स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की चिकनी घाटियों पर होली के दौरान बिखरी गुलाल की परत अभी तक जमी हुई है, जिससे दुपहिया वाहन चालकों, स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के फिसलने का सिलसिला जारी है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है, जिससे लोगों में रोष है। गौरतलब है कि हवा प्रोल, सूरज प्रोल और अखे प्रोल की सर्पिलाकार घाटियों में फिसलन इतनी बढ़ चुकी है कि राहगीरों और दुपहिया वाहन चालकों को हर कदम संभलकर रखना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी मुकेश कुमार, राकेश, ललित का कहना है कि घाटियों से हर दिन सैकड़ों लोग गुजरते हैं। गुलाल के जमाव के कारण कई लोग फिसल चुके हैं। होली के दो दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक गाड़ियों की दशा सुधारने के लिए प्रभावी प्रयास अब तक देखने को नहीं मिले हैं।
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00:00In this video, you can see how people are protesting against the government of India.
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