केंद्र व राज्य सरकार को उद्योग और व्यवसाय के विकास व उत्पाद की एम समान कीमतों के लिए देश भर में कॉमन लेबर लॉ बनाना चाहिए। ताकि सभी राज्यों में श्रमिकों को एकसमान वेतन, मजदूरी का भुगतान हो। इससे सभी बिजनेस कम्युनिटी को अपना बिजनेस स्टैंड करने में लाभ होगा। वहीं एक जैसे उत्पादों की लागत व कीमत पूरे देश में एक समान होगी। वर्तमान में सभी प्रदेशों में मजदूरी की दरें अलग-अलग हैं। इससे न तो सरकार को लाभ हो रहा है और ना ही बिजनेस कम्युनिटी को लाभ हो रहा है।
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष एम.जी.बालाकृष्णा ने कहा ने ‘पत्रिका’ से विशेष बातचीत में कहा कि वर्तमान में अलग-अलग प्रदेशों में न्यूनतम मजदूरी की दरें अलग-अलग होने से जहां श्रमिक समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं उत्पादन लागत भी प्रभावित होती है। इसके लिए केन्द्र सरकार को एक समान वेतन/मजदूरी के लिए कॉमन लेबर लॉ लाना चाहिए।
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अलग-अलग उद्योगों के लिए पॉलिसी भी हों अलग
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार एमएसएमई के लिए नई पॉलिसी बना रही हैं। हमने सरकार से कहा है कि माइक्रो और स्मॉल, मध्यम और वृहद उद्योग का वर्गीकरण करने की जरूरत है। ८० से ९० प्रतिशत उद्योग स्मॉल और माइक्रो में आते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह किया है कि दोनों का वर्गीकरण कर अलग-अलग पॉलिसी बनाई जाए।
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ऑनलाइन ठगों से सावचेत रहना जरूरी
बालकृष्णा ने कहा कि सभी व्यवसायियों, उद्यमियों और आमजन को ऑनलाइन ठगी (साइबर क्राइम) से सावचेत रहने की बहुत जरूरत है। सरकारों ने ऑनलाइन भुगतान (तकनीक) की व्यवस्था लोगों को राहत देने व समय की बचत के लिए की थी। लेकिन हमारे देश में किसी भी तकनीक के फायदे जितने होते हैं उसके नुकसान भी होने लगते हैं। सरकार ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटका हाइटेक स्टेट होने के बावजूद यहां के लोग सबसे ज्यादा साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधी तकनीक का इजाद करने वालों से ज्यादा चालाक हैं। साइबर अपराध में पकड़े जाने वाले अपराधी को कड़ी सजा मिलने लगेगी तो अपराधों पर लगाक कसेगी।
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स्किल डवलपमेंट पर जोर
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष एम.जी.बालकृष्णा ने कहा बेरोजगारी की समस्या निपटने के लिए एफकेसीसीआई निरंतर जॉब मेले का आयोजन कर रही है। वहीं स्किल डवलपमेंट के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं को आर्टिफीशियल इंटेलीजेंसी, स्पेस टैक्नोलॉजी, ड्रोन टैक्नोलॉजी आदि का प्रशिक्षण देकर रोजगार के नए द्वार खोल रहे हैं।
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चार बड़े आयोजन होंंगे अगले साल
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष ने बताया कि अगले एक वर्ष की उनकी प्रमुख् कार्य योजनाओं में तीन से चार बड़े कार्यक्रम रहेंगे। प्रथम इंडिया एमएसएमई कॉन्क्लेव मनाएंगे। राष्ट्रीय स्तर का यह कार्यक्रम अगले वर्ष मई में होगा। दूसरा एग्रीटेक समिट का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि कृषि सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता सैक्टर है। किसान अभी तक कृषि को व्यवसाय के तौर पर नहीं लेता था। पहली बार इस सैक्टर को व्यवसाय के तौर पर ट्रीट करने का संदेश देेंगे। क्योंकि यह सैक्टर सबसे ज्यादा रोजगार की संभावना हैं। कृषि को आज भी हम पुरानी पारम्परिक तकनीक से कर रहे हैं। इस समिट में हम किसानों को नई तकनीक का उपयोग कर कम जमीन से अधिक उत्पादन लेने का संदेश देंगे। यह समिट जून २०२५ में आयोजित की जाएगी। तीसरा सबसे बड़ा आयोजन रिनुएबल एनर्जी का होगा। इसमें रिनुएबल एनर्जी के फायदे से अवगत कराया जाएगा। सरकार भी सोलर एनर्जी, हाइड्रोजन एनर्जी के लिए सहयोग कर रही है। इसके बाद ट्यूरिज्म पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। ताकि प्रदेश में ट्ूरिज्म का विकास हो सके। कारण कि अभी तक सरकारों से ट्यूरिज्म को महत्व नहीं दिया है। जबकि किसी भी प्रदेश की आमदनी में ट्यूरिज्म का महत्वपूर्ण स्थान होता है। प्रदेश में पर्यटन महत्व के मंदिर, इमारतें और बहुत कुछ है। हम समिट के जरिए सरकार से पर्यटक स्थलों के विकास पर चर्चा करेंगे।
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष एम.जी.बालाकृष्णा ने कहा ने ‘पत्रिका’ से विशेष बातचीत में कहा कि वर्तमान में अलग-अलग प्रदेशों में न्यूनतम मजदूरी की दरें अलग-अलग होने से जहां श्रमिक समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं उत्पादन लागत भी प्रभावित होती है। इसके लिए केन्द्र सरकार को एक समान वेतन/मजदूरी के लिए कॉमन लेबर लॉ लाना चाहिए।
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अलग-अलग उद्योगों के लिए पॉलिसी भी हों अलग
