सवाईमाधोपुर. कहने को तो आज विश्व डाक दिवस है लेकिन बदलते समय और सोशल मीडिया ने डाक विभाग को पूरी तरह से बदल दिया है। डाक विभाग का नाम सुनते ही जेहन में एक तस्वीर उभरती है। जहां डाक के थैले, चिट््िठयां और पार्सल पड़े होंगे लेकिन आधुनिकता के दौर भी अब वह सब पीछे छूट गया है।
लोगों की चिट््िठयां, टेलीग्राम और मनी ऑर्डर पहुंचाने वाला डाक विभाग आज के डिजिटल युग ने अपनी पहचान बनाए रखने की जद््दोजहद में है, अब चिटिठयों की जगह मोबाइल मैसेज ने ले ली और मनी ऑर्डर की जगह ऑनलाइन पेमेंट ने ले ली है। ऐसे में सदियों तक संचार का माध्यम रहने वाला डाक विभाग का एकाधिकार खत्म हो रहा है।
डाकिया की भूमिका हुई गुम
एक समय था जब लोगों को आपस में जोडऩे, सूचना आदान-प्रदान करने और दिलों से दिलो को जोडऩे का काम चि_ियां करती थी। डाकिया जो चिठ्ठियों को लेकर घर-घर जाता था, उसकी अहम भूमिका हुआ करती थी लेकिन बीते दशकों में जिस तरह से आधुनिकरण का विकास होता जा रहा है। वैसे-वैसे डाकियों की भूमिका और लोगों को डाक विभाग की जरूरत घटती जा रही है। डिजिटलाइजेशन के इस दौर में वो चि_ियां कोसों दूर पीछे छूट गई हैंण।
प्राइवेट कंपनियों ने डाक विभाग का एकाधिकार किया खत्म
डाक क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों के पैर पसारने और सूचना तकनीकी के नए माध्यम आने से डाक विभाग की भूमिका लगातार कम होती जा रही है। वर्तमान समय में डाक विभाग का एकाधिकार लगभग खत्म हो गया है। अब दुनिया डिजिटल हो गयी है। सारे काम कम्प्यूटर से होने लगे हैं। सूचनाओं का आदान-प्रदान इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से होने लगा है।
सवाईमाधोपुर व करौली जिले में डाकघरों पर एक नजर...
-सवाईमाधोपुर, गंगापुरसिटी व हिण्डौनसिटी में है प्रधान डाकघर।
-मुख्य डाकघर सवाईमाधोपुर व करौली।
-कुल उपडाकघर-51
- कुल शाखा डाकघर-429
- कुल लेटर बॉक्स-1100
लोगों की चिट््िठयां, टेलीग्राम और मनी ऑर्डर पहुंचाने वाला डाक विभाग आज के डिजिटल युग ने अपनी पहचान बनाए रखने की जद््दोजहद में है, अब चिटिठयों की जगह मोबाइल मैसेज ने ले ली और मनी ऑर्डर की जगह ऑनलाइन पेमेंट ने ले ली है। ऐसे में सदियों तक संचार का माध्यम रहने वाला डाक विभाग का एकाधिकार खत्म हो रहा है।
डाकिया की भूमिका हुई गुम
एक समय था जब लोगों को आपस में जोडऩे, सूचना आदान-प्रदान करने और दिलों से दिलो को जोडऩे का काम चि_ियां करती थी। डाकिया जो चिठ्ठियों को लेकर घर-घर जाता था, उसकी अहम भूमिका हुआ करती थी लेकिन बीते दशकों में जिस तरह से आधुनिकरण का विकास होता जा रहा है। वैसे-वैसे डाकियों की भूमिका और लोगों को डाक विभाग की जरूरत घटती जा रही है। डिजिटलाइजेशन के इस दौर में वो चि_ियां कोसों दूर पीछे छूट गई हैंण।
प्राइवेट कंपनियों ने डाक विभाग का एकाधिकार किया खत्म
डाक क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों के पैर पसारने और सूचना तकनीकी के नए माध्यम आने से डाक विभाग की भूमिका लगातार कम होती जा रही है। वर्तमान समय में डाक विभाग का एकाधिकार लगभग खत्म हो गया है। अब दुनिया डिजिटल हो गयी है। सारे काम कम्प्यूटर से होने लगे हैं। सूचनाओं का आदान-प्रदान इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से होने लगा है।
सवाईमाधोपुर व करौली जिले में डाकघरों पर एक नजर...
-सवाईमाधोपुर, गंगापुरसिटी व हिण्डौनसिटी में है प्रधान डाकघर।
-मुख्य डाकघर सवाईमाधोपुर व करौली।
-कुल उपडाकघर-51
- कुल शाखा डाकघर-429
- कुल लेटर बॉक्स-1100
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