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राजसमंद. खमनोर में पेयजल परियोजना के लिए मचींद व फतेहपुर के बीच बनास नदी पर 18 साल पहले बना बाघेरी नाका बांध गुरुवार शाम 7 बजे छलका। कई दिनों से बारिश नहीं होने और बाघेरी नाका में पानी की आवक कम होने से एक से डेढ़ इंच की खंड-खंड चादर चल रही है। बाघेरी नाका इस वर्ष मानसून के कमजोर मिजाज के कारण अगस्त आधा बीत जाने पर छलका है, जबकि पिछले वर्ष बिपरजॉय तूफान के साथ हुई भारी बारिश के कारण जून में ही छलक गया था।

302 गांवों को मिलता है पीने का पानी

बाघेरी नाका पेयजल परियोजना से वर्तमान में राजसमंद के खमनोर, देलवाड़ा, रेलमगरा व राजसमंद ब्लॉक के 282 गावों और उदयपुर के बड़गांव ब्लॉक के 20 गावों को मिलाकर 302 गांव जुड़े हुए हैं। इतने गांवों की 4 लाख 37 हजार की आबादी को पेयजल सप्लाई किया जा रहा है।

पर्यटन की दृष्टि से भी है खास

बाघेरी नाका का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। हरे-भरे पहाड़ों के बीच इसकी चादर से जब पानी गिरता है तो हर किसी का मन मोह लेता है। बाघेरी की चादर में नहाने का लुत्फ लेने के लिए जिले ही नहीं, बाहरी जिलों और यहां तक कि अन्य प्रदेशों से भी पर्यटक आते हैं।

2003 में रखी नींव, 6 व 7 में छलका, 8 व 9 में रीता रहा

बाघेरी नाका की वर्ष 2003 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नींव रखी। 2006 में बना और उसी वर्ष छलककर 6 फीट की चादर चली। 2007 में भी छलका, जबकि 2008 व 2009 में मानसून कमजोर रहा, जिससे खाली रह गया।

2010 से 24 तक लगातार 15 बार छलका

बाघेरी नाका 2010 से 2023 तक लगातार 14 साल से छलक रहा है। इन 14 वर्षों में 6 बार जुलाई में और 7 बार अगस्त में छलका। एक साल मानूसन की विदाई पर अक्टूबर में छलका, वहीं पिछले वर्ष जून में ही छलक पड़ा। बांध की भराव क्षमता करीब 311.68 एमसीएफटी है।

वर्ष 2011 से 24 तक कब-कब छलका

2011    17 अगस्त

2012    29 अगस्त

2013    18 अगस्त

2014    27 अगस्त

2015    27 जुलाई

2016    18 जुलाई

2017    22 जुलाई

2018    29 जुलाई

2019    16 अगस्त

2020    24 अगस्त

2021    04 अक्टूबर

2022    28 जुलाई

2023    18 जून

2024    15 अगस्त

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