गोलकीपर Sreejesh ने कहा, “Bharat पहुंच कर घर वालों के साथ जश्न मनाना है”
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। इस पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए बताया कि ये सफर आसान नहीं था। यहां तक पहुंच गए मेरे लिए इतना ही काफी है। मैंने जितनी मेहनत करनी थी की है। बच्चों को यही रास्ता दिखा रहा हूं। क्रिकेट में पैसा है लेकिन हॉकी में दिल जीतते हैं। बहुत मैच हारे, जीते भी लेकिन ये तो चलता रहता है। गोलकीपर का लाइफ काफी टफ होता है। कई बार आप मैदान में अकेले पड़ जाते हो। गोलपोस्ट में खड़े होकर दूसरे खिलाड़ियों से बातचीत नही कर सकते। अब बस घर वालों देश वालों के साथ इसका जश्न मनाना है।
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00:00जर्नी आसान नहीं था, बहुत टॉफ़ था, बढ़ इससे ज़्यादा मैं उम्मेदी नहीं रख रखता हूँ कि यही काफी है, जितना करना चाहिए था, जितना कर सकता था, मेरे साफ़ से मैंने किया है और मैंने बाकिर जो बच्चलों को एक रास्ता भी दिखा रहा है कि आ
00:30पर आपने बहुत अच्छा काम कर रहा है, तो मेरे साफ़ से एक भूखा बन्दे को खाना मिलने के साफ़ से वो दिल को खुश कर देता है और आपको लगता है कि हाँ यार आप आसान काम नहीं कर रहा है यार मैंने एक चीज़ बताना चाहता हूँ कि मेरे लाएफ देखलो
01:00मेरे साथ एक गोल कीपर हो रहा है क्रिशना पटक, मेरे साथ दोनों ओलिंबिक्स में 19 प्लेयर था वो, बेंगे प्लेयर आप अंदर आ सकते हो, आप खेल सकते हो, बढ़ दोनों बाहर बाहर बैटना और मैच ठेकना और आपको कहीं न कहीं अंदर जाने के लिए मौका
01:30जाता है और आपको किसे बात नहीं कर सकता है, बाकी लोग बीजी रहते हैं मैंचस खेलने में, तो आप होकी के अंदर एक दिफरेंट गेंब खेलते हो, तो मेरे साथ से it's tough to become a goalkeeper, but जो गोल कीपर है, वो really tough है, गोल कीपर, गोल पोस्ट ऐसे एक जगह है जिसने वापस ज�
02:00मैंने जहांपे हो, मेरे घार है वो, तो मैंने अपना घर से अच्छा से बात कर लेता हूँ, बस emotions देखा, अभी मैं खुश हूँ, मैंने जितना भी emotion था, गोल पोस्ट में, यहाँ ग्राउंड में मैंने खातम कर दिया, और इसके लिए आपको खेलने के लिए जीता हूँ,