A Mathura boy made garbage collecting machine invited in President house
मथुरा। कूड़ा उठाने की हाथ से चलने वाली मशीन बनाने वाले दसवीं के छात्र की खोज से प्रभावित होकर राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया है। राष्ट्रपति भवन से छात्र के पास एक ई -मेल आया है जिसमें उसे 19 से 23 मार्च तक राष्ट्रपति भवन में आयोजित हो रहे इनोवेशन एग्जीबिशन में अपनी खोज को प्रदर्शित करने के लिए बुलाया गया है। पांच दिन तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए छात्र अपनी मां के साथ जा रहा है।
6 मार्च 2018 को राष्ट्रपति भवन से आए एक मेल ने सिकांतो मंडल के परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सिकांतो मंडल के परिवार वालों ने बताया कि हमें बहुत खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने हमारे बेटे को अपने साथ खाना खाने के लिए दिल्ली बुलाया है और 5 दिन तक सिकांतो मंडल राष्ट्रपति भवन में रहकर अपने द्वारा बनाई गई कूड़ा उठाने वाली मशीन की डिस्प्ले करेगा सिकांतो मंडल की मां कल्पना मंडल ने बताया कि हमने बहुत मुश्किल से अपने बेटे को पढ़ाया है और हम बहुत ही गरीब हैं, इसके पिता मेहनत मजदूरी करके घर चलाते हैं। हम सोचते हैं कि हमारा बच्चा इंजीनियर बनना चाहता है, सरकार कुछ मदद करें, वहीं हम दिल्ली जा रहे हैं और राष्ट्रपति से मिलेंगे। हमें बहुत खुशी हो रही है और अच्छा लग रहा है। हमारा बच्चा आगे बढ़े हमारे देश के लिए कुछ करे और बहुत अच्छी बात है। इस सपने को हमारा बच्चा पूरा करने वाला है, हमें बहुत खुशी हो रही है ।
मथुरा। कूड़ा उठाने की हाथ से चलने वाली मशीन बनाने वाले दसवीं के छात्र की खोज से प्रभावित होकर राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया है। राष्ट्रपति भवन से छात्र के पास एक ई -मेल आया है जिसमें उसे 19 से 23 मार्च तक राष्ट्रपति भवन में आयोजित हो रहे इनोवेशन एग्जीबिशन में अपनी खोज को प्रदर्शित करने के लिए बुलाया गया है। पांच दिन तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए छात्र अपनी मां के साथ जा रहा है।
6 मार्च 2018 को राष्ट्रपति भवन से आए एक मेल ने सिकांतो मंडल के परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सिकांतो मंडल के परिवार वालों ने बताया कि हमें बहुत खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने हमारे बेटे को अपने साथ खाना खाने के लिए दिल्ली बुलाया है और 5 दिन तक सिकांतो मंडल राष्ट्रपति भवन में रहकर अपने द्वारा बनाई गई कूड़ा उठाने वाली मशीन की डिस्प्ले करेगा सिकांतो मंडल की मां कल्पना मंडल ने बताया कि हमने बहुत मुश्किल से अपने बेटे को पढ़ाया है और हम बहुत ही गरीब हैं, इसके पिता मेहनत मजदूरी करके घर चलाते हैं। हम सोचते हैं कि हमारा बच्चा इंजीनियर बनना चाहता है, सरकार कुछ मदद करें, वहीं हम दिल्ली जा रहे हैं और राष्ट्रपति से मिलेंगे। हमें बहुत खुशी हो रही है और अच्छा लग रहा है। हमारा बच्चा आगे बढ़े हमारे देश के लिए कुछ करे और बहुत अच्छी बात है। इस सपने को हमारा बच्चा पूरा करने वाला है, हमें बहुत खुशी हो रही है ।
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