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प्रतापगढ़. गत दिनों से जहां बारिश हो रही है। वहीं दूसरी ओर कई दिनों से हिंसक वन्यजीव भी आबादी क्षेत्र में घुसने लगे है। ऐसे में लोगों में दहशत का माहौल है। इनमें भी गत दिनों से मगरमच्छ, जरख, अजगर और पैंथर के आबादी इलाकों में दिखाई देने की घटनाएं बढ़ गई है। इसके साथ ही रात में इन हिंसक जीवों की आबादी के निकट दिखाई देने से लोगों में डर का माहौल है। हालांकि वन विभाग की ओर से इस प्रकार की घटनाओं को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वहीं छोटीसादड़़ी के बसेड़ा गांव में घुसे पैंथर को वन विभाग ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया।
गौरतलब है कि जंगल में वन्यजीवों की श्रंखला एक-दूसरे पर निर्भर होती है। लेकिन जंगल में गत दिनों से वन क्षेत्र में इंसानों की गतिविधियां बढ़़ती जा रही है। जिससे यहां के जीव भी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसमें भी शाकाहारी की संख्या में कमी आई। वहीं इन पर निर्भर मांसाहारी जीवों को समय पर भोजन नहीं मिलने से आबादी की ओर रुख करने लगे। यहां कई बार वे खुद भी शिकार हो जाते है। कई बार दुर्घटना में भी मौत हो जाती है।
वन विभाग की टीम ने पैंथर को किया रेस्क्यू
छोटीसादड़ी के बसेड़ा में वन विभाग की टीम ने शुक्रवार रात रात को पैंथर का रेस्क्यू किया। यह पैंथर पिछले कुछ दिनों से गांव के पास देखा जा रहा था। क्षेत्र के बसेड़ा गांव में एक पैंथर ने क्रिकेट खेल रहे किशोर पर हमला कर दिया था। जिससे किशोर जख्मी हुआ था। गांववासियों में डर का माहौल बन गया था। वन विभाग को सूचना मिलने पर तुरंत एक विशेषज्ञ टीम को मौके पर भेजा गया। टीम ने पैंथर को सुरक्षित तरीके से पकडऩे के लिए हर संभव प्रयास किए। कई घंटे की मेहनत के बाद पैंथर को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया। रेस्क्यू के बाद, पैंथर को उसकी प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रूप से वापस जंगल में छोड़ दिया गया। सहायक वन संरक्षक दिलीपसिंह गौड़ ने बताया कि छोटीसादड़ी के बसेड़ा में पैंथर का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। रात्रि 11 बजे पैंथर को पिंजरे में पकडक़र आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण के बाद वन क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ दिया। रेस्क्यू टीम में क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रतापसिंह चूंडावत, वनपाल शैतानसिंह, सागरमल जणवा, पारसमल धाकड़, कृष्णप्रतापसिंह, सुरेश मेघवाल, जगदेवसिंह आदि शामिल थे।
धरियावद में एक सप्ताह से मगरमच्छ से दहशत
धरियावद. यहां के वजपुरा इलाके में गत एक सप्ताह से मगरमच्छ की दशहत है। यहां नदी में एक सप्ताह सेे मगरमच्छ दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि यहां नदी पर बने एनिकट में मगरमच्छ दिखाई दे रहा है। ऐसे में यहां रात को मार्ग से गुजर रहे वाहन चालकों ने सडक़ पर चहल कदमी कर रहे इस मगरमच्छ का वीडियो बना लिया था। सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन यह हाथ नहीं आया था। क्षेत्रीय वन अधिकारी रामलाल मीणा ने बताया कि बरसात के मौसम में जाखम बांध से पानी का फ्लो होने के कारण कई मगरमच्छ कर्मोचनी नदी से होते हुए क्षेत्र में आ जाते हैं। कुछ दिनों पहले भी कर्मोचनी नदी एनीकट में और एक तालाब में मगरमच्छ दिखाई दिया था। वह भी अभी तक वन विभाग के हाथ नहीं आया है। बस्ती क्षेत्र में और सडक़ों पर इस तरह से मगरमच्छ के आने से लोगों में भय और दहशत का माहौल है। हालांकि वन विभाग की ओर से लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। साथ ही मगरमच्छ वाले इलाके में लोगों से नदी में नहीं जाने की अपील भी की गई है।

सावचेत रहें, सूचना तत्काल विभाग को दें
इन दिनों कई प्रकार के वन्यजीव आबादी क्षेत्र में घुस जाते है। जिससे आमजन में दहशत बढ़ जाती है। ऐसे में किसी भी प्रकार के वन्यजीव के दिखाई देनेें पर छेड़छाड़ नहीं करें। इसके साथ ही इसकी सूचना संबंधित वन विभाग के कर्मचारी कों दें। जिससे समय पर रेस्क्यू किया जा सके।
हरिकिशन सारस्वत, उपवन संरक्षक

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