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सवाईमाधोपुर.जिले के 707 निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत पढ़ रहे करीब 65 हजार बच्चों की फीस पुनर्भरण बकाया है। सरकार की ओर से करोड़ों रुपए के आवंटन पर शिक्षा विभाग कुंडली मारे बैठा है। इससे निजी स्कूल संचालकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 व 2024-25 का कुल 25 करोड़ रुपए की राशि बकाया है। इसमें प्री प्राइमरी वित्तीय वर्ष 2022-23 की नौ करोड़ एवं 2023-24 व 2024-25 की 16 करोड़ रुपए की पुनर्भरण की राशि बकाया है। तीन साल से किसी को एक धेला तक नहीं मिला है। सरकार से बजट भी दो से तीन साल में मंजूर होता है।
तीन साल से नहीं मिली राशि
सवाईमाधोपुर जिले में 707 स्कूलों की पुनर्भरण की राशि बकाया है। इनका आरटीई के तहत 2023-24 में निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश हुआ था। लेकिन सरकारी स्कूलों में भी उनका नामांकन मिलने पर शिक्षा विभाग ने फिर से सत्यापन के लिए उनकी पुनर्भरण की राशि रोक दी थी। इसके बाद दो बार के सत्यापन में उनका प्रवेश निज स्कूलों में मिलने पर भी उनकी पुनर्भरण राशि अब तक जारी नहीं की है। ऐसे में तीन साल से यह राशि नहीं मिलने पर स्कूल संचालक व अभिभावक गफलत में है। तो कई स्कूल संचालकों ने अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बढ़ा दिया है।
25 फीसदी सीटों पर होता है प्रवेश
आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक दृष्टि से कमजोर व अक्षम बच्चों का नि:शुल्क प्रवेश होता है। प्रवेश के बदले राज्य सरकार निजी स्कूलों को प्रति बच्चे के हिसाब से पुनर्भरण राशि जारी करती है।
तीन बार हो चुका सत्यापन
आरटीई के इन बच्चों का सत्यापन तीन बार हो चुका है। पहला सत्यापन इनके स्कूल में प्रवेश के बाद हुआ तो दूसरा सरकारी स्कूलों में प्रवेश की सूचना पर हुआ था। दूसरी बार सत्यापन के बाद भी शिक्षा विभाग संतुष्ट नहीं हुआ तो पिछले साल सीबीईओ से फिर तीसरी बार सत्यापन करवाया गया लेकिन तीन सत्यापन में सही पाए जाने पर भी अभी उनकी पुनर्भरण राशि जारी नहीं की गई है।
निजी स्कूल संचालकों में रोष
निजी स्कूलों में बीते तीन साल से पुनर्भरण की बकाया राशि नहीं आने से संचालकों में रोष बना है। गत दिनों में जिले के निजी स्कूल संचालकों ने पुनर्भरण राशि की मांग को लेकर जिला कलक्ट्रेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था।

फैक्ट फाइल...
-जिले में प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन करीब 25 करोड़ रुपए की पुनर्भरण की राशि बकाया है।
- जिले में 707 स्कूलों की चल रही है पुनर्भरण की बकाया राशि।
-पुनर्भरण की राशि 75 प्रतिशत केन्द्र से एवं 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार से मिलती है।
- जिले के 65 हजार से अधिक बच्चों की अटकी है पुनर्भरण की राशि

इनका कहना है...
वर्तमान सत्र समाप्त होने वाला है। सरकार से अभी भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है। जिले के 707 स्कूलों को लगभग सोलह करोड़ का भुगतान होना है। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्री प्राइमरी की 9 करोड़ की राशि बकाया है। वीरबाला महिला सशक्तिकरण योजना का गत सत्र की किश्त का भुगतान भी नहीं हुआ है। यदि सरकार मार्च क्लोजिंग तक भुगतान प्रक्रिया प्रारंभ नहीं करती है, तो मजबूरन आंदोलन की राह पकडऩी पड़ेगी।
दिलीप शर्मा, जिलाध्यक्ष,स्कूल शिक्षा परिवार सवाईमाधोपुर


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