FB_VID_3037639117026127494

  • 10 hours ago
“ अरे मन ! लाख टका की बात सुन ! जो पुत्र,पिता,भाई आदि तुझे अपना मानते रहते हैं,यह सब धोखा है।क्योंकि वो लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए ही ऐसा करते हैं।अरे मन ! जब ये लोग अपना ही वास्तविक हित नहीं समझते और सांसारिक विषयों में भटकते रहते हैं तब भला ये तेरा क्या हित करेंगे।तू इन पर क्या विश्वास करता है।अरे मन ! अब तू सबसे नाता तोड़कर एकमात्र श्यामसुन्दर से नाता जोड़ ले।”

*- जगद्गुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज*

Category

People

Recommended