क्या आप जानते हैं महाभारत के उन पांच महारथियों के बारे में, जिन्हें छल से मारा गया था? इस वीडियो में, हम आपको लेकर जा रहे हैं महाभारत के उन रहस्यमय महारथियों की कहानी जिन्हें धर्मयुद्ध में विजयी होने का मौका छीना गया। इन महारथियों की कहानी और उनकी छल से मृत्यु की कहानी को जानने के लिए वीडियो देखें।
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00:00कुरुख शेत्र का मैधान, जहां करोडो योध्धाओने धर्म और अधर्म के नाम पर युध में भाग लिया और अपनी जान गंवा दी.
00:08इस महा युध को महाभारत के नाम से जाना है.
00:11श्री कष्ण ने इस युध से पहले अर्जुन से कहा था की इन योध्धाओं को गौर से देख लो, ये इस युग के सबसे महान और पराक्रमी योध्धा हैं जो इस युध के बाद शायद ही देखने को मिलेंगे और आने वाले युगों में ऐसे योध्धा फिर जन्म भी न
00:41गहुं को पी कर लाल है धर्म और अधर्म के इस युध में धर्म
00:45की जीत के लिए कई महा यौध्धाओं கो छल पूर्वक और कैयों
00:49को युध के नियम के विरुद्ध जाकर मार डाला कया, क्योंकी युध का
00:53एक ही नियम होता है जीत और इसके लिए सारे नियम और लोकाचार भुला दिये जाते हैं।
00:58महाभारत के महायुद्ध में सबसे बजुर्ग और सभी योद्धाओं में श्रेष्ठ भीश्म थे।
01:05अपनी राजभक्ति के कारण इन्होंने कॉरवों के साथ युद्ध में भाग लेने का निर्णय किया और पांडवों के वियज में सबसे बड़े बाधक बन गए।
01:14इन्हें पराजित किये बिना महाभारत के युद्ध में पांडवों का विजयी होना असंभव था क्योंकि भीश्म कॉरवों के सेनपती के तौर पर उनके ढाल बने हुए थे।
01:24अठारे दिन तक चले इस युद्ध में भीश्म अकेले ही दस दिनों तक पांडवों की सेना का संघार करते रहे। ऐसी स्थिती में भगवान श्री कृष्ण की सलह से अर्जुन अपने रत पर शिखंडी को ले कराते हैं जो न पुरुष था न स्ट्री। भीश्म शिखं
01:54दिन भीश्म जpts.
02:24और द्रोनाचार्य के पास जाकर कहने लगे कि मैंने अश्वत्थामा का वद कर दिया।
02:29अश्वत्थामा द्रोनाचार्य के पुत्र का भी नाम था।
02:32द्रोनाचार्य को भीम की बात पर भरोसा नहीं था।
02:36इसलिए धर्मराज युधिष्ठिर से पूछा कि क्या अश्वत्धामा मारा गया।
02:51जब युधिष्ठिर यह कह रहे थे उस समोय भग्वान स्रीक्रिशण ने हस्वल्स कर दिया
02:56जिससे द्रोनाचार्य बात को सही से सुन नहीं पाए
02:59और शोका कुल होकर अपने अस्तर शस्त्र रख दिये।
03:02मौके का फायदा उठाकर द्रौपदी के भाई ध्रिष्ट द्युम्न ने द्रोणाचारे का वद कर दिया।
03:08दुरियोधन के जीजा जैदरत के कारण अर्जुन के पुत्र अभिमन्यू का वद कॉरवों ने मिल कर किया था।
03:14इससे क्रोधित होकर अर्जुन ने प्रतिग्या ले ली कि अगले दिन के युध में सूर्यास्त तक वह जैदरत का वद कर देंगे नहीं तो खुद अगनि समाधी ले लेंगे।
03:24कॉरवों की पूरी सेना उस दिन जैदरत की सुरक्षा में लग गई, ऐसे में अर्जुन के लिए जैदरत का वद कर पाना असंभव हो गया। ऐसी स्थिती में श्री कृष्ण ने एक चाल चली, उन्होंने अपनी माया से सूर्य को धक दिया, जिससे अंधेरा चा गया।
03:39जैदरत ने यह समझा कि शाम हो चुकी है और वह अर्जुन के सामना खुद आ गया। श्री कृष्ण तो यही चाहते ही थे, इन्होंने अर्जुन से कहा कि अपना धनुश उठाओ और जैदरत का वद करो, अभी सूर्यास्त नहीं हुआ है। कृष्ण के इतना कहते ही सूर
04:09पहिया भूमी में धंस जाता है। उस समय निहत्य कर्ण पर अर्जुन
04:14ने दिव्यास्त्र चला दिया और कर्ण वीरगती को प्राप्त हुए। महाभारत
04:19के युद्ध का अन्तिम महायोध्धा जिसका वध चल पूर्वक हुआ था,
04:23वह है दुरियोधन, जिसे महाभारत का खल नायक भी माना जाता है। दुरियोधन
04:29और भीम के बीच में गदा युद्ध हुआ। इस युद्ध में गदा का प्राहार कमर से ऊपर करने का
04:35नियम था। लेकिन भीम ने कृष्ण के संकेत पर दुरियोधन के कमर पर वार करना शुरु कर दिया, क्योंकि दुरियोधन
04:41के शरीर का ऊपरी भाग गान्धारी ने वज्र का बना दिया था। इस तरह चल पूर्वक दुरियोधन का भी अंत कर दिया गया।