Who’s Destroying Undersea Internet Cables

  • last month
Who’s Destroying Undersea Internet Cables?

Category

🎵
Music
Transcript
00:00समंदर के बॉटम पर इंटरनेट केबल को अगर शार्क काट ले तो उसको ठीक कैसे किया जाता है।
00:06सबसे भड़कर ये पता कैसे चलता है के हजारों मील के समंदर में केबल कहां से तूटी है।
00:12इस वीडियो से लेकर पूरा यूट्यूब, टिक टॉक, इंस्टाग्राम और यहां तक के पूरा गलोबल टेक सिस्टम ही आजकल इंटरनेट के जरीए एक दूसरे से जड़ा हुआ है।
00:21और पूरे इंटरनेट का 99% ट्रैफिक समंदर के बॉटम पे मौझूद छुपी हुई केबल के सहारे गुजरता है।
00:29एक ऐसा ट्रैफिक का हाईवे जिसे हम रोजाना इस्तमाल तो करते हैं लेकिन देख नहीं सकते।
00:35जम टीवी के वीडियो में एक बार पिरसे खुशाम दीत।
00:38नाज़रीन अंडर सी केबल का नेटवर्क इतना बड़ा है कि वो तमाम कॉंटिनेंट्स को आपस में जोड़े हुए है।
00:44ये केबल्स ज्यादा से ज्यादा 8000 मीटर की केहराई में बिचाई गई हैं जहां प्रैशर 5300 केजी पर स्कॉयर इंच जितना होता है।
00:54ये ऐसा ही है जैसे इंसानी पाउंग की सबसे चोटी उंगली पर एक अफ्रीकन हाथी जितना वजन डाल दिया जाए।
01:01इतने ज्यादा प्रैशर में अंडर सी केबल्स का सबसे चोटा हिस्सा आजरबाईजान से तुर्कमानिस्तान के बीच पलेक सी के नीचे से गुजर रहा है जिसकी लंबाई करीब 300 किलो मेटर्स हैं।
01:13और सबसे बड़ा हिस्सा 6600 किलो मेटर्स लंबा है जिसको मरिया केबल का नाम दिया गया है।
01:20ये अमेर्का में विर्चीनिया बीच से शुरू होकर एटलांटेक ओशन की अंधेरी गहराईयों से होकर इस्पेन के बिल बाव पर आकर खतम होती है।
01:28बात की जाये दुनिया के तमाम समंदरों में बिचाई जाने वाली केबल की तो कुल मिला कर इन सब की लंबाई 14 लाख किलो मेटर्स से भी ज्यादा है।
01:37इतनी ज्यादा कि अगर इन केबल को हमारे सोलर सिस्टम के तमाम प्लैनेड्स और उनके मुन्स के गिर्द लपेटा जाए तो फिर भी इतनी केबल बच जाएगी कि वो अर्थ का दुबारा से एक गोल चकर लगा सके।
01:50अब जाहिर है इतनी लंबी केबल वो भी समंदर में 8,000 मेटर की घेहराई में बिचाना कोई हलका काम तो नहीं है।
01:57सिर्फ एक किलो मेटर सब्मरीन केबल को बिचाने में ज्यादा से ज्यादा 25 लाख US डौलर्स का खर्चा आता है।
02:05तो अब आप अंदाजा लगा लें के 14 लाख किलो मेटर केबल बिचाने में कितना खर्चा आया होगा।
02:11पर आखिर इतना सब कुछ करने की जरूरत ही क्या थी जब आज के दौर में यही काम सैटलाइट की मदद लेकर पूरी दुनिया को वायरलेसली आपस में कनेक्ट रखा जा सकता है।
02:22असल में देखा जाये तो पूरी दुनिया में 493 सब्मरीन केबल मुझूद हैं।
02:27हर एक केबल 4000 टेरा बिट्स का डेटा जेल सकती है वो भी सिर्फ एक सेकंड में।
02:33इसको यूँ समझ लें कि सिर्फ एक केबल पर 8 करोड लोग 4K मुझी एक साथ स्ट्रीम कर सकते हैं और ऐसी 493 केबल हैं।
02:43इसके बरक्स यही काम अगर सैटलाइट करेगी तो एक सैटलाइट पर वोही 4K मुझी सिर्फ 24,000 लोग एक साथ देख पाएंगे।
02:51अब लोगों की डिमांड्स पूरी करने के लिए होगा ये कि ज्यादा से ज्यादा सैटलाइट इंस्टॉल करनी पड़ेंगी जिसमें खर्चा भी ज्यादा होगा और मिंटेनेंस भी।
03:01सब मरीन केबल के मुकाबले में सैटलाइट की मिंटेनेंस ज्यादा कॉस्टली भी है और मुश्किल भी।
