सवाईमाधोपुर. केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव मंगलवार को सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्री शाम करीब सवा पांच बजे स्थानीय स्टेशन पर पहुंचे। वह सीधी ही स्पेशल सैलून से जयपुर से चलकर स्थानीय रेलवे स्टेशन के गंगापुर सिटी रेल मार्ग की ओर कवच टावर के पास पहुंचे और पहले उन्होंने कवच टावर और उसकी कार्य प्रणाली का अवलोकन किया। इसके बाद वह पत्रकारों से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होने पत्रकारों को कवच सिस्टम की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। इस दौरान सिनीयर डीसीएम रोहित मालवीय ए कोटा मण्डल के डीआरएम आदि मौजूद थे। हालांकि निरीक्षण करने के बाद करीब शाव सवा छह बजे के करीब वह सवाईमाधोपुर से रवाना हो गए।
इस तरह काम करता है कवच सिस्टम रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार कवच 4.2 सिस्टम रेलवे में हादसों में कमी लाने के लिए बहुत उपयोगी है। यह एक अत्याधुनिक प्रणाली है। इस सिस्टम के माध्यम से सफर के दौरान एक ही पटरी पर दो ट्रेनोंं के आ जाने पर ट्रेन में स्वतरू ही ब्रेक लग जाएंगे। ट्रेन की गति अत्याधिक तेज होने पर आपातकालीन ब्रेक भी स्वतरू ही लग जाएंगे। इसके अलावा इस प्रणाली के माध्यम से लोको पायलेट को ट्रेन चलाने के दौरान करीब दस किमी तक के सिग्नल की स्थिति की जानकारी मिल जाएगी। रेलवे लोको में कवच सिस्टम का मॉनिटरिंग और
कोहरे के दौरान भी हो सकेगा ट्रेनों का सफल संचालन रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेलवे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ;कवचद्ध के आधुनिक प्रणाली है। कवच स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और ट्रेनों के टकराव रोकने की क्षमता को प्रदान करता है। साथ ही आवश्यकता अनुसार स्वाचालित गति प्रतिबंध को भी लागू करता है। लोको पायलेट को इन कैब सिग्नलिंग प्रदान करता है इससे कोहरे के दौरान भी ट्रेनों का संचालन अधिक प्रभावित नहीं होता है।
पहले चरण में दस हजार लोको पर लगाए जाएंगे कवच सिस्टम रेलवे की ओर से यात्रा को और अधिक सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए पहले चरण में करीब 10 हजार लोको पर कवच सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा करीब 9 हजार किमी क्षेत्र में कवच सिस्टम को पहले चरण में अप्लाई किया जाएगा। फिलहाल तीन हजार किमी क्षेत्र में कवच सिस्टम लगाने का कार्य किया जा रहा है।
इस तरह काम करता है कवच सिस्टम रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार कवच 4.2 सिस्टम रेलवे में हादसों में कमी लाने के लिए बहुत उपयोगी है। यह एक अत्याधुनिक प्रणाली है। इस सिस्टम के माध्यम से सफर के दौरान एक ही पटरी पर दो ट्रेनोंं के आ जाने पर ट्रेन में स्वतरू ही ब्रेक लग जाएंगे। ट्रेन की गति अत्याधिक तेज होने पर आपातकालीन ब्रेक भी स्वतरू ही लग जाएंगे। इसके अलावा इस प्रणाली के माध्यम से लोको पायलेट को ट्रेन चलाने के दौरान करीब दस किमी तक के सिग्नल की स्थिति की जानकारी मिल जाएगी। रेलवे लोको में कवच सिस्टम का मॉनिटरिंग और
कोहरे के दौरान भी हो सकेगा ट्रेनों का सफल संचालन रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रेलवे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ;कवचद्ध के आधुनिक प्रणाली है। कवच स्वचालित ट्रेन सुरक्षा और ट्रेनों के टकराव रोकने की क्षमता को प्रदान करता है। साथ ही आवश्यकता अनुसार स्वाचालित गति प्रतिबंध को भी लागू करता है। लोको पायलेट को इन कैब सिग्नलिंग प्रदान करता है इससे कोहरे के दौरान भी ट्रेनों का संचालन अधिक प्रभावित नहीं होता है।
पहले चरण में दस हजार लोको पर लगाए जाएंगे कवच सिस्टम रेलवे की ओर से यात्रा को और अधिक सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए पहले चरण में करीब 10 हजार लोको पर कवच सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा करीब 9 हजार किमी क्षेत्र में कवच सिस्टम को पहले चरण में अप्लाई किया जाएगा। फिलहाल तीन हजार किमी क्षेत्र में कवच सिस्टम लगाने का कार्य किया जा रहा है।
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