम है
10:11महाराश्ट में बाल कोलट कर करके
10:13मराठी
10:15नातकार थे
10:45विश्वास पाटील जी
11:15कादंबरी मराठी
11:45विश्वास पाटिल जी ने ये जो किताब लिखी है शिवाजी महराज पर
11:55ये अभी हम लोग हमारी बाशा में साता समुद्रा पलिकड़े हैं
12:05अंग्रेज जी के कारण अप छत्रपति शिवाजी महराज पूरे वेस्टरन कंट्रिय और दुनिया तक पहुचाने का काम उन्होंने किया है इसलिए मैं एक शिवा भक्त के नाते उनको बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं
12:15और दुर्माग्य से ये बात भी सच है अंग्रेजों से कुछ बात सिखनी चाहिए आप कहीं भी शेक्सपियर के वहाँ जाये उनकी मुज्यम में कहीं में उनकी एक आदत थी कि रहर रास रात को सोने के पहले वो डाइरी लिखते थे अपने बाशा में साता समुद्रा पलि
12:45और हमारे यहाँ आदत नहीं है इसलिए पीडियों से पीडिया बदल गई पर इतिहास जो था उस समय हुआ वो फिर देधरे अपने अपने सुविदा के नसार लोगों ने उस इतिहास को लिखा और इसलिए उसका सही इतिहास लोगों के सामने नहीं आया
13:03आज अंग्रेजी बाशा में किताव होने के नाते शिवाजी महाराज निष्चित रूप से दुनिया के लोगों को समझने का एक अच्छा उसर उन्होंने दिया है और ये हमारे सब के लिए बहुत खुशी है
13:33शिवाजी महाराज का चरितर सही अर्थम है
13:49दुनिया के सामने लाने के लिए जो विशेष्ट उप से विश्वास पातिल जी ने परिश्रम किया है
13:55मैं इस किताब को मेरे तरप से बहुत बहुत शुबखामनाए देता हूं
13:59नदीम खान जी जो है हमारे नागपूर की है उन्होंने इसका अंग्रेजी में ट्रांस्लेशन किया है
14:05थोड़ा बहुत मैं नागपूर में था तो किताब को पढ़ने की कोशिश की मेरे सर्योगिये उन्होंने पुरा पढ़ा
14:14और कुछ बातें उन्होंने मुझे बताई अभी मैं विश्वर रूप से इसको पढ़ूँगा पर इसका इंग्लिश्व ट्रांस्लेशन भी बहुत अच्छा हुआ है और निश्चित रूप से अभी किताब जो मराठी हिंदी के बाहर भी अंग्रेजी समझते है उन लोगो
14:45आज मुझे अच्छानक महत्वपूर्ण काम के लिए 7.30 के फ्लाइट से नाकपूर जाना था
14:51पर अभी लेट फ्लाइट से जाना है क्योंकि पारलमेंट में वीप है और भाशन शुरू है
14:58पूरा डिबेट होने तक आप कोई सवागरो मत छोड़ी है
15:02फिर भी मैं करनाटक के चीप मिनिस्टर घर पर आये थे उनसे मिलकर आपके आया हूँ
15:07मुझे फिर से पारलमेंट जाना है नहीं तो शशी धरूर जी का भाशन मुझे सुनना था
15:13मैं उनकी ख्षमा मांगता हूँ कि मैं मुझे जाना पड़ रहा है पर आप विश्वास जी का शशी धरूर जी का भी विचार जरूर सुनिए
15:21इस पुस्तक का प्रकाशन हुआ ये भी मैं जाहिर करता हूँ और फिर से एक बार शिवाजी महाराज के स्मृति में हाद जोड़कर नतमस्तक होकर अभिवादन करता हूँ और अपनी बात को समाप्त करता हूँ धन्यवाद

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