दिल्ली में लॉक डाउन के चलते टाटा पावर डीडीएल के कुल 3500 कर्मचारियों में से केवल 500 लोगों के कन्धों पर दिल्ली में बिजली उपलबध कराने की जिम्मेदारी है। टाटा पावर इसका भी विशेष ख्याल रख रही है की दिल्ली में बिजली की वजह से जरूरी सेवा में लगे संस्थानों जैसे हॉस्पिटल, जल बोर्ड, इंटरनेट कुछ फैक्ट्रियों आदि सेवा की बिजली बाधित न हो। हालांकि दिल्ली में बिजली की खपत 40 प्रतिशत तक कम हो गयी है। ऐसे में टाटा पावर डीडीएल को आर्थिक बोझ की भी चिंता है और वह लोगों से बिजली का बिल सही समय पर भरने की अपील भी कर रही है। टाटा पावर कैसे कम संस्थाओं में कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल है। देखिये ये रिपोर्ट ----
दिल्ली के एक बहुत बड़े हिस्से को विजली सप्लाई करने वाली कम्पनी टाटा पावर डीडीएल के 3500 कर्मचारियों में से केवल 500 लोगों के कन्धों पर बिजली सप्लाई सही रखने की जिम्मेदारी है। ऐसे में टाटा पावर ने अपने तमाम कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचने और बिजली की सही सप्लाई के लिए विशेष इंतजाम किये है। टाटा पावर डीडीएल ने इन संस्थाओं और सेवाओं में लगे प्रतिष्ठानों के लिए विशेष इंतजाम किये है। जो जरूरी सेवाओं में जैसे हॉस्पिटल, जल बोर्ड, इंटरनेट सेवा और दवा, सेनेटाइजर जैसे फैक्ट्रियों में लगे है। एक बड़ी स्क्रीन पर ऑनलाइन नजर रखी जा रही है। इसमें 12 -12 घंटे की शिप्ट में कर्मचारी लगातार तीन दिन काम करते है और बाकी दिन छुट्टी रहती है। इससे न केवल ट्रैवलिंग की दिक्कत ख़त्म हो गई बल्कि लगातार ऐसी सेवाओं को जारी रखा जा रहा है। कहीं भी बिजली सप्लाई की दिक्कत होती है तो ऐप के जरिये तुरंत पता चलता है और इस कण्ट्रोल रूम से तुरतं वैकल्पिक सप्लाई जोड़ दी जाती है। हर ऐसी जरूरी सेवाओं के लिए कम्पनी ने 3 -3 सप्लाई विकल्प का इंतजाम किया हुआ है।
दिल्ली में टाटा पावर डीडीएल के सामने एक और बड़ी चुनौती है। दिल्ली में अभी तमाम तरह की कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी बंद है। ऐसे में बिजली की खपत भी 40 प्रतिशत तक कम हो गयी है। अभी केवल 21 दिन का लॉक डाउन है, लेकिन यह बढ़ाया भी जा सकता है। ऐसी आशंका से टाटा पावर को कैश फ्लो की कमी का सामना भी कर सकता है। ऐसे में टाटा पावर डीडीएल के सीईओ गणेश श्रीनिवेशन अपने उपभोक्तओं से अपील कर रहे है कि ऐसे संकट को देखते हुए बिजली बिल सही समय पर भरें ताकि बिजली उत्पादन करने वालों को भुगतान किया जा सके।
टाटा पावर ने लॉक डाउन की स्थित में हर तरह के इंतजाम किये हुए है। लेकिन आशंका है कि यदि यह लॉक डाउन आगे बढ़ा तो टाटा पावर की आर्थिक समस्या बढ़ जाएगी। इस समय में बिजली का भुगतान नहीं करने वालों की सप्लाई भी नहीं काट सकते। शायद यही वजह है कि कम्पनी इस समय में भी बिजली के बिलों के भुगतान की अपील कर रही है।
दिल्ली के एक बहुत बड़े हिस्से को विजली सप्लाई करने वाली कम्पनी टाटा पावर डीडीएल के 3500 कर्मचारियों में से केवल 500 लोगों के कन्धों पर बिजली सप्लाई सही रखने की जिम्मेदारी है। ऐसे में टाटा पावर ने अपने तमाम कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचने और बिजली की सही सप्लाई के लिए विशेष इंतजाम किये है। टाटा पावर डीडीएल ने इन संस्थाओं और सेवाओं में लगे प्रतिष्ठानों के लिए विशेष इंतजाम किये है। जो जरूरी सेवाओं में जैसे हॉस्पिटल, जल बोर्ड, इंटरनेट सेवा और दवा, सेनेटाइजर जैसे फैक्ट्रियों में लगे है। एक बड़ी स्क्रीन पर ऑनलाइन नजर रखी जा रही है। इसमें 12 -12 घंटे की शिप्ट में कर्मचारी लगातार तीन दिन काम करते है और बाकी दिन छुट्टी रहती है। इससे न केवल ट्रैवलिंग की दिक्कत ख़त्म हो गई बल्कि लगातार ऐसी सेवाओं को जारी रखा जा रहा है। कहीं भी बिजली सप्लाई की दिक्कत होती है तो ऐप के जरिये तुरंत पता चलता है और इस कण्ट्रोल रूम से तुरतं वैकल्पिक सप्लाई जोड़ दी जाती है। हर ऐसी जरूरी सेवाओं के लिए कम्पनी ने 3 -3 सप्लाई विकल्प का इंतजाम किया हुआ है।
दिल्ली में टाटा पावर डीडीएल के सामने एक और बड़ी चुनौती है। दिल्ली में अभी तमाम तरह की कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एक्टिविटी बंद है। ऐसे में बिजली की खपत भी 40 प्रतिशत तक कम हो गयी है। अभी केवल 21 दिन का लॉक डाउन है, लेकिन यह बढ़ाया भी जा सकता है। ऐसी आशंका से टाटा पावर को कैश फ्लो की कमी का सामना भी कर सकता है। ऐसे में टाटा पावर डीडीएल के सीईओ गणेश श्रीनिवेशन अपने उपभोक्तओं से अपील कर रहे है कि ऐसे संकट को देखते हुए बिजली बिल सही समय पर भरें ताकि बिजली उत्पादन करने वालों को भुगतान किया जा सके।
टाटा पावर ने लॉक डाउन की स्थित में हर तरह के इंतजाम किये हुए है। लेकिन आशंका है कि यदि यह लॉक डाउन आगे बढ़ा तो टाटा पावर की आर्थिक समस्या बढ़ जाएगी। इस समय में बिजली का भुगतान नहीं करने वालों की सप्लाई भी नहीं काट सकते। शायद यही वजह है कि कम्पनी इस समय में भी बिजली के बिलों के भुगतान की अपील कर रही है।
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