नुकसान मांसाहार के

  • 3 months ago
मांसाहार खाना क्यों नुकसान करता कहा जाता है? इसे खाने पर हमें किस प्रकार नुक्सानी हो सकती है?
Transcript
00:00मानसा हरच तो क्या नुकसान होता है? कप्या बताएं
00:02मानसा हरच तो बहुत नुकशान होता है
00:06एक तो पंचेंदरी जीव की हिंसा होती है
00:08कोई जीव को दुख पसंद नहीं है
00:12छोटी चीटी को भी पकड़ने जाओगे भागेंगी
00:14बंदर को भी पकड़ो पिंजरे में तो, इइइइ करके तोड़ के भागने लिए दिन राथ चिलाएगा।
00:20क्योंकि पसतन नहीं किसी को, और बंदन तो पसतन नहीं है, मगर हिंसा तो बहुत पसतन नहीं है।
00:25चोटा चिकन को भी मारने जाओगे भागेगा।
00:28तो चुरी, अमरे उंगलीज में चुरी लगाके देखो आप, कितना त्रास लगेगा अमें।
00:33तो उसकी गर्दन काटते हो, कितना त्रास लगता अमें।
00:36और उसको हम मटन बटन खाये, तो शरीर में उसका भई के परमाणों, हिंसा के परमाणों शरीर में जाते हैं।
00:44और हमारा बॉड़ी सचमुच वेजिटेरियन है।
00:48नॉन वेजिटेरियन के दान्त अलग रहते हैं, नक अलग, नाकुन अलग रहते हैं,
00:53उसकी जिब का पानी पीने का अलग रहता है, उसका फुदाग अलग रहता था।
00:57और उस सारी ज़िनगे वेज़िटेरियन खाता यह नहीं है।
01:01और हम तो स्पीर वेजिटेरियन हैं, हमारा सरीर फेजिटेरियन के लिए है।
01:07तो ये हिंसा वाला छुड़ सकता है।
01:10और वेजिटेरियन में सो मेनी आइटम्स,
01:11आश्कल तो भीगाई तक, भीगन तक पहुचे हैं।
01:14और जो खाने में, जो अन्जाने में जो जीव आ जाते हैं,
01:17उनके खाने से क्या नुखसान होता है?
01:19हाँ, आवरन चड़ जाते हैं, ग्रास्पिंग।
01:22एक दो नुखसान होते हैं, वो जीव भी हिसाब वेर का बान सकता हैं,
01:27हिसाब बदला लेगा।
01:29ये जो होते हैं, दर्द सब परकार के रोग,
01:31उसमें जीवों की हिंसा होने से,
01:33वो लोग जीव हमारे पर एटेक करके, दर्द रूप से फल देते हैं।
01:36और दूसरा नुखसान होता है, आवरन वाला।
01:40जैसे चश्मे के उपर सफ़ेट कलर लगा दिया,
01:43ये तो कार के उपर कच्रा आ गया, तो ड्राइविंग करने में बजा आएगे,
01:47तो साफ करते हैं, क्लियर दिखना, विजन क्लियर होना चाहिए।
01:50तो विजन को आवरन कर देता है, नॉन वेज़ वाली आइटम।