03:06और अगर किसी वज़ा से सैटलाइट में मेजर फॉल्ट आ जाये तो उसको रिपलेस करने में 40 करोड US डॉलर्स का खर्चा बरदाश करना होगा।
03:15यही वज़ा है कि लाखों किलो मेटर की केबल समंदर के नीचे बिचाना सैटलाइट या वाइरलेस कनेक्टिविटी से ज्यादा असान है।
03:23इस अंडर सी हाइवे में हर वक्त करोडों गीगा बाइटस का डेटा ट्रेवल कर रहा है।
03:28इसका मतलब है कि ये हाइवे भी काफी चोड़ा होगा।
03:31यानि ये केबल्स एक आम घरेलु फाइबर ओप्टिक केबल से ज्यादा मोटी होगी।
03:37पर ऐसा नहीं है।
03:38देखने में ये येलो और बलेक केबल एक होस पाइब जितनी मोटी है।
03:43इसके बीच से गुझरने वाली फाइस श्मींच केबल बाल जितनी पतली है।
03:47तो अब सावाल उठता है कि इतनी पत्ली तार के बीच से इतना ज्यादा Data कैसे भेजा जाता है।
03:53इस बाल जितनी वायर को फाइबर उप्टिक का कोर कहा जाता है, जो के गिलास या फिर प्लास्टिक से बना होता है।
04:00इसके बीच से लाइट गुजरती है जो डेटा को छोटे-छोटे पैकेट्स में लेकर ट्रैवल करती है।
04:06सब्से पहले कंपिटर में माझूर डयटा को अलेक्रीकल सीगनल से लाइट सीगनल में एक ट्रैस्मेटर की मदद से कद बांरें किया जाता है।
04:14ट् संमिटर ये काम लेजर लाइट या फिर एलेडि के जरीएं करता है।
04:18ये light signal पल्स की सूरत में transmit या भेजा जाता है, जिसके सिर्फ दो ही parts होते हैं, ones और zeros.
04:26Light pulse वन को जाहर करता है और जब कोई pulse नहीं होता तो वो zero को जाहर करता है.
04:32इन pulses को एक जगा से दूसरी जगा लेकर जाना core का काम होता है जिसके बीच light travel करती है.
04:39इस core के बाहर एक layer होती है जिसको cladding कहते हैं और ये layer light को core से बाहर निकलने से रोकती है.
04:47अगर light core से बाहर निकलने की कोशिश भी करेगी तो cladding उसको वापस core के अंदर ही bounce back करवाता है.
04:54इस process को total internal reflection कहा जाता है.
04:58अब ज्यादा फासले पर ये light signal weak हो जाता है जिसके लिए हर 100 km के बाद एक repeater लगाया जाता है जो light signal को boost कर देता है.
05:08इसी part को पूरा करने के लिए core और cladding के उपर copper की एक layer चड़ाई जाती है जिसमें 10,000 volts का DC current भेजा जाता है.
05:18क्यूंकि Ocean के बीच कोई power source तो होता नहीं इसी लिए इन amplifiers को power देने के लिए copper layer से गुजरने वाला current काम में लाया जाता है.
05:27Fiber optic cable एक से ज्यादा signals भी एक साथ transmit करने की सलाहियत रखती है.
05:33इस technique को wavelength division multiplexing यानि WDM कहा जाता है.
05:39मुझतलिफ colors की light को एक साथ fiber optic से गुजरा जाता है और हर एक color की light में अलग-अलग data packets होते हैं.
05:47जैसा के आप जानते हैं कि speed of light 1079 million km per hour होती है यानि ये data एक जगा से दूसरी जगा speed of light से पलक चपकते ही पहुंच जाता है.
06:00हजारों km दूर पहुंचने पर ये data photo diode या photo detector की मदद से दुबारा electrical signal में convert होता है और फिर computer या mobile device उसे दुबारा reconstruct करके graphics या फिर किसी भी form में ले आती हैं.
