मोक्ष की परिभाषा

  • 3 months ago
क्या परम सुख की प्राप्ति को मोक्ष कहा जाएगा? मोक्ष की सही परिभाषा क्या है?
Transcript
00:00माल k najbardziej
00:10मैं एया जाना के मोक्ष की पारिभास है sain chahan ke Moksh kee paribhaas hai
00:12इसको मौक्ष की हमें कया है ilko Moksh kihe humein kaya hai
00:14मोक्ष की पारीभासा Moksh kee Paribhasa
00:16उसका सबित बन्धन। toastka sabit bandhan.
00:19तो बंदन आपका कुछ अनुबो में आता है?
00:22अरे यहां बैठे हो शांती सकी से वैं
00:24क्यों इधर बैठे हो चलो बाहर निकलो
00:26समझते नहीं इधर गुश जाते हो
00:27ऐसे किसी ने कुछ बोल दिया
00:29तो दुख लगता है?
00:30वो ही बंदन
00:32अरे आपके पास दो अजार रुपया था किसे में
00:34और आप इधर से निकलने के टाइम देखे
00:36अरे मेरे पैसे चले गये
00:37मेरा परस कोई काट लिया
00:39तो दुख हो जाता है
00:40वो ही बंदन
00:43घर में से फौन आया
00:44अरे पापा का एकसिडन्ट हो किया
00:46तो भी दुख लग जाता है
00:47क्या होईगा, क्या होईगा
00:49अरे आपका अफिस में से फौन आया
00:51अरे तुम्हारी अफिस जल रही है
00:54सब लुक्सान हो रहा है
00:55तो कितना डर लगता है
00:57वही लगता है, दुख लगता है
00:59किसी कोई भी परिस्तिति में
01:02वही बंदन का स्वरुब है
01:04तो वही परिस्तिति होते हुए भी
01:07दुख touch नहीं हो जाए
01:08उसको मोक्ष बोला जाता है
01:10मोक्ष यहने दुखों से मुक्ति
01:12समझ में आता है नहीं
01:13दो स्टेज का मोक्ष है, दो स्टेज का
01:16जब मानों अपने परम सुख को पराप्त कर लेता तो मोक्ष होता है
01:18हाँ, जो सुख के बाद वापस कभी दुख आता ही नहीं
01:22उसको फर्स्टेज का मोक्ष बोला जाता है
01:25मोक्ष यहने दुख के बाद वापस सुख नहीं आता है
01:29सुख के बाद वापस दुख नहीं आता है
01:31दुख तो संसार में दुख ही ही दुख है
01:34और दुख टच नहीं होगा, वो फर्स्टेज का मोक्ष है
01:38तमाम दुखों से मुक्ति, वो फर्स्टेज का मोक्ष है
01:41और बाद में तमाम कर्मों से मुक्ति, देह से भी मुक्ति, संसार से भी मुक्ति
01:45वो अत्यांतिक मोक्ष, वो सेकेंट स्टेज का मोक्ष है
01:48आत्मज्ञान प्रयाप्त होने से पहला स्टेज का मोक्ष मिलता है
01:52क्योंकि किसी ने बोला संपदराज ऐसे है वैसे है, तुरन्त अपसेट होते थे
01:57अभी मालूं वो यह तो संपदराज को बोलता है, नेम प्लेट को बोलता है
02:00मैं तो शुद्धात्मा हूँ, यह शुद्धात्मा की जागरती से
02:03कितने प्रकार के दुख अपने आप छुट जाते हैं, तो फर्स्ट स्टेज का मोक्ष शुरू हो जाता है
02:08और बाद में जितनी फाइलों का संभाव से निकाल करते रहे हैं
02:13तो धिरे धिरे व्यावार में से सभी के इसाब पूरे हो गए, तो कोई बादेगा नहीं आपको
02:18तो सभी कर्म पूरा हो गया, तो लास्ट स्टेज का मोक्ष आता है
02:21उसको अत्यन्तिक मोक्ष, उसको केवल एप्सेलूट स्टेज ओफ मोक्ष बोला जाएगा
02:27उसको ही परमात्मदशा बोला जाता है
02:30और वो आत्मग्यान से सुरू होती है, फर्स्ट स्टेज का मोक्ष आत्मग्यान तभी होता है
02:35और लास्ट स्टेज केवल ज्ञान हो गया, तो पुर्णदशा वितर में मोक्ष स्वरुभ हो गया
02:42बाद में दे के कर्म पुरे हो गया है, तो निर्वान हो के सिद्ध खेत्र में चाला जाता है
02:46वो बाद में अनन्त काल तक, कुछ के अनन्त समाधी सुख में रहता है