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सवाईमाधोपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व जिला परिवहन विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी से जिले में संचालित निजी एम्बुलेंस बिना मानकों के ही धड़ल्ले से दौड़ रही है। हालात यह है कि निजी एम्बुलेंस की जांच की ना तो स्वास्थ्य विभाग को चिंता है और ना ही परिवहन विभाग को फुर्सत है।
स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर सडक़ों पर दौड़ रहीं निजी एम्बुलेंस मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रही इन एंबुलेंस में ना तो जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था है और ना ही प्रशिक्षित स्टाफ की। इतना ही नहीं इनकी निगरानी करने वाला स्वास्थ्य विभाग व जिला परिवहन विभाग भी लापरवाह बना है। जिला मुख्यालय पर छोटी-बड़ी कुल 50 से अधिक निजी एम्बुलेंस संचालित है। ऐसे में दिनभर अस्पताल के बाहर निजी एम्बुलेंस का जमावड़ा लगा रहता है।
रेस्ट सूची ही चस्पा नहीं, मनमर्जी से वसूलते है किराया
जिला अस्पताल के बाहर निजी एम्बुलेंस की कतारे लगी है। खानपूर्ति के तौर पर निजी एसोसिएशन ने एक बैनर लगा रहा है लेकिन कहीं पर भी निजी एम्बुलेंस की किराया सूची नहीं चस्पा है। ऐसे में अस्पताल से रैफर होने वाले मरीजों से मनमर्जी से किराया वसूला जाता है। ऐसे गंभीर मरीजों को मजबूरन महंगे दामों पर ही एम्बुलेंस कर जाना पड़ता है।
नहीं लगे है जरूरी उपकरण
परिवहन विभाग की ओर से हर वर्ष इनका फिटनेस प्रमाणपत्र जरूर जारी किया जाता है। स्थिति यह है कि कई एम्बुलेंस से जरूरी उपकरण ऑक्सीजन मॉस्क, सिलेंडर, बीपी मशीन, अग्निशमन यंत्र तक नहीं है। मानकों के अनुसार एम्बुलेंस में प्रशिक्षित पैरा मैडिकल स्टाफ, आपातकालीन जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध होनी चाहिए। वहीं स्टेथोस्कोप, बीपी मॉनिटर, फोल्डिंग मशीन और पावर फुल टॉर्च भी होना अनिवार्य है।
ओमनी वैन जैसी गाडिय़ों का करे रहे उपयोग
निजी एम्बुलेंस वाले ज्यादातर ओमनी वैन जैसी छोटी गाडिय़ों के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा प्रदान कर रहे है। इससे मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा कई पुरानी मारुति वैन खरीदकर लोग एक हूटर लगा लेते हैं और उल्टे अक्षरों में एंबुलेंस लिखकर दौड़ा रहे हैं।

इनका कहना है...
जिले में मानकों के विरूद्ध संचालित हो रही निजी एंबुलेंसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन एम्बुलेंस में पर्याप्त सुविधाएं नहीं है, उनकी जांच कराई जाएगी।
केसी सोनी, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सवाईमाधोपुर

इनका कहना है..
निजी एम्बुलेंस संचालकों को फिटनेस, आरसी की वैद्यता, प्रदूषण, किराया सूची एवं एम्बुलेंस के अंदर लगे उपकरणों की जांच कर तीन दिन मेंं रिपोर्ट मांगी है। कमियां मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
पुन्याराम मीना, जिला परिवहन अधिकारी, सवाईमाधोपुर

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