Dhruv Rathee - Who Controls your Internet How Internet Works | ..

  • 2 months ago
Is it your internet service providers like Jio, Airtel or BSNL? Is it our government? Is it few big companies like Facebook, Google or Amazon? Or is it someone else? In this educational video, I will answer this question and tell you all you need to know about how Internet works. I explain everything from domain names to DNS to IP Addresses. ‬
Transcript
00:00गमस्कार दोस्तों
00:05कभी आपने सोच कर देखा है दोस्तों की इंटरनेट को चलाता कौन है?
00:09कौन पूरी दुनिया बर के इंटरनेट को कंट्रोल करके रखता है?
00:12शायद आपके मन में आएगा की इंटरनेट प्रोवाइड करने वाली कंपनी
00:15जैसे की जियो, एयर टेल या बीसनल हो गया ये कंट्रोल करती हैं
00:18लेकिन ये चीज़ सच नहीं है क्योंकि अगर एक कंपनी ने बंद किया प्रोवाइड करना है
00:22तो दूसरी कंपनी मौझूद है यहाँ पर
00:24तो शायद आप सोचोंगे कि अमारी सरकार कंट्रोल करके रखती है लेकिन ये चीज़ भी सच नहीं है
00:28सरकार जहांसे ज़ादा दो-तीन फेस्बूक पोस्ट अटा सकती है, वेबसाइट ब्लॉक कर सकती है
00:32लेकिन उन्हें बाइपास असानी से किया जा सकते है और पूरी दुनिया भर के इंटरनेट पर
00:36कोई जाधा कंट्रोल नहीं आएगा इससे
00:38तो आप शायद सोचोंगे कि गूगल, फेस्बूक, यूट्यूब जैसी कंट्रोल करके रखती हैं
00:42क्योंकि इनके पास सबसे ज़्यादा डेटा है यहाँ पर
00:44लेकिन यह चीज भी सच नहीं है
00:46क्योंकि आप अपनी खुद की वेबसाइट बना सकते हो
00:48और यह कंट्रोल उसमें इंटरफेर नहीं कर पाएंगी
00:51तो सवाल यहाँ पर यह है कि जब आप अपनी वेबसाइट बना रहे हो
00:53कौन आपको जगह दे रहा है इंटरनेट में यहाँ पर वेबसाइट बनाने के लिए
00:57कोई एथारोटी है जो बता सकती है कि यह वेबसाइट आप बना सकते हो यह वेबसाइट नहीं बना सकते हो
01:01इस एडॉकेशन वीडियो में दोस्तों मैं आपको इंटरनेट के बारे में बताना चाहूँगा
01:04क्योंकि इंटरनेट पूरी दुनिया बहर में फ्रीडम और डेमोकरसी मेंटेन करने के लिए एक इंपॉर्टेंट टूल है
01:10चाइना जैसी कंट्रीज हैं जो अपने सिटिजन्स को कुछ वेबसाइट से ब्लॉक औफ करके रखती हैं
01:15कुछ वेबसाइट जैसी की गूगल, यूट्यूब, फेस्बूक वहाँ परमेनेंटली ब्लॉक थे
01:19क्योंकि चाइनीज गवर्मन्त एक तरह से ब्रेंवाश करना चाहती है अपने सिटिजन्स का
01:24इसलिए दोस्तो इंटरनेट कैसे काम करता है और ये क्या है इसको समझना काफी जरूरी है मुझे लगता है
01:30और ये मैं आपको इस वीडियो में बताना चाहूँगा
01:33इस वीडियो के एंड में एक special contest है आप लोगों के लिए दोस्तो
01:36जिसमें आपको बहुत से prizes जीतने का मौका मिल सकता है
01:39मेगा प्राइज है सिंगापुर तक जाने के लिए एक holiday trip
01:42तो इस वीडियो को एंड तक देखना दोस्तो
01:48www.youtube.com ये एक URL है एक link है
01:53इसमें जो YouTube है दोस्तो उसे कहेंगे domain name और जो .com है उसे कहेंगे top level domain
01:59अगर आपको अपनी website बनानी है तो आपको अपना domain name खरीदना होता है
02:02और कुछ ऐसी websites हैं जो domain name को बेचने का काम करती हैं
02:05जैसे कि godaddy.com
02:07godaddy.com पे आप जाएंगे अगर आपको अपनी website के लिए domain name खरीदना है
02:11जैसे मुझे धुरुवराथी.com के लिए खरीदना था तो मैं godaddy.com पे जाके मैंने खरीदा
02:16लेकिन अब सवाल यह है कि godaddy.com को हग किसने दिया कि यह domain name जाकर बेचे
02:21godaddy.com होता है domain name को बेचने वाला
02:24कोई तो होगा जो कह रहा है कि अच्छा godaddy.com domain name बेच सकता है
02:42इंटरनेट कॉरपरेशिन फ़ोर असाइन नेम्स और नमबर्स
