ईरोड.
तमिलनाडु वन कर्मियों ने शुक्रवार को उस तेंदुए को पकड़ लिया जिससे पिछले एक महीने से इलाके में दहशत फैल गई थी। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि तेंदुए को पकडऩे के लिए कई दिनों से प्रयास किए जा रहे थे, अब उन्हें सफलता मिली है। तेंदुए ने खेत में कई जानवरों को मार डाला था।
सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के वन अधिकारियों के अनुसार, एक महीने पहले तेंदुआ यहां एसटीआर के अंतर्गत थलवडी वन रेंज के भीतर स्थित मालकुथ थोट्टी क्षेत्र में भाग्यलक्ष्मी के स्वामित्व वाले मवेशी शेड में घुस गया और छह बकरियों, 20 पोल्ट्री पक्षियों को मार डाला। इसके साथ ही एक गाय के दो बछड़े और पांच श्वानों को मार डाला था। भाग्यलक्ष्मी की शिकायत के आधार पर वन अधिकारियों ने कुछ दिन पहले उनके प्लॉट के पास एक पिंजरा रखा था। ग्रामीणों ने तेंदुए के आने की आवाज सुनी और उसे पिंजरे के अंदर पाया। बाद में उन्होंने वन कर्मियों को सूचित किया जिन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और बाद में तेंदुए को जंगल के अंदरूनी हिस्से में छोडऩे के लिए ले गए।
तमिलनाडु वन कर्मियों ने शुक्रवार को उस तेंदुए को पकड़ लिया जिससे पिछले एक महीने से इलाके में दहशत फैल गई थी। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि तेंदुए को पकडऩे के लिए कई दिनों से प्रयास किए जा रहे थे, अब उन्हें सफलता मिली है। तेंदुए ने खेत में कई जानवरों को मार डाला था।
सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के वन अधिकारियों के अनुसार, एक महीने पहले तेंदुआ यहां एसटीआर के अंतर्गत थलवडी वन रेंज के भीतर स्थित मालकुथ थोट्टी क्षेत्र में भाग्यलक्ष्मी के स्वामित्व वाले मवेशी शेड में घुस गया और छह बकरियों, 20 पोल्ट्री पक्षियों को मार डाला। इसके साथ ही एक गाय के दो बछड़े और पांच श्वानों को मार डाला था। भाग्यलक्ष्मी की शिकायत के आधार पर वन अधिकारियों ने कुछ दिन पहले उनके प्लॉट के पास एक पिंजरा रखा था। ग्रामीणों ने तेंदुए के आने की आवाज सुनी और उसे पिंजरे के अंदर पाया। बाद में उन्होंने वन कर्मियों को सूचित किया जिन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और बाद में तेंदुए को जंगल के अंदरूनी हिस्से में छोडऩे के लिए ले गए।
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