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00:00रोहन एक स्पूर्टीला लड़का था, सबको मदद करता था, सबका ख्याल रखना ये उसके स्वभाव में ही था, खेल कूद में भी उसकी बहुत रुची थी, और वह क्रिकेट भी अच्छा खेल लेता था, एक बार वह मैदान में क्रिकेट खेल रहा था, उसने अच्छा ख
00:30वो सेंचुरी बनाने के बहुत नस्दीक था, अगली एक गेंद पर उसने एक जोर का फटका लगाया, तो वह गेंद एक पेड़ पर बैठे हुए चिडिया को लगी, और वह चिडिया उस पेड़ से गिर गई, रोहन भाग कर उस चिडिया के पास गया, वह चिडिया गें
01:00पर रोहन उस चिडिया को लेकर घर आया, रोहन ने उसके पंख को दवाई लगाई, उसके लिए एक मुलायम घौसला बनाया और अपने कमरे की खिड़की में ठीक से सुरक्षित तरीके से उसे रखा, इस तरह रोहन ने उस चिडिया का दो हफ्तों तक अच्छा ख्याज र
01:30उसने देखा कि वो चिडिया उस घौसले में नहीं थी, पर उसके जगह पर एक नन्ही सी परी प्रगट हो गई थी
01:38उस नन्ही परी को देखकर रोहन को बहुत आश्चर्य हुआ, फिर वह परी बोली
01:45रोहन आश्चर्य हो रहा है न, मैं कौन हूँ, कहा से आई हूँ, ये प्रश्ण मन में उठ रहे है न
01:55रोहन ने कहा
01:57हाँ, और मेरी चिडिया कहा है
02:01परी ने कहा
02:03मैं तुम्हे सब बताते हूँ, मेरा नाम वसुनधरा है, मेरा वास परियों के राज में रहता है
02:13जबी भी मेरा पृत्वी पर आनिता मन करता है न, तो मैं चिडिया का रूप लेकर आ जाती हूँ
02:21उस दिन, तुमने मारे हुए गेन की वज़ा से, मैं जखनी हो गई, और मुझे लगा कि अब मैं कभी अपने परियों की राज़ में वापस नहीं जा पाऊंगी
02:34पर तुमने सिंचुरी के नज़िक होते हुए भी, तुमारे खेल को छोड़कर मुझे घर ले आये
02:42मेरा खयाल रखा, इस वज़य से मैं पूरी तरह से ठीक हो गई हूँ, और अब मैं मेरे परियों की राज़ में वापस जा सकती हूँ
02:54मैं तुमारे इस अच्छे बरताव के कारण एक भेड देना चाहती हूँ
03:00ऐसा कहकर परी ने उसकी जादू से एक बैट निर्मान की और रोहन को कहा
03:08देखो, तुम जब भी भी इस बैट का इस्तमाल करोगे न, तब तुम हमेशा सिंचुरी लगाओगे
03:17और मुझे हमेशा मैदान के इर्द गिर्द किसी पेड़ पर चाहते हुए सुनोगे
03:25उस दिन से रोहन जब भी कोई मैच खेलता तो वह सिंचुरी जरूर बना लेता
03:32अब रोहन को लोग जानने लगे और वो कहने लगे कि रोहन को जैसे कोई जादूई बैट मिल गई है
03:39अगर रोहन को किसी ने उसके बैट के बारे में पूछा भी तो वह हस कर बात को टाल देता था
03:46पर उस चिरिया की बात उसने किसी को भी कभी भी नहीं बताई
03:52कई बार, टीम के बाकी लड़के उसे उसकी बैट खेलने के लिए मांगते थे पर रोहन अपनी बैट किसी को भी नहीं देता था
04:02उसके टीम में कही ऐसे लड़के थे जो उसकी सफलता से जलते थे
04:08और उन्हें लगता था कि रोहन के बैट के पीछे कोई तो राज ज़रूर है,
04:13जिससे रोहन नहीं बता रहा है।
04:16और वो बैट ही रोहन के सफलता का कारण है।
04:21तो एक बार मैच के पहले जब रोहन ड्रेसिंग रूम में उसका क्रिकेट का किट रख कर नहाने गया था,
04:28तब बाकी के लड़कों ने मिलकर रोहन की वः बैट गायब कर दी।
04:33और उसकी जगह पर दूसरी वैसे ही दिखने वाली बैट लाकर रख दी।
04:39रोहन आया और अपनी पारी खेलने के लिए मैदान में उत्रा।
04:44यहां रोहन से जलने वाले लड़कों ने जादूई बैट ही बदल दी थी,
04:49तो अब रोहन सेंचुरी नहीं कर पाएगा और उसकी भली भाती ना कटेगी
04:55ऐसा सोचकर वे लड़के बहुत खुश थे।
04:59रोहन मैदान में आया पर उसने देखा कि वही चिडिया पेड़ पर बैठी चहक रही है।
05:06तो उसने बड़ी खुशी से और आत्मविश्वास से उस पारी में अच्छे शॉट्स लगाए और सेंचुरी भी लगाई।
05:15फिर से एक बार रोहन की सफलता पर सभी लोगों ने वाहवाई की,
05:20पर उस से जलने वाले लड़के तो मायूस हो गए और उनकी हरकत पर शर्मिंदा भी हो गए।
05:29मैच के बाद उन्होंने रोहन को सब कुछ सच सच बता दिया और उसकी असली बैट भी उसे लोटा कर उसे माफी मांग ली।
05:41पर रोहन को ये बाद जानकर हैरानी हुई कि उसने जादुई बैट का इस्तमाल नहीं किया फिर भी वह सेंचुरी कैसे बना पाया।
05:51तो रोहन उस पेड़ पर बैठी हुई चिरिया के पास आया और उसने पूछा,
05:57अरे चिरिया राणी आज मैंने तुमने दी हुई जादुई बैट का इस्तमाल ही नहीं किया फिर भी मैं सेंचुरी बना पाया ये कैसे हुआ।
06:07उस पर चिरिया राणी बोली,
06:10अरे रोहन मैंने तुमें जो बैट दी थी ना वो जादुई तो थी ही नहीं वो एक साधारन सी बैट थी,
06:20पर केवल मैंने वो बैट जादुई है ऐसा कहकर तुमारे मन में आत्मविश्वास भर दिया था,
06:28और उस आत्मविश्वास से ही तुम हर पारी में सेंचुरी बनाते आए, जैसे कि तुमने इस पारी में भी बनाई,
06:37तो सच में देखा जाए तो जादु बैट पे नहीं बलकि तुमारे आत्मविश्वास की है।
06:45चिरिया की बात सुनकर रोहन ने मन ही मन में उसे धन्यवाद दे दिये।
06:51तो बच्चों, इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि अगर हमारे पास आत्मविश्वास हो,
06:59तो हम सामान्य वस्तूओं से भी मानों जादू भरी सफलता पा सकते हैं।
07:05तो हमें हमारा आत्मविश्वास हमेंशा बरकरार रखना चाहिए।

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