02:45आई कैन यह एक नॉन प्रॉफ़िट औरगणाइशन है दोस्तो जो लॉस ऐंजलिस में बेस्ट है
02:50इसे आप कह सकते हो कि यह टॉप लेवल अथौरिटी है इंटरनेट को लेकर
02:53इसके पास पावर है कि godaddy.com जैसी वेबसाइटस को हक दे डोमेन नेम्स को बेचने का यहाँ पर
02:59यह अथौरिटी है जो डिसाइट करती है कि कॉंसी वेबसाइट डोमेन नेम्स को बेच सकती है
03:04यह टॉप लेवल आथौरिटी है जो डिसाइट करती है कि कॉंसे डोमेन नेम्स हो सकते है अक्शरी में
03:08.com हो सकता है, .in हो सकता है, .info हो सकता है, .gov हो सकता है
03:13तो यह सब ICANN डिसाइट करता है
03:15कि चलो हम .gov नाम की वेबसाइट बना सकते हैं
03:18हम डौट कॉम नाम के डौमेण नेम्स बना सकते हैं
03:22अलग ये नौन प्रॉफ़िट अउर्गनाजेशन है लेकिन ये टौप लेवल डौमेण नेम्स को बेचती है बाकी कंपनीस को
03:27बिड़िंग करके. जिन कंपनीस को ये बेचती हैं उन्हें रजिस्ट्रीज कहेंगे
03:31आईकैन की वेबसाइट पर आप जाकर देख सकते हो कि अलग अलग टौप लेवल के डौमेण किस-किस कंपनी ने खरीद रखे हैं
03:37जैसे कि डौट ए-ए-ए है इसे American Automobile Association ने खरीद रखा है
03:42रजिस्ट्रीज की नीचे आते हैं रजिस्ट्रार्स, GoDaddy.com जैसी कंपनीस
04:01पूरी दुनिया बर में बड़ी-बड़ी अंडर-वार्टर केबल्स विच्छी हुई हैं
04:17अक्रॉस दुनिया बर के सारे कंप्यूटर को एक-दूसरे से कनेक्ट करती हैं
04:22जिससे इंटरनेट बनता है यहाँ पर दोस्तों
04:24अब आप पूछोगे कि मेरा मॉबाईल फोन तो किसी केबल से कनेक्टेड नहीं है
04:28तो उस पे कैसे इंटरनेट चल जाता है
04:30मॉबाईल फोन, दोस्तों, मॉबाईल टावर के साथ चलता है
04:32जो 3G-4G है, उसकी कोई जाधा बड़ी रेंज नहीं होती है आपपर
04:35आप उस मॉबाईल फोन के टावर के पास हैं, तभी आपके फोन पे 3G-4G का सिग्नल आता है
04:40लेकिन थोड़ी से जाधा दूर जाएंगे वापर नहीं आएगा
04:42तो जो मॉबाईल फोन का टावर है, वो अक्शली में वायर से कनेक्टेड है
04:46वो उस वायर से कनेक्टेड है इवन्चुली, जो वायर पूरी दुनिया भर की वायर से कनेक्टेड है
04:52आप मैप में इसे एक बड़ी वायर आई इंडिया में जो मुंबै तक गई
04:58और मुंबै के पॉंट से अलग-अलग जगह पे वहाँ से वायर निकली और पूरी इंडिया के अलग-अलग एरियाज में गई
05:04जिस से की देश भर के अलग-अलग एरियाज में इंटरनेट पहुँचा
05:07तो एक तरह से आप कह सकते हो जिस कमपनी ने ये वायर बिचा ही है आपकर
05:10उसके पास काफ़ी सिग्निफिकेंट पावर है क्योंकि वो इंटरनेट को पहुचा रहे हैं अलग-अलग जगह तक
05:16दूसरा आप कह सकते हो कि जो कमपनी जमीन पर वायर बिचा कर आपके घर-घर तक ये वायर पहुचा रही हैं उस केबल से कनेक्ट कर रही हैं
05:22और आपके कमप्यूटर्स को पूरी दुनिया भर के इंटरनेट से कनेक्ट कर रही हैं
05:26इनके पास भी काफी सिग्निफिकन्ट पावर है
05:28इन्ने कहते हैं दोस्तो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर आई-एस्पीज ये हो गए आपके एरेटल, जियो, बी-एसनल
05:34जो आपके घर तक इंटरनेट पहुचा रहे हैं और हाँ, हैं इनके पास सिग्निफिकन्ट पावर
05:37क्योंकि गवर्मेंट के कहने पर ये आई-एस्पीज कुछ वेबसाइट को ब्लॉक करा सकते हैं
05:41अगर गवर्मेंट कहती है तो
05:43लेकिन इतनी भी पावर नहीं है इनके पास कि ये बहुत सारी चीज़े कंट्रोल कर पाएं
05:47क्योंकि वी-पि-एन लगाके आप आई-एस्पीज की ब्लॉकेज को ओवर कम कर सकते हैं
05:52जैसे हर मॉबाईल फोन का एक फोन नंबर होता है जिससे आप दूसरे मॉबाईल फोन को कॉल लगा सकते हो
06:01एसे ही हर डिवाइस जो इंटरनेट से कनेक्टेट है उसका एक आई-एपी अड्रेस होता है
06:05अब आप पुछोगे कि डोमेन नेम लिखते होँ अप आई-एपी अड्रेस तो नहीं लिखते हैं
06:34अगर आप ब्राॉजर में एक वेबसाइट का डोमेन नेम लिखते हो, तो उस डोमेन नेम को आईपी अडरेस में कनवर्ट करने वाली चीज होती है डोमेन नेम सर्वर, यानी DNS.
