जब कोई हमारे काम में गलती निकाले तब...

  • 3 months ago
काम में कोई गलती निकाले तब व्याकुल हो जाते है। इस पर व्याकुल न होकर अपने काम में सुधार लाएं इसके लिए सही समज कैसे अपनाएं?
Transcript
00:00काम सुधार का अच्छी बात हैं.
00:16मैरे काम में कोई भी तुरुटी लिकाल दोता है तो मैं बहुत
00:20भ्याकुल हो जाता हूम।
00:22काम की तुरुटी लिकाल है आप क्यों भ्याकुर हो जाते हो?
00:25कामको सुधारनेका अच्छी बात है।
00:27आप भी बोलो नहीं अच्छा किया आपने तुट्टि बताई
00:29मैं सुधार् लूगा काम को।
00:31काम सुधारना है नहीं हमें कोई गल्टी निकाल देता है।
00:34या जैसे कि आदे लोग कहाते हैं कि सही है, आदे लोग कहाते हैं कि गलत हैं।
00:38देखो, जिसको improvement लाना है, तो गल्टी वाला सुनेगा।
00:42नहीं, वो मूर्टीकार की बात है नहीं, मूर्टी बनाने वाले, बाप था और बेटा, बेटा ने मूर्टी बनाई,
00:48चाऊवाले बोलते हैं बात बढ़्या है, बात बढ़्या है। उसका बाप बोलता है, इसमें दो गलति हैं।
00:54उसने सुधारि, दूसरी अच्छी मूर्टी बनाई, लोग बोलने लगे बहुत अच्छी है, बापने उसमें एक अग गल्ती रह गई ये.
01:01तो ये गल्टी सुधारने से मुर्थी अच्छी बनेगी के बिगडेगा जादा काम?
01:06अच्छी बनने जादा काम?
01:08हाँ, वो समझने जैसा है.
01:10तीसरी बार उसने मुर्थी बनाई, सबने बोला बहुत अच्छी है, बढ़िया, दोनों से अच्छा है.
01:15आपने बोला ये इतना-इतना सुधारने की जुरू है?
01:17बस तुझे जलस है मेरे काम के लिए, सारे गाउं बोलते है बहुत अच्छी है.
01:22सारा मैं बन कर दूँगा.
01:24बन कर दिया, उसकी प्रगती रूख गई.
01:26धन्यवाब.
01:28जयी सचे धन्यवाब.