06:16कोर, लेडिंग और कॉपर लेर के इलावा सबमरीन केबल के मोटे होने की वज़ा इसके उपर मौजूद साथ और layers भी हैं जिनका काम केबल को पानी के extreme pressure से बचाना होता है लेकिन इसके बावजूद भी ये केबल earthquakes, shark attacks और समंदर के अंदर ही volcanic eruption से damage हो जाती हैं लेकिन सबम
06:46के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद
07:16के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद
07:46के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद
08:16के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद के बावजूद
08:46ये हवाएं कब समंदरी तुफान की शकल इख्ट्यार कर लें इनको कोई भी नहीं रोग सकता।
08:52इसके लावा एटलांटिक ओशन में अकसर औकाद कैटेगरी वन का हरीकेट मौजूद होता है।
08:58इस वक्त भी जब मैं वीडियो के लिए रिसर्च कर रहा हूँ
09:01तो एटलांटिक ओशन में कैटेगरी वन का हरीकेट मौजूद है।
09:04जो वोरकास्ट के हिसाब से 23 अगुस्ट को आईरलेंड के साहिल पे पहुँझेगा।
09:09हरीकेट मौजूद या तेज तुफान की वज़ा से
09:12कई-कई दिन तक इंस्टॉलेशन का काम वहीं पॉस कर दिया जाता है जब तक मौसम क्लियर ना हो।
09:19अब जब इंस्टॉलेशन का काम ही इतना मुश्किल है
09:21तो सोचें रिपेर का काम कितना मुश्किल होगा।
09:24सब्मरीन केबल के दोनों एंट पॉंट्स पर डेटा सेंटर्स होते हैं
09:28जो केबल की अक्टिविटी को 24-7 मॉनिटर करते हैं।
09:32जैसे ही दोनों का कनेक्शन तूट जाता है
09:35तो इसका एक ही मतलब है कि समंदर के बीच केबल तूट गई है।
09:39हजारों किलोमेटर की वाइर एक्जेक्टली कहां से डेमेज हुई है
09:43ये पता लगाने के लिए एक खास डेवाइस यूज होती है
09:46जिसे Optical Time Domain Reflectometer कहा जाता है।
09:50ये डेवाइस दोनों एंड से एक लाइट पल्स भेजती है
09:53और क्यूंके केबल तोटी हुई है
09:55तो वो लाइट पल्स बाउंस करके वापस आ जाती है।
09:59वापस आने वाला पल्स कितनी देर में वापस आया
10:02और सिग्नल की मजबूती कितनी बची है
10:04इससे अन्दाजा लगाया जाता है कि एक्जैक्टली कितने किलो मेटर्स के बाद केबल में डेमेज है।
10:10यही प्रोसेस दोनों एंड से किया जाता है
10:12और वेरिफाइ किया जाता है कि दोनों की लोकेशन एक ही है के नहीं।
10:17अब दोनों एंड से डी-सी सप्लाय
10:19यानी केबल में छोड़ा गया करंट बंद किया जाता है
10:22और उस लोकेशन पर आरोवीज को समंदर के बॉटम पर भेजा जाता है।
10:27आरोवीज की मदद से पहले फिजीकली केबल का मॉइना किया जाता है
10:31और फिर केबल को बाहर निकाल कर उपर मौझूद वैसल तक लाया जाता है।
10:36केबल का वो हिसा जो डेमिज हो गया हो
10:39वो काट कर उसमें दूसरा पीस लगाया जाता है।
10:42फाइबर आप्टिक का कोर क्यूंके गलास का बना होता है
10:45इसी लिए ये काम काफी एहत्यात से करना होता है
10:48ता के एक गलास दूसरे के साथ वैसे ही जुड़ जाए जैसे वन पीस में था।
10:53इस प्रोसेस को स्प्लाइसिंग कहा जाता है।
10:56अगर केबल कम पढ़ ही हो या समंदर का बॉटम काफी ज्यादा नीचे हो
11:00तो पहले एक हिस्से को उपर उठाया जाता है
11:03उसमें दूसरी एक्स्ट्रा वाइर जोड कर दुबारा नीचे बिचा दिया जाता है
11:07फिर यही प्रोसेस तूटी हुई वाइर के दूसरे एंड पे भी किया जाता है
11:12सब्मरीम फाइबर ओप्टिक केबल के फाइदे ये काम कैसे करती है
11:17इंस्टॉलिशन और रिपेर के बारे में शायद आपके कई सवालों का जवाब मिल चुका होगा
11:22उमीद है ZemTV की ये विडियो भी आप लोग भरपूर लाइक और शेर करेंगे
11:27आप लोगों के प्यार भरे कॉमेंट्स का बेहद शुक्रिया मिलते हैं अकली शांदार विडियो में

Recommended