अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 163 वां अंग दाता बना बाबू चौहाण
अहमदाबाद. शहर के सिविल अस्पताल में पिछले दिनों गहन उपचार के लिए लाए गए बाबू चौहाण नामक युवक दुनिया से जाते-जाते तीन जरूरतमंदों को नई जिंदगी दे गया।
दरअसल इस युवक को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद उनके परिजनों ने अंगदान के लिए स्वीकृति दी थी। जिससे उसकी दो किडनी और लिवर का दान किया गया। सुरेंद्रनगर जिले के पाणशीणा गांव निवासी बाबू चौहाण मार्ग दुर्घटना में गंभीर रूप घायल हो गए थे। उन्हें गहन उपचार के लिए गत रविवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाया गया, जहां जन्माष्टमी के दिन ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया। अस्पताल की टीम की ओर से ब्रेनडेड मरीज के परिजनों को अंगदान के लिए समझाया। उस दौरान उनकी पत्नी अरुणा चौहाण व अन्य परिजनों ने अंगदान की सहमति दे दी। बाबू के तीन अंगों का दान किया गया। इन अंगों को सिविल मेडिसिटी में ही स्थित आईकेडीआरसी में जरूरतमंदों में प्रत्यारोपण कर उन्हें नई जिंदगी दी गई।
अहमदाबाद. शहर के सिविल अस्पताल में पिछले दिनों गहन उपचार के लिए लाए गए बाबू चौहाण नामक युवक दुनिया से जाते-जाते तीन जरूरतमंदों को नई जिंदगी दे गया।
दरअसल इस युवक को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद उनके परिजनों ने अंगदान के लिए स्वीकृति दी थी। जिससे उसकी दो किडनी और लिवर का दान किया गया। सुरेंद्रनगर जिले के पाणशीणा गांव निवासी बाबू चौहाण मार्ग दुर्घटना में गंभीर रूप घायल हो गए थे। उन्हें गहन उपचार के लिए गत रविवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाया गया, जहां जन्माष्टमी के दिन ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया। अस्पताल की टीम की ओर से ब्रेनडेड मरीज के परिजनों को अंगदान के लिए समझाया। उस दौरान उनकी पत्नी अरुणा चौहाण व अन्य परिजनों ने अंगदान की सहमति दे दी। बाबू के तीन अंगों का दान किया गया। इन अंगों को सिविल मेडिसिटी में ही स्थित आईकेडीआरसी में जरूरतमंदों में प्रत्यारोपण कर उन्हें नई जिंदगी दी गई।
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