06:41अगर आप ब्राॉजर में एक वेबसाइट का डोमेन नेम लिखते हो, तो उस डोमेन नेम को आईपी अडरेस में कनवर्ट करने वाली चीज होती है डोमेन नेम सर्वर, यानी DNS.
06:54अब कई बार इंटरनेट सर्वेस प्रोवाइडर्स क्या करते हैं, DNS से ब्लॉक कर देते हैं किसी वेबसाइट को, कि आप कोई डोमेन नेम लिखो, तो उस आईपी अडरेस से लिंक ही ना कर पाए.
07:02तो इंटरनेट सर्वेस प्रोवाइडर का जो DNS है, वो आपको ब्लॉक कर रहा है कोई वेबसाइट पर जाने से. इसके लिए सिम्प्ली आप पबलिक DNS यूज़ कर सकते हो, जैसे गूगल का DNS होता है 8.8.8. आप अपने मॉबाइल फोन की सेटिंग में जाके अपना DNS च
07:32इसकासही जवाप है, कि ये किसी का भी नहीं है और हम सबका भी है
07:35क्योंकि इंटरनेट तबी चलता है जब ये एक डीसेंट्रिल्बायस सिस्तेम हो
07:39और अगर आपको इटनेट का एक पार्ठ करीदना है, आपको इंटनेट को ओन करना है
07:43यह आप तभी कर सकते हों जब आप अपनी एक वेपसाइट बना
07:46आप वेपसाइट कैसे बना सकते हों? अपना एक डोमेन नेम खरीदो
07:49फिर आपको एक सर्वर खरीदना पड़ेगा जहांपे आपकी वेपसाइट को स्टोर किया जा सके
07:53अब आप पुछोगे कि मैंने कहा था कि आपका मॉबाईल फोन, आपका कंप्यूटर भी सर्वर हो सकता है
07:57हो सकता है दोस्तों लिकिन उसमें इतनी प्रोसेसिंग पावर नहीं है, इतनी स्पेस नहीं है
08:01कि पुरी वेपसाइट को स्टोर करे और वो 24x7 नहीं चलता है आपका कंप्यूटर, नहीं आपका फ़ोन
08:06अगर वो 24x7 चलेगा तभी औरों के लिए इंटरनेट पे वो 24x7 आपकी वेपसाइट अवेलेबल रहेगी
08:11इसलिए ज़्यानली लोग क्या करते हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनीज ने अपने डेटा सेंटर बना रखे हैं, बड़े-बड़े सर्वर्स बना रखे हैं
08:17बहुत सेक्यौर है वो, उन पे जाके आप अपने सर्वर्स खरीच सकते हो अपनी वेपसाइट को स्टोर करने के लिए
08:22फिर आपको अपने डॉमेइन ने इनको सर्वर्स से लिंक करना पड़ेगा और अपने DNS को पबलिश करना पड़ेगा
08:27अब आप सोच कर देखो दोस्तों, अगर आपकी ये वेपसाइट है, अगर आप अपनी वेपसाइट को अपने घर में रखी हार्डिस्क की तरह
08:34घर में रखी पेन ड्राइफ की तरह यूज़ कर पातो
08:36क्योंकि वेपसाइट आपको स्टोरेज्ट स्पेस दे रही है यहाँ पर, जो सर्वर पर है
08:40और जब भी आप कहीं बहार हो, आप बस इंटरनेट पर वेपसाइट खोलो
08:45और आपके हार्डिस्क में रखे जैसे डोकिमेंट्स होते हैं, आपको अपनी वेपसाइट में वो डोकिमेंट्स दिख जाएँगे
08:49और फर्क यह होगा, कि इस वेपसाइट को पूरी दुनिया एकसेस नहीं कर पाएगी
08:53सिर्फ आप ही कर पाओगे क्योंकि इसमें एक यूजर नेम और पासवर्ड होगा
08:56तो आपको एक अपनी वेपसाइट मिल गई, जिसे आप एक हार्डिस्क की तरह यूज़ कर पाओगे

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