नार्थ दिल्ली के मसहूर होल सेल कूलर मार्केट इंद्रलोक के कूलर कारोबारीयो ने सरकार से उनके कारोबार में छूट देने की उम्मीद जताई , कारोबारीयो का कहना है, गर्मी के सीजन के लिए जनवरी ,फरवरी में ही हर साल भारी मात्रा में माल तैयार कर गोदामो औऱ दुकानो में भर लेते है उसकी बिक्री अप्रैल से शूरू हो जाती है , लेकिन लाँक डाउन के कारण सीजन का आखरी दौर आ चुका है ऐसे अगर दुकाने खोलने की परमिशन नही मिला तो मजदूरों के साथ कारोबारी भी भूखे मरने के कगार पर होंगे ।
गर्मी से राहत देने वाला कूलर का बाजार बंद होने से लोग बेशक परेशान हो , लेकिन उनसे ज्यादा परेशानी इन दिनो उनके कारोबार करने वाले लोग है जो जनवरी फरवरी में हर साल बड़े मात्रा में इस व्यापार में पैसे लगाकर गर्मीयो के लिए अपने गोदाम और दुकानो में भारी मात्रा में माल भर लेते है । इस बार भी ज्यादातर कारोबारीयो ने ऐसा ही किया , कईयो ने अपने घर के जुलरी कैश के साथ बाजार से कर्ज लेकर पैसा लगाया है , इसके लिये बाकया बड़े बड़े गोदाम भी किराये पर लिए थे , लेकिन लाँक डाउन के कारण अब तक ये सिर्फ दुकानो और गोदाम के किराया भरते आ रहे है बाजार बंद होने के कारण सारा माल वैसे ही पड़ा है और सीजन का आकरी दौर चल रहा है इसके बाद मानसून आते ही काम बंद हो जाता है ऐसे में अगर इन्हे उमीद है कि अगर थोड़ा राहत मिले , तो वे कमसे कम अपना औऱ अपने लेबर्स का कुछ दिनो तक पेट भर सके ।
लाँक डाउन के दौरान इन कारोबारीयो ने केन्द्र सरकार औऱ दिल्ली सरकार से माँग करते आ रहे है , कि इनका सीजन कुछ दिनो का होता है इसलिए उन्हे भी थोड़ी छूट मिलनी चाहिए , लेकिन अब इनका आस भी टूट चूका है इनका कहना है कि सारा सीजन गूजर चुका है बस चंद दिनो का आखरी वक्त रह गया है ऐसे में इन्हे अगर थोड़ी राहत मिल जाता है तो दुकान का किराया और अपने मजदूरों के साथ खुद पेट भरने के लिए कुछ कर सके । इसके साथ इन दुकानदारो का ये भी कहना है कि उनलोगो ने अपने दुकानो के किराये में थोड़ा बहुत राहत के लिए मकान मलिको से गुजारिश की थी मगर वहाँ से भी कोई राहत नही मिला । अब सरकार से उमीद है कि 17 मई के बाद इन्हे छूट मिले ।
इन कारोबारीयो के साथ साथ यहाँ काम करने वाले लेबर औऱ दुसरे रिक्शे ठेले वाले भी इस आस में है कि मार्केट खुले तो कुछ न कुछ इनके पेट भरने का सहारा मिले । बाजार बंद होने से ये लोग भी मायूस बैठे है । ऐसे अब इन्हे लाँक डाउन 4.0 में छूट मिलने की उमीद बाकी है।
गर्मी से राहत देने वाला कूलर का बाजार बंद होने से लोग बेशक परेशान हो , लेकिन उनसे ज्यादा परेशानी इन दिनो उनके कारोबार करने वाले लोग है जो जनवरी फरवरी में हर साल बड़े मात्रा में इस व्यापार में पैसे लगाकर गर्मीयो के लिए अपने गोदाम और दुकानो में भारी मात्रा में माल भर लेते है । इस बार भी ज्यादातर कारोबारीयो ने ऐसा ही किया , कईयो ने अपने घर के जुलरी कैश के साथ बाजार से कर्ज लेकर पैसा लगाया है , इसके लिये बाकया बड़े बड़े गोदाम भी किराये पर लिए थे , लेकिन लाँक डाउन के कारण अब तक ये सिर्फ दुकानो और गोदाम के किराया भरते आ रहे है बाजार बंद होने के कारण सारा माल वैसे ही पड़ा है और सीजन का आकरी दौर चल रहा है इसके बाद मानसून आते ही काम बंद हो जाता है ऐसे में अगर इन्हे उमीद है कि अगर थोड़ा राहत मिले , तो वे कमसे कम अपना औऱ अपने लेबर्स का कुछ दिनो तक पेट भर सके ।
लाँक डाउन के दौरान इन कारोबारीयो ने केन्द्र सरकार औऱ दिल्ली सरकार से माँग करते आ रहे है , कि इनका सीजन कुछ दिनो का होता है इसलिए उन्हे भी थोड़ी छूट मिलनी चाहिए , लेकिन अब इनका आस भी टूट चूका है इनका कहना है कि सारा सीजन गूजर चुका है बस चंद दिनो का आखरी वक्त रह गया है ऐसे में इन्हे अगर थोड़ी राहत मिल जाता है तो दुकान का किराया और अपने मजदूरों के साथ खुद पेट भरने के लिए कुछ कर सके । इसके साथ इन दुकानदारो का ये भी कहना है कि उनलोगो ने अपने दुकानो के किराये में थोड़ा बहुत राहत के लिए मकान मलिको से गुजारिश की थी मगर वहाँ से भी कोई राहत नही मिला । अब सरकार से उमीद है कि 17 मई के बाद इन्हे छूट मिले ।
इन कारोबारीयो के साथ साथ यहाँ काम करने वाले लेबर औऱ दुसरे रिक्शे ठेले वाले भी इस आस में है कि मार्केट खुले तो कुछ न कुछ इनके पेट भरने का सहारा मिले । बाजार बंद होने से ये लोग भी मायूस बैठे है । ऐसे अब इन्हे लाँक डाउन 4.0 में छूट मिलने की उमीद बाकी है।
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