A small beelna village woman create own brand
अमरोहा। एक गरीब महिला की जिद और उसकी हिम्मत ने उसे आज आम महिलाओं से अलग लाकर खड़ा कर दिया। जो महिला खुद कभी दाने-दाने को मोहताज हो चुकी थी, आज वो दूसरी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है। इस महिला की हिम्मत और जस्बे ने आज एक छोटे से गांव को देश में ब्रांड बना दिया है।
अमरोहा जनपद के नौगावां तहसील के एक छोटे से गावं बीलना की रहने वाली फहमीदा बेगम देश भर में अपने नाम और अपने हुनर से जानी और पहचानी जाती है। करीब दस साल पहले जब फहमीदा बेगम के शौहर का इंतकाल हुआ था तो उनके ऊपर ही परिवार की जिम्मेदारी आ गई। आर्थिक तंगी के चलते कभी घरों में काम किया तो कभी मजदूरी भी की, लेकिन दिल में तो कुछ कर दिखाने की उमंग थी। इसी के चलते फहमीदा बेगम ने उधार कर्ज कर एक कालीन बुनाई की खड्डी लगाई। मेहनत की और बनाये गए माल को बाज़ारो तक पहुंचाया।
अमरोहा। एक गरीब महिला की जिद और उसकी हिम्मत ने उसे आज आम महिलाओं से अलग लाकर खड़ा कर दिया। जो महिला खुद कभी दाने-दाने को मोहताज हो चुकी थी, आज वो दूसरी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है। इस महिला की हिम्मत और जस्बे ने आज एक छोटे से गांव को देश में ब्रांड बना दिया है।
अमरोहा जनपद के नौगावां तहसील के एक छोटे से गावं बीलना की रहने वाली फहमीदा बेगम देश भर में अपने नाम और अपने हुनर से जानी और पहचानी जाती है। करीब दस साल पहले जब फहमीदा बेगम के शौहर का इंतकाल हुआ था तो उनके ऊपर ही परिवार की जिम्मेदारी आ गई। आर्थिक तंगी के चलते कभी घरों में काम किया तो कभी मजदूरी भी की, लेकिन दिल में तो कुछ कर दिखाने की उमंग थी। इसी के चलते फहमीदा बेगम ने उधार कर्ज कर एक कालीन बुनाई की खड्डी लगाई। मेहनत की और बनाये गए माल को बाज़ारो तक पहुंचाया।
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