इस एक गलती से हुआ था कलयुग का आरम्भ | When and How Did Kaliyuga Start

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क्या आप जानते हैं कि कलयुग का आरम्भ किस गलती से हुआ था? इस वीडियो में हम आपको बताएंगे उस पौराणिक घटना के बारे में जिसने त्रेतायुग से कलयुग की शुरुआत की। जानिए कैसे एक छोटे से फैसले ने सम्पूर्ण मानवता को कलयुग के चक्र में धकेल दिया। देखिए और समझिए इतिहास के इस महत्वपूर्ण मोड़ को!

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00:00पुराणों में चार युगों का वर्णन मिलता है
00:02सतय युग, त्रेता युग, द्वापर युग और कली युग
00:05कली युग को एक श्राप कहा जाता है
00:08पर क्या आपको पता है कि पृत्वी पर कली युग कैसे आया, कैसे कली युग की शुरुवात हुई?
00:13आईये हम बताते हैं
00:15क्या हमने कभी इस बात की ओर ध्यान दिया है कि ऐसा क्या कारण रहा होगा
00:19जिसके चलते कली युग को धर्ती पर आना पढ़धा?
00:22आखिर क्या रहस्य है कली युग के धर्ती पर आगमन के पीछे?
00:26महान गणितज्य आर्यभट ने अपनी पुस्तक आर्यभटियम में इस बात का उलेख किया है
00:32कि जब वह 23 वर्ष के थे तब कली युग का 26.75 वर्ष चल रहा था
00:38आंकद्धों के अनुसार आर्यभट का जन्म 476 ईसवी में हुआ था
00:43गणना की जाये तो कल युग का आरम्भ इनके 102 ईसा पूर्व हो चुका था
00:48जब धर्मराज युधिश्ठिर अपना पूरा राजपाथ परीक्षित को सौंप कर
00:53अन्य पांडवों और द्रौपदी समेत महा प्रयाण हेतु हिमालय की ओर निकल गय थे
00:58उन दिनों स्वयम धर्म बैल का रूप लेकर गाय के रूप में बैठी पृत्वी देवी से सरस्वती नदी के किनारे मिले
01:05गाय रूपी पृत्वी के नयन आँसुओं से भरे हुए थे उनकी आँखों से आँसु बह रहे थे
01:11पृत्वी को दुखी देख धर्म ने उनसे उनकी परिशानी का कारण पूचा इस सवाल पर पृत्वी देवी बोली हे धर्म तुम तो सब कुछ जानते हो सत्य पवित्रता ख्षमा दया संतोष त्याग शास्त्र विचार ग्यान वैराज्य शौर्य तेज एश्वर्य कांती
01:41की वजह से कलियूग ने मुझपर कबजा कर लिया है। पहले भगवान
01:45कृष्ण के चरण मुझपर पढ़ी डीडी हचते थे जिसकी वजह से मैं
01:49खुद को सौभाग्य शाली मानती थी परंतु अब ऐसा नहीं है अब मेरा
01:52सौभाग्य समाप्त हो गया है। धर्म और पृत्वी आपस में बात कर
01:56ही रहे थे की इतने में असुर रूपी कलियूग वहां आ पहुंचा और
02:00बैल और गाय रूपी धर्म और पृत्वी को मारने लगा। राजा परीक्षित वहां
02:04से गुजर रहे थे। जब उन्होंने यह द्रिश्य अपनी आँखों से देखा, तो कलियूग
02:09पर बहुत क्रोधित हुए। अपने धनुश पर बान रखते हुए, राजा परीक्षित
02:14ने कलियूग से कहा, दुष्ट पापी, तु कौन है? इन निरीह गाय तथा बैल
02:19को क्यों सता रहा है? तु महान अपराध ही है, तेरा अपराध
02:24क्षमा योग्य नहीं है, तेरा वध निश्चित है। राजा परीक्षित
02:28ने बैल के स्वरूप में धर्म और गाय के स्वरूप में पृत्वी
02:32देवी को पहचान लिया. परीक्षित राजा ने उनसे कहा, हे व्रिशब,
02:36आप धर्म के मर्म को भली भांती जानते हैं, इसलिए आप किसी
02:40के विशय में गलत ना कहते हुए अपने उपर अत्याचार करने
02:44वाले का नाम भी नहीं बता रहे हैं. धर्म सतयुग में आपके
02:48तप, पवितरता, दया और सत्य चार चरण थे. त्रेता में तीन
02:53चरण रह गए, द्वापर में दो ही रह गए और अब इस दुष्ट
02:57कल्यूग के कारण आपका एक ही चरण रह गया है. पृत्वी
03:01देवी भी इसी बात से दुखी हैं? इतना कहते ही राजा
03:05परीक्षित ने अपनी तलवार निकाली और कल्यूग को
03:08मारने के लिए आगे बढ़े. राजा परीक्षित का क्रोध
03:11देखकर कल्यूग कांपने लगा. कल्यूग भैभीत होकर
03:14अपने राजसी वेश को उतार कर राजा परीक्षित के
03:18चरणों में गिर गया और क्षमा याचना करने लगा. राजा
03:22परीक्षित ने शरण में आए हुए कल्यूग को मारना उचित
03:25न समझा. और उससे कहा, कल्यूग, तु मेरे शरण में
03:28आगया है, इसलिए मैं तुझे जीवन दान दे रहा हूँ.
03:31किन्तु अधर्म, पाप, जूट, चोरी, कपट, दरिद्रता, आदी
03:37अनेक उपद्रवों का मूल कारण केवल तु ही है. तु मेरे
03:41राजसे अभी निकल जा और फिर कभी लोटकर मत आना.
03:44परीक्षित की बात को सुनकर कलियुग ने कहा कि पूरी प्रित्वी
03:48पर आपका निवास है. प्रित्वी पर ऐसा कोई भी स्थान नहीं
03:52है जहां आपका राज्य नहों, ऐसे में मुझे रहने के
03:55लिए स्थान प्रदान करें. कलियुग के ये कहने पर राजा
03:59परीक्षित सोच ने किचार कर कहा, जूत, द्यूत, मद्यपान,
04:03परस्त्री गमन और हिंसा, इन चार स्थानों में असत्य,
04:07मद, काम और क्रोध का निवास होता है. तु इन चार स्थानों
04:11पर रह सकता है. परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
04:15परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग
04:19बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
04:23परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग
04:27बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
04:31परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग
04:35बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
04:39परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग
04:43बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
04:47परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग
04:51बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
04:55परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग
04:59बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
05:03परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग
05:07बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन,
05:11परन्तु इसपर कलियुग बोला, हे राजन, परन्तु इसपर कलियुग बोला,

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