सीधी, 9 जून: द माउंटेन मैन के नाम से विख्यात गहलौर गांव (गया, बिहार) के दशरथ मांझी की कहानी तो आपने सुनी होगी। पहाड़ के कारण वे अपनी पत्नी को अस्पताल नहीं पहुंचा पाए थे और पत्नी की मौत हो गई थी। बस्ती के दूसरे लोगों को ऐसी समस्या न हो, इसलिए उन्होंने अकेले पहाड़ तोड़कर रास्ता तैयार कर दिया था। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के हरी सिंह गोड़ की कहानी भी दशरथ मांझी से कम नहीं। परिवार के सूखे कंठों की प्यास बुझाने के लिए हरी ने अकेले ही चट्टान तोड़कर 60 फीट गहरा कुआं खोद डाला। यह काम इतना आसान नहीं था, लेकिन 40 वर्षीय आदिवासी युवक हरी सिंह की जिद और जुनून ने इस नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया। उनके परिवार ने भी साथ निभाया। लगभग एक साल की मेहनत के बाद जब कुएं से अमृतधारा निकली तो परिवार केसदस्यों की आंखें खुशीसे भीग उठीं।
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