32वें ICAE में PM Modi ने कहा, ‘अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप उनका मूल कहा गया है’
दिल्ली में कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज दुनिया भर में भोजन और पोषण को लेकर इतनी चिंता है, लेकिन हज़ारों साल पहले हमारे शास्त्रों में कहा गया था कि सभी तत्वों में भोजन सर्वोच्च है, इसलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप उनका मूल कहा गया है। हमारे आयुर्वेदिक विज्ञान में औषधीय गुणों वाले भोजन के उपयोग की पूरी समझ है। यह पारंपरिक ज्ञान प्रणाली भारत के सामाजिक जीवन का एक हिस्सा है। पीएम ने कहा, भारत में 2 हजार साल पहले कृषि पराशर ग्रंथ लिखा गया था।
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00:00Today, there is so much concern about food and nutrition in the world.
00:10But thousands of years ago, it was said in our scriptures,
00:20अन्नं ही भुतानां जेष्ठं पस्मात् सर्वोशधं उच्छते
00:29अर्थात सभी पदार्थों में अन्न स्रेष्ट हैं
00:35इसलिए अन्न को सभी आउशदियों का स्वरूप, उनका मून कहा गया है
00:46हमारे अन्न को आउशदिय प्रभावों के साथ इस्तेमाल करने का पुरा आयूर वेद विज्ञान है
01:00ये पारंपारिक नोलेश सिस्टिम धारत के समाज जीवन का हिस्सा है
01:10फ्रेंट्स, लाइप और फूर को लेकर ये हजारों वर्ष पहले का धारती विज्ञम है
01:24इसी विज्ञम के आधार पर धारत में एग्रिकल्चर का विकास हुआ है
01:34धारत में करीब बो हजार वर्ष पहले कृशी पराशर नाम से जो ग्रंत लिखा गया था
01:46वो पूरे मानव इतिहास की धडवर है
01:51ये विज्ञानिक खेति का एक कॉंप्रिहेंसिव डोकुमेट है
02:01जिसका अब ट्रांस्लेटेड वर्जन भी मोजूद है
02:09इस ग्रंत में कृशी पर द्रह नक्षत्रों का प्रभाव
02:16बादलों के प्रकार
02:19रेनफोल को नापने का तरीका और फोरकास्ट
02:24रेनवोर्टर हार्वेस्टिंग
02:27जैविक खात
02:29पश्वों के देखभाल
02:32बीच की सुरक्षा कैसे की जाये
02:36स्टोरेज कैसे की जाये
02:39ऐसे अनेक विशों पर
02:42इस ग्रंत में विस्तार से बताया गया