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सवाईमाधोपुर. राज्य सरकार ने भले ही पिछले साल बजट में सवाईमाधोपुर जिले में अमरूद प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की हो, मगर पिछले सात माह से यह घोषणा केवल कागजों में ही घूम रही है। बजट में घोषणा के बाद धरातल पर कुछ नहीं हो पाया है। इससे में अमरूदों की बागवानी कर रहे काश्तकार अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है और सरकार को भी कोस रहे है।
जिले के अमरूदों की मिठास दूर-दूर तक फैली है। इसके बावजूद भी जिला अब तक फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होने से अछूता है। अमरूद प्रोसेसिंग यूनिट पर सरकार की अनदेखी का ग्रहण लगा है। पूर्व में कृषि मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों ने जिले में अमरूद प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने को लेकर खूब दावे किए थे और पिछले साल बजट में भी सरकार ने जिले में अमरूद प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की थी लेकिन सरकार की यह घोषणा थोथी ही साबित हो रही है। ऐसे में जिले में अब तक किसानों की फूड प्रोसेसिंग यूनिट की उम्मीद अधूरी है।
यूनिट लगे तो बढ़े आय और मिले रोजगार
जिले में अमरूद व अन्य उत्पादों की फूड प्रोसेसिंग यूनिट के शुरू होने से जिले के लोगों की आय तो बढ़ेगी ही साथ ही कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जिले में पर्यटन व अमरूद के कारोबार से सबसे अधिक आय होती है। जिले में अमरूद का कारोबार अरबों तक पहुच गया है। ऐसे में यदि जिले मेंं फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू होती है तो अमरूद से जैली आदि उत्पादों का जिले में उत्पादन शुरू होता है तो इससे जिले की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। गौरतलब है कि जिले में गोला व अमरूद की अन्य किस्मोंं की विदेशों तक मांग हैं। वर्तमान में जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने होने से स्थानीय अमरूद दिल्ली, मुंबई आदि बड़े शहरों में भेजा जा रहा है, जहां अमरूद से अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
अचार,मुरब्बा सहित कई उत्पाद हो सकते है तैयार
जिले में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की सौगात मिले तो अधिक रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी। अमरूद का अचार, मुरब्बा, पापड़ आदि उत्पादों का उत्पादन होगा। लोगों की आय तो बढ़ेगी ही साथ ही कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वर्तमान में किसान अमरूद बेचने के लिए दिल्ली, आगरा, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल तक पहुंचते हैं। ट्रांसपोर्ट में अधिक लागत आने से खर्च भी नही निकल पाता है। फूड प्रोसेसिंग प्लांट से जिले में अमरूद के नए उद्योग यथा पल्प प्रोसेसिंग, सोटिंग ग्रेडिंग, केन्डी, ज्यूस आदि के उत्पाद इकाई लगाई जा सकती हैं।
जनप्रतिनिधि दे रहे थोथे आश्वासन
मंत्री, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि अमरूद प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने को लेकर थोथे आश्वासन देते रहे हैं। इसके अलावा प्रशासन, उद्यान विभाग व जिला उद्योग केन्द्र की ओर से अमरूद प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। इसका खामियाजा अमरूद की बागवानी लगा रहे किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों का अमरूद औने-पौने दामों पर ही खरीदा जाता है।
यह है अमरूदों से जुड़े आंकड़े...
-5 अरब के करीब है जिले में अमरूद का कारोबार।
-20 हजार से अधिक किसान जुड़े है अमरूद की बागवानी से।
-3 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं अचार व पापड़ के कारोबार से।
-14 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में लगे है अमरूदों के बगीचे।
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इनका कहना है...
सरकार अमरूद प्रासेसेसिंग यूनिट को पीपीटी मोड पर लगाना चाह रही है लेकिन अब तक यूनिट लगाने के लिए तीन फर्मों ने पीपीटी मोड पर राइजनिंग राजस्थान में आवेदन किए है लेकिन तीनों ने अभी तक कोई रूचि नहीं दिखाई है।
दिलीप मीणा, सचिव, कृषि उपज मण्डी, सवाईमाधोपुर

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