UP Police Daroga resigned and said Delhi constable job is better
मेरठ। मेरठ के थाना रोहटा थाने में अजित सिंह दरोगा के पद तैनात है। वह वर्ष 2011 में यूपी पुलिस में दरोगा के पद पर भर्ती हुआ था। आज दरोगा अजित ने एसएसपी से सामने पेश होकर अपना त्याग पत्र सौपा जिस पर एसएसपी ने कारण पूछा तो दरोगा अजित ने यूपी पुलिस के सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए बताया कि उसके साथ थाने में भेदभाव किया जाता है।
आठ घंटे की जगह उस से जबरन पंद्रह से सोलह घंटे की डयूटी कराई जाती है। इतना ही नही छुट्टी मांगने पर किसी ना किसी बहाने से उसकी छुट्टी नहीं दी जाती है। अधिक समय तक ड्यूटी और ज्यादा वर्क लोड के चलते वह मानसिक तौर से परेशान हूं।
उसका कहना है कि जिल्लत भरी दरोगा की नोकरी से अच्छा है कि वह दिल्ली में सिपाही की नौकरी कर ले। दिल्ली में टेक्निकल आधार पर सिपाही की नौकरी छोड़ा था कि वह दो साल के भीतर जब भी जाएंगे उन्हें उसी पद पर नौकरी मिल जाएगी। दरोगा के इस मामले में एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिये है और दरोगा के पत्र को विभागीय कार्रवाई के लिए भेज दिया है।
मेरठ। मेरठ के थाना रोहटा थाने में अजित सिंह दरोगा के पद तैनात है। वह वर्ष 2011 में यूपी पुलिस में दरोगा के पद पर भर्ती हुआ था। आज दरोगा अजित ने एसएसपी से सामने पेश होकर अपना त्याग पत्र सौपा जिस पर एसएसपी ने कारण पूछा तो दरोगा अजित ने यूपी पुलिस के सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए बताया कि उसके साथ थाने में भेदभाव किया जाता है।
आठ घंटे की जगह उस से जबरन पंद्रह से सोलह घंटे की डयूटी कराई जाती है। इतना ही नही छुट्टी मांगने पर किसी ना किसी बहाने से उसकी छुट्टी नहीं दी जाती है। अधिक समय तक ड्यूटी और ज्यादा वर्क लोड के चलते वह मानसिक तौर से परेशान हूं।
उसका कहना है कि जिल्लत भरी दरोगा की नोकरी से अच्छा है कि वह दिल्ली में सिपाही की नौकरी कर ले। दिल्ली में टेक्निकल आधार पर सिपाही की नौकरी छोड़ा था कि वह दो साल के भीतर जब भी जाएंगे उन्हें उसी पद पर नौकरी मिल जाएगी। दरोगा के इस मामले में एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिये है और दरोगा के पत्र को विभागीय कार्रवाई के लिए भेज दिया है।
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