The Evil king Ravan is baffled when he learns that Hanuman has managed to escape the wrath of the Brahmastra, the weapon that spells death and which is feared by every King and every God including Lord Ram himself. However, Ravan remains confident that the skills that he possesses will definitely give him victory and he proudly announces that he will put an end to Hanuman and his entire Vanar Sena. He then calls for the renowned illusionist, Kaalnimi who has the power to be present in all the three worlds at the same time. Will Kaalnimi succeed in his endeavour to kill the mighty Hanuman?
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00:00जैसे वो पूंच में आग लगाते समय दिख रहा था
00:30यह कैसे संभाव हो सकता है ब्रह्मास्त्र के आगे इंद्र क्या मुझे भी जुकना पड़ता है वो जटाधारी जाम भी तो ब्रह्मास्त्र के आगे विवाशोकराचेत पड़ा हुआ है
00:54ये वानर कैसे प्रभाव मुक्त रह सकता है यही तो गोर आश्चालिये
01:06तो क्या वो वानर तथा कथित रम रम ना और मुझसे भी अधिक शक्ति शाली है आपकी बात तो मैं नहीं जानता जहां तक उन दोनों का संबन्द है तो हनुमान स्वेम को शिरी राम का तुछ दास बताता है
01:28के वल राम!
01:58करके आंकने की भूल ना करे
02:03मेरे पराक्रम से इंद्र भी हर हर पापता है
02:14क्रह नक्षत्रों को मैं अपनी इच्छा से जहां चाहे अपनी इच्छा से
02:22तुमाता हूँ
02:26मेरे अतरिक्त वो कौन है जिसने महदेव शिव शंकर के निवास कैलास को लाकर रख दिया हो
02:37मेरे अतरिक्त है कोई ऐसा तपस्वी जिसने दस सहस्त्र वर्षों तक तपस्या की हो
02:46और एक सहस्त्र वर्ष अपने एक एक शीश को स्वयम काट कर अर्पित कर दिया हो
02:53यक्ष, किनर, नाग, गरोर, देव, दानव, और मुझे नहीं मार सकता
03:11इन मानुष्य और वानरों को तम मैं कीट पतंगों की तरह मसल डालोंगा
03:27मुझे ब्रह्मा का वर्धान प्राप्थ है
03:33मैं आमार हूँ, अजे हूँ
03:37मैं पुद्धी में भी सबसे शृष्ठू om
03:41यह दऄ अची उपसे शृष्ठू
03:46मैं बंड़ में भी सबसे सृष्ठू
03:48मेरी पीस भुजाएं इस बात का प्रमान है इतना ही नहीं माँ
03:52मैं तुझल में भी सबसे शृष्ठू
04:02श्री जहां बल और पुद्धी परास्त हो जाते हैं, वहां मैं चल्से विजाए हो जाता हूं
04:32कि श्री नहां हूं
04:39और भी कि मैं पक्रणो size, और क्या हूं
04:43प्याहा हूँ
04:43ऑ Mexican
04:47य्ष्ब कि मैं अप्याए हुई
04:52और यहां हूँ
04:56यॉचोस्त हूग
04:57कालनेमी मेरा ये कार्य कालनेमी करेगा
05:13कालनेमी बड़ा ही माया भी था अपनी माया के बल पर उधरती आकाश और पाताल में भी जा सकता था
05:27उसके पास एक ऐसी सिद्धी थी जिसकी सहायता से वो मन की गती से तीनों लोकों में कहीं भी चला जाता था
05:57कालनेमी तुम आगाए
06:01कालनेमी तुम आगाए
06:09कालनेमी तुम आगाए
06:13कालने नहीं
06:20मेरे धेर्या की परिक्ष्चा मतले कालने में
06:48कालने मेरे धेरे की परिक्ष्चा मतले
07:18दशानन को रुष्ट करने का परडाम जानता है
07:22लंकेश चल कपट ये तो कालने में क्या अंग्रक्षक है लंकेश।
07:34लंकेश चल कपट ये तो कालने में क्या अंग्रक्षक है लंकेश।
07:46कपट, कल, दिग्र, दुराचार, मिथ्याचार, माया, मोहन, पशीक करन, कुछ भी करके कोई भी युक्ती से उस वानर का अंतकर।
08:10वानर? कौन वानर लंकेश? वहीं, जो मेरे गले का कंटक बना हुआ है, हनुमान!
08:30ये किसका नाम ले दिया है अपने लंकेश?
08:33अनुमान तो दुर्जी है, उससे पार पाना दुस्ताहत दे है
08:42अप!
08:43यदे तुम्हे ये कार करतिया, और अनुमान नाम अकंटक निकालतिया
08:55तो ये तशानन का वचन है, कि तुम्हे लंका सहित्त पृत्वी का आधाराज दे दिया जाएगा
09:14क्या?
