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सवाईमाधोपुर. जिले में भले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद को ढाई माह बीत गए है, मगर अब तक एक भी बोरी उड़द की तुलाई नहीं हो सकी है। बाजार भाव अधिक होने से किसानों का खरीद केन्द्रों से पूरी तरह से मोहभंग हो चुका है। यही वजह है कि बीते ढाई माह से जिले में उड़द खरीद के लिए बनाए गए तीन केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा है। हालात यह है कि पंजीयन नहीं होने पर अब तक तीनों खरीद केन्द्रों इलेक्ट्रॉनिक कांटे तक नहीं लगे है।
जिले में सवाईमाधोपुर, खण्डार व चौथकाबरवाड़ा में समर्थन मूल्य पर 15 अक्टूबर से उड़द की खरीद शुरू है लेकिन किसानों का रूझान नहीं होने से अब तक खरीद केन्द्र सूने पड़े है। ऐसे में किसान कृषि उपज मण्डी या बाजार में भी उड़द बेच रहे है। वर्तमान में तीनों खरीद केन्द्र सूने पड़े है।
केवल 8 किसानों का ही पंजीयन
15 अक्टूबर से उड़द खरीद के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। ऐसे में 15 अक्टूबर से 5 जनवरी तक केवल 8 किसानों ने अब तक पंजीयन कराया है। इनमें चौथकाबरवाड़ा क्षेत्र के आठ किसानों के ही पंजीयन है जबकि खण्डार व सवाईमाधोपुर केन्द्रों पर पंजीयन का आंकड़ा शून्य है।
मण्डी में रोज ढाई से अधिक आ रहे कट््टे
जिला मुख्यालय पर आलनपुर रोड स्थित कृषि उपज मण्डी में इन दिनों रोज करीब 50 किसान उड़द लेकर पहुंच रहे है। वहीं करीब ढाई सौ से अधिक कट््टे की तुलाई हो रही है। उधर, सरकार की ओर से इस बार उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7400 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है, जबकि किसानों को अच्छी गुणवत्ता के उड़द का दाम बाजार व कृषि उपज मण्डियों में 7400 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक मिल रहे है।
खरीद केन्द्रों पर लटका ताला
जिला मुख्यालय पर चकचैनपुरा स्थित अमरूद मण्डी, खण्डार व चौथकाबरवाड़ा में 15 अक्टूबर से 15 जनवरी तक 90 दिनों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद होनी है लेकिन बीते ढाई माह में समर्थन मूल्य पर एक दाना भी उड़द का नहीं तुल सका है। खरीद केन्द्रों पर ताला लटका है। ऐसे में कृषि मंडी में सूनापन नजर आ रहा है।

इनका कहना है...
उड़द का बाजार भाव एमएसपी से थोड़ा अधिक है। इससे किसान खरीद केन्द्रों पर नहीं पहुंच रहे है। ऐसे में ना तो पंजीयन हो सका है और ना ही तुलाई हुई है।
किशनलाल मीणा, उपरजिस्ट्रार, क्रय-विक्रय सहकारी समिति सवाईमाधोपुर

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