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार एमएसएमई के लिए नई पॉलिसी बना रही हैं। हमने सरकार से कहा है कि माइक्रो और स्मॉल, मध्यम और वृहद उद्योग का वर्गीकरण करने की जरूरत है। ८० से ९० प्रतिशत उद्योग स्मॉल और माइक्रो में आते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह किया है कि दोनों का वर्गीकरण कर अलग-अलग पॉलिसी बनाई जाए।
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ऑनलाइन ठगों से सावचेत रहना जरूरी
बालकृष्णा ने कहा कि सभी व्यवसायियों, उद्यमियों और आमजन को ऑनलाइन ठगी (साइबर क्राइम) से सावचेत रहने की बहुत जरूरत है। सरकारों ने ऑनलाइन भुगतान (तकनीक) की व्यवस्था लोगों को राहत देने व समय की बचत के लिए की थी। लेकिन हमारे देश में किसी भी तकनीक के फायदे जितने होते हैं उसके नुकसान भी होने लगते हैं। सरकार ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटका हाइटेक स्टेट होने के बावजूद यहां के लोग सबसे ज्यादा साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधी तकनीक का इजाद करने वालों से ज्यादा चालाक हैं। साइबर अपराध में पकड़े जाने वाले अपराधी को कड़ी सजा मिलने लगेगी तो अपराधों पर लगाक कसेगी।
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स्किल डवलपमेंट पर जोर
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष एम.जी.बालकृष्णा ने कहा बेरोजगारी की समस्या निपटने के लिए एफकेसीसीआई निरंतर जॉब मेले का आयोजन कर रही है। वहीं स्किल डवलपमेंट के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं को आर्टिफीशियल इंटेलीजेंसी, स्पेस टैक्नोलॉजी, ड्रोन टैक्नोलॉजी आदि का प्रशिक्षण देकर रोजगार के नए द्वार खोल रहे हैं।
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चार बड़े आयोजन होंंगे अगले साल
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष ने बताया कि अगले एक वर्ष की उनकी प्रमुख् कार्य योजनाओं में तीन से चार बड़े कार्यक्रम रहेंगे। प्रथम इंडिया एमएसएमई कॉन्क्लेव मनाएंगे। राष्ट्रीय स्तर का यह कार्यक्रम अगले वर्ष मई में होगा। दूसरा एग्रीटेक समिट का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि कृषि सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता सैक्टर है। किसान अभी तक कृषि को व्यवसाय के तौर पर नहीं लेता था। पहली बार इस सैक्टर को व्यवसाय के तौर पर ट्रीट करने का संदेश देेंगे। क्योंकि यह सैक्टर सबसे ज्यादा रोजगार की संभावना हैं। कृषि को आज भी हम पुरानी पारम्परिक तकनीक से कर रहे हैं। इस समिट में हम किसानों को नई तकनीक का उपयोग कर कम जमीन से अधिक उत्पादन लेने का संदेश देंगे। यह समिट जून २०२५ में आयोजित की जाएगी। तीसरा सबसे बड़ा आयोजन रिनुएबल एनर्जी का होगा। इसमें रिनुएबल एनर्जी के फायदे से अवगत कराया जाएगा। सरकार भी सोलर एनर्जी, हाइड्रोजन एनर्जी के लिए सहयोग कर रही है। इसके बाद ट्यूरिज्म पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। ताकि प्रदेश में ट्ूरिज्म का विकास हो सके। कारण कि अभी तक सरकारों से ट्यूरिज्म को महत्व नहीं दिया है। जबकि किसी भी प्रदेश की आमदनी में ट्यूरिज्म का महत्वपूर्ण स्थान होता है। प्रदेश में पर्यटन महत्व के मंदिर, इमारतें और बहुत कुछ है। हम समिट के जरिए सरकार से पर्यटक स्थलों के विकास पर चर्चा करेंगे।
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NewsTranscript
00:00So that is an all-India level MSME that is in the month of May.
00:06Agriculture is the largest employment generating business.
00:14We have not treated it as a business.
00:17This time we are saying that you have to treat that also as a business.
00:20Because there is more employment generation in agriculture.
00:23And largest employment generation.
00:25Even today we are using the old technology of agriculture.
00:30We are now trying to implement a new technology.
00:33Like Israel and other countries,
00:36the generation and the execution of agriculture,
00:40and the yield that is generated,
00:43the yield that is generated in one acre in agriculture,
00:46they pick it up in 10 by 10.
00:49So why not we also cultivate such a system.
00:51So we are doing an agri-tech exhibition, interaction and training.
00:56We are doing an agri-tech exhibition.
00:59That is in the month of June.
01:01And the third one is renewable energy.
01:06Today everyone is going to the rooftop for solar and hydrogen generation.
01:11We are talking about renewable energy in India.
01:15What are the advantages and what are the benefits
01:19in this particular government?
01:22What are the facilities they are doing?
01:24We are talking about that and doing an exhibition and expo.
01:27That is the third one.
01:29We are also trying to work on tourism.
01:31If you look at the state,
01:34they have not given much importance to tourism in Karnataka.
01:36So we are asking the government to give more importance to tourism
01:39and benefits to encourage tourism in Karnataka.