09:18आधाराजी
09:20और रामान?
09:30रामान?
09:32यदे तुम्हे तुम्हे ये कार ना क्या, तो ये भी दशानन का वचन है, कि तुम्हे जीवन लीलागान ये सीक्षन कर दिया जाएगा
09:36हमने यह कार्य ना किया तो यह भी दशानन का वचन है कि तुमारी जीवन लीलागान इसी इक्षण कर दिया जाएगा
09:50तो मेरा कार्य करेगा कि नहीं तो
10:00मैं मैं अनुमान के प्राण भले ही न ले पा हूँ किन्तु कितना अवश्य सदिश्चित कर सकता हूँ
10:07जोरिया उद्या से पहले रंभूमी में न पहुंच सके
10:12तुबा सुस्का वद सुनिश्चित कार
10:25जो कुछ अंब हो सकता है में वही बता रहा हूँ
10:42अपजा वद कर दोस अपका कारिया पूर्ण हो गया समझिये
11:08गाखब सुनिश्चित I
11:24कर दोसे कर दोसे मेंट स्कता है
11:34हालुआ हालुआ
12:04हुआ
12:08यह जाए रामपर जब संकत्विकत्ट तब हनुमत किये सब जोग प्रगट्ट्र
12:24पर जम संतर तब हनुमत की सब जोंग प्रगण
12:27निरंपर करन के राम का ध्यान
12:32चले बचाने श्री राम के नान
12:37मगद वेख से गमन गगन में
12:41श्री राम नाम को तारे मन में
12:47जाना आना संजीवन लाना
12:51अनुमत को है कान हराना
12:56कालने मी से पार दिपाना
13:00अनुमत को है कान हराना
13:05कालनी मी आएज ने हनुमान की हत्या का प्रबंद करने के लिए
13:15वो एक बल में ही पाताल जा पाउचा
13:19येहे
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13:47वाने, शो घूर्ण जो, माने जो, माने जो, माने जो, माने जो
14:02जो दो जो, सुने Kendra स्टमडि़
14:15मित्र, तुम्हारे अपने मित्र काल नेमी की सहाथा करने के खण आगे है मित्रू
14:27अपने मित्र की कार्य सिद्धी के लिए अपना काल कूट विष प्रगट करो मित्र
14:57तन्यवाद मित्र, तन्यवाद!
15:18लंका सही तुमी का अधाराची…
15:29अनुमार्…
15:33काल कुट विष्ट लेने के पश्चात काल नेमी एक पल में ही द्रोन परवत परजा पाँचा और एक तपस्वी का रूप धरकर शिला पर बैठ वो पाखंडी भगवान भोलेनात के मंत्रों का जाब करने लगा
16:03शिवं शिवाय वंदे शंभू गुरुवाय ओम नमा शिवाय ओम नमा शिवाय ओम नमा शिवाय
16:23शिवाय ओम नमा शिवाय ओम नमा शिवाय में
16:36शिवाय ओम को कि अम नमा शिवाय ओच प्क्तला च doesth온 सोतल बोल्यों icon
16:48ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय
17:06मुनिवर मेरा प्रणान स्विकार करें मैं केसरी पुत्र हनुमान प्रभुश्री राम का तुच्छ दास हूँ
17:18कर दो, कर दो, कर दो.
17:48कर दो कर दो, कर दो, कर दो ुद्देश्ट्र से आये हूं?
18:07दिये गए थे यहां पर तो सारी ओशदियां वैसी ही प्रतीत हो रही हैं आपकी सहायता का आकांग्शी हूं
18:15किन्तु हमारी अंतर द्रिष्टी कहती है कि आप बहुत दूर से आये हैं इसलिए आपको विश्राम और जलपान की आवश्यक्ता है
18:29यह लीजिए शमा करे मुनिवार राम कार्य के मद में मुझे नहीं विश्राम
18:51कि विश्राम नहीं करना चाहते ना करो किन्तु यह कि इतर जल तु ग्रहेंड कर लो
19:04कि नहीं जल पीने का भी समय नहीं है
19:18यह कोई साधारन जल नहीं है वस्तु इसे आप धनवनतरी के अमरत कलश का एक अंश्री समझों
19:31इसे ग्रहन करते ही आपकी देह में बूर्जा और उत्सा का संचार हो जाएगा
19:43नहीं मुनिवर, राम कार्य करते हुए मैं निरंदर उत्साही बना रहता हूँ
19:53मेरी आप से प्रार्थना है कि आप औशधियों का निरंए करने में मेरी सहायता करें
19:59जाप दो निर्टकर निर्टकर निर्टकर निर्टकर प्रिफना रहता हुए मेरी आपकी देखियों करता है