शकुनि के 6 रहस्य: जानिए शकुनि जुए के खेल में नाकाम होने का कारण | Shukuni's Secrets Revealed
"जुआ और शकुनि के नाम से जुड़ी कहानियाँ हमेशा ही हमारे मनोरंजन का हिस्सा रही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शकुनि के पीछे छिपे रहस्य क्या हो सकते हैं? इस वीडियो में, हम आपको शकुनि के 6 बड़े रहस्यों के बारे में बताएंगे, जिनसे आप समझेंगे कि वह जुए के खेल में कभी हारता क्यों नहीं। ये रहस्य जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इसे जरूर देखें और हमें अपनी राय कमेंट्स में बताएं।"
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Transcript
00:00महाभारत में शकुनी ऐसे पात्र हैं, जिनको महाभारत के महायुद्ध का विलेन और जिम्मेदार माना जाता है.
00:07शकुनी जानते थे कि महाभारत युद्ध में कॉरवों की हार होगी, उसके बाद भी अपनी बेहन के खांदान का सर्वनाश करवा दिया.
00:15शकुनी हमेशा से बुरे खायालों वाले व्यक्ती नहीं थे, वह अपनी बेहन से बहुत प्रेम करते थे.
00:21शकुनी कभी नहीं चाहते थे कि उनकी बेहन की शादी नेत्रहीन धृतराष्टर से हो, लेकिन भीश्म के दबाव की वजह से शकुनी को धृतराष्टर से अपनी बेहन का विवाह करवाना पड़ा था.
00:33तब उसने कुरुवन्श से बदला लेने के लिए कुरुवन्श के जड़ को खोधना शुरु कर दिया, और जिसकी वजह से दुर्योधन ने कुरुवन्श को कुरुक्षेत्र के महारण में उतार दिया.
00:43शकुनी गांधार सामराज्य के राजा थे, लेकिन उसके बाद भी अपना अधिकतर जीवन बेहन गांधारी के ससुराल में व्यतीद किया था.
00:51गांधारी की शादी जब धृतराष्टर से हुई, तब शकुनी और उनकी एक सखी हस्तिनापुर गए थे.
00:57साथ ही राजनीतिक उद्देश्य की वजह से भी शकुनी को हस्तिनापुर रखा गया.
01:02अपनी बेहन और परिवार का बदला लेने के लिए शकुनी को गांधार राज्य त्यागना पड़ा और अपनी बेहन और भांजों के साथ हस्तिनापुर रहने लगे.
01:11यहीं रहकर अपने शडयंत्र को पूरा करने के लिए शकुनी कॉर्वों और पांडव पुत्रों के बीच गहरी खाई बनाते गए.
01:18गांधारी धृतराष्टर से शादी करने से पहले एक बक्रे की विध्वा थीं.
01:23किसी प्रकोप से मुक्ति के लिए जयोतिशियों ने गांधारी का विवाह एक बक्रे से करवाया था और फिर उस बक्रे की बली दे दी गई और उसके बाद धृतराष्टर से विवाह हुआ.
01:35यह जानकारी जब धृतराष्टर को मिली तब उन्होंने गांधार राज्य पर हमला कर दिया और गांधारी के पिता, राजा सुबल और माता सुधरमा, शकुनी समेत सो पुत्रों को जेल में बंद कर दिया.
01:47जेल में सभी के साथ बुरा बरताव किया और रोज सिर्फ मुठी अनाज सभी को दिया जाता था, जिसका एक एक दाना सभी के हिस्से में आता था. धीरे धीरे भूग से राजा सुबल के कई पुत्रों की मौत हो गई.
02:01राजा सुबल ने कुरुवन्श से बदला लेने के लिए अपने पुत्रों में से बुद्धिमान और चतुर शकुनी को बचाने का फैसला किया और उसको प्रतिशोध के लिए तैयार किया. सभी लोग अपना अपना भोजन शकुनी को देने लगे और शकुनी ने अपनी आ
02:31पासे मिलकर उसका एक पैर तोड़ दिया जिससे वह अपने परिवार के अपमान की बात याद रखे.
02:36तब से शकुनी लंगडा कर चलने लगा. शकुनी के पासे उनके पिता राजा सुबल की हड़ी से बने थे.
02:44शकुनी को चो सर खेलने में महारत हासिल था और कॉरवों में भी इसका मोह जगा दिया था. इसको देखते हुए मरने से पहले राजा सुबल ने शकुनी को अपनी हड़ी से पासे बनवाने के लिए कहा था.
02:57राजा सुबल ने कहा कि ये पासे हमेशा तुम्हारी आज्या मानेंगे और कोई तुमको हरा नहीं सकेगा. साथ ही इनही पासों से धृतराष्टर के वंश का अन्त हो जाएगा. राजा सुबल के मरने के बाद उनकी कुछ हड़ियां शकुनी ने बचा कर रख ली थी और फ
03:27पाणडवों से नफरत करता था. पाणडवों ने समय-समय पर अनेक कष्ट दिये थे और कई अवसरों पर परेशान भी किया था.
03:34साथ ही शकुनी के पैर का भी पाणडवों ने मजाक उडाया था. कुरुक शेत्र के युध में पांडु पुत्र नकुल ने शकुनी और उनके पुत्र उलूक को मार दिया था.
03:45महाभारत युध के बाद श्री कृष्ण ने भीम को बुलाया और कहा कि इन पासों से इतना बड़ा नरसंघार हो गया है इसलिए भविश्य में ऐसा ना हो तो तुम इनको नष्ट कर दो ताकि किसी को यह पासे ना मिल सकें. अर्जुन उधर से निकल रहे थे और कृष्ण
04:15में जूआ पिर से आरम्ब हो जाएगा और इनसान की बरबादी
04:19का कारण बनेगा. अन्त में यही हुआ, पासे किसी आम
04:23इनसान के हाथ लग गए और परिणाम यह हुआ कि जूआ किसी
04:27न किसी रूप में आज भी समाज में मोजूद है.