सुनेल. क्षेत्र के रोशनबाड़ी लघु सिंचाई परियोजना के तहत रीछड़ नदी पर बना बांध इस वर्ष लगातार बारिश में पूरा भर गया। ऐसे में लंबे इंतजार के बाद किसानों के लिए नहरों में पानी छोड़ दिया गया। बांध व नहरें बन कर तैयार थे लेकिन बांध में पानी नहीं आने के कारण इंतजार बढ़ता जा रहा था। साथ ही नहरें भी क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस साल बांध भी पूरा भर गया और नहरों की भी मरम्मत की गई। इसके बाद रबी सीजन के लिए नहारों में पहली बार पानी छोड़ दिया गया।
जानकारी के अनुसार तत्कालीन सरकार ने अगस्त 2017 में बजट में मंजूरी देकर दिसम्बर 2017 में बांध का कार्य शुरू कराया था। इसके लिए 17 करोड़ 26 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। बांध का काम 21 फरवरी 2020 तक पूर्ण करना था लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिलने से नहर शुरू नहीं हो पाई थी। वहीं 10 नवम्बर 2022 से पुन: रोशनबाड़ी सिंचाई परियोजना का बांध का कार्य शुरू हो गया। जो 31 दिसंबर 2022 को पूर्ण हो गया लेकिन पर्याप्त बारिश नहीं इसमें पानी नहीं भर पाया।
पत्रिका ने लगातार उठाया मामला
बांध की नहरें चालू होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस पर राजस्थान पत्रिका ने लगातार अभियान चलाया गया। हाल ही में 11 अक्टूबर के अंक में बांध तो भर गया, जर्जर नहरों से कैसे मिलेगा सिंचाई का पानी शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया और नहरों की साफ-सफाई और क्षतिग्रस्त नहरों को दुरुस्त कराया। नहरों से फव्वारा पद्वाति से 14 गांवों की 2860 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी।
इन गांवों को मिला पानी
अधिशासी अभियंता राजगढ़ मध्यम सिंचाई खंड भवानीमंडी के कमलेश मीणा ने बताया कि इस बांध से सुनेल क्षेत्र के गांव चंद्रपुरा, सुनेल, घाटाखेड़ी, पाऊखेड़ी, कालियाखेड़ी, आकोदिया, भटखेड़ा, खामणी, रोशनबाड़ी, चछलाई, राजपुरा, कलोतिया, लालगांव, चछलाव गांवों को नहरों तथा फव्वारा पद्वति से रबी की फसलों के लिए पानी मिलने लगा है।
सिंचाई के लिए पाइप लाइन बिछाई
यह बांध पूरी तरह से स्प्रिंकलर सिस्टम पर आधारित है। स्प्रिंकलर सिस्टम के माध्यम से सिंचाई होने से इसमें रकबा बढ़ाया गया है। साथ ही इसके आसपास के क्षेत्रों में 90 एमएम से 180 एमएम के पाइप लाइन बिछा दी गई है। इसमें किसानों के खेतों में पॉइंट दिए हुए है। फव्वारा सिस्टम तथा मिनी स्प्रिंकलर के माध्यम से किसानों को अपनी फसलों को सिंचित करने की पूर्ण आजादी मिली है।
जानकारी के अनुसार तत्कालीन सरकार ने अगस्त 2017 में बजट में मंजूरी देकर दिसम्बर 2017 में बांध का कार्य शुरू कराया था। इसके लिए 17 करोड़ 26 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। बांध का काम 21 फरवरी 2020 तक पूर्ण करना था लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिलने से नहर शुरू नहीं हो पाई थी। वहीं 10 नवम्बर 2022 से पुन: रोशनबाड़ी सिंचाई परियोजना का बांध का कार्य शुरू हो गया। जो 31 दिसंबर 2022 को पूर्ण हो गया लेकिन पर्याप्त बारिश नहीं इसमें पानी नहीं भर पाया।
पत्रिका ने लगातार उठाया मामला
बांध की नहरें चालू होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस पर राजस्थान पत्रिका ने लगातार अभियान चलाया गया। हाल ही में 11 अक्टूबर के अंक में बांध तो भर गया, जर्जर नहरों से कैसे मिलेगा सिंचाई का पानी शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग हरकत में आया और नहरों की साफ-सफाई और क्षतिग्रस्त नहरों को दुरुस्त कराया। नहरों से फव्वारा पद्वाति से 14 गांवों की 2860 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी।
इन गांवों को मिला पानी
अधिशासी अभियंता राजगढ़ मध्यम सिंचाई खंड भवानीमंडी के कमलेश मीणा ने बताया कि इस बांध से सुनेल क्षेत्र के गांव चंद्रपुरा, सुनेल, घाटाखेड़ी, पाऊखेड़ी, कालियाखेड़ी, आकोदिया, भटखेड़ा, खामणी, रोशनबाड़ी, चछलाई, राजपुरा, कलोतिया, लालगांव, चछलाव गांवों को नहरों तथा फव्वारा पद्वति से रबी की फसलों के लिए पानी मिलने लगा है।
सिंचाई के लिए पाइप लाइन बिछाई
यह बांध पूरी तरह से स्प्रिंकलर सिस्टम पर आधारित है। स्प्रिंकलर सिस्टम के माध्यम से सिंचाई होने से इसमें रकबा बढ़ाया गया है। साथ ही इसके आसपास के क्षेत्रों में 90 एमएम से 180 एमएम के पाइप लाइन बिछा दी गई है। इसमें किसानों के खेतों में पॉइंट दिए हुए है। फव्वारा सिस्टम तथा मिनी स्प्रिंकलर के माध्यम से किसानों को अपनी फसलों को सिंचित करने की पूर्ण आजादी मिली है।
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