आखिरकार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष #राहुल_गांधी भी कोरोना टूलकिट को लेकर छिड़े विवाद में आज कूद ही पड़े। भाजपा प्रवक्ता #संबित_पात्रा के टवीट के एक सप्ताह बाद पहली बार राहुल गांधी ने इस मामले पर राय जाहिर की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि सत्य डरता नहीं है।
Truth remains unafraid.
#Toolkit
आजकल सुर्खियों में चल रहे कोरोना #टूलकिट का पूरा विवाद जानने से पहले आइऐ यह समझते हैं कि आखिर टूलकिट है क्या बला ? यह कैसे काम करती है ? इसका उदृदेश्य क्या है ? कोरोना टूलकिट के पीछे कौन है ? क्या वाकई कांग्रेस की यह बहुत सोची—समझी और शातिराना चाल है ? या उसे फंसाया जा रहा है ?
पहले यह जानते हैं कि टूलकिट होता क्या है?
टूलकिट को अगर हम आसान शब्दों में समझें तो यह एक प्रकार का गूगल डॉक्यूमेंट (Google document) है। इस डिजिटल दस्तावेज में ऑनलाइन संशोधन किया जा सकता है। आमतौर पर इसे किसी मुद्दे को लेकर की जा रही तैयारियों और उसके भविष्य का रोडमैप बताने के लिए तैयार किया जाता है। ताकी लोग उसे पढ़कर आसानी से समझ सकें कि आखिर देश या समाज में जो ज्वलंत मुद्दा चल रहा है वह क्यों चल रहा है।
इसमें प्रदर्शनकारियों के लिए ऐक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक वह तय की गई तारीख पर या तो सड़क पर प्रदर्शन में भाग लेते हैं या फिर सोशल मीडिया पर हैशटैग कैंपेन चलाते हैं। भारत में पहली बार टूलकिट (Toolkit) की चर्चा किसान आंदोलन के दौरान हुई थी। जब बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) को गिरफ्तार कर लिया गया था। दुनिया में इस वक्त कई आंदोलन चल रहे हैं। इन सभी आंदोलनों को टूलकिट के माध्यम से ही चलाया जा रहा है। चाहे वो ब्लैक लाइव्स मैटर हो या अमेरिका का एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट सभी आंदोलन में टूलकिट का इस्तेमाल किया गया है। भारत में एक बार फिर से टूलकिट चर्चा में है।
Truth remains unafraid.
#Toolkit
आजकल सुर्खियों में चल रहे कोरोना #टूलकिट का पूरा विवाद जानने से पहले आइऐ यह समझते हैं कि आखिर टूलकिट है क्या बला ? यह कैसे काम करती है ? इसका उदृदेश्य क्या है ? कोरोना टूलकिट के पीछे कौन है ? क्या वाकई कांग्रेस की यह बहुत सोची—समझी और शातिराना चाल है ? या उसे फंसाया जा रहा है ?
पहले यह जानते हैं कि टूलकिट होता क्या है?
टूलकिट को अगर हम आसान शब्दों में समझें तो यह एक प्रकार का गूगल डॉक्यूमेंट (Google document) है। इस डिजिटल दस्तावेज में ऑनलाइन संशोधन किया जा सकता है। आमतौर पर इसे किसी मुद्दे को लेकर की जा रही तैयारियों और उसके भविष्य का रोडमैप बताने के लिए तैयार किया जाता है। ताकी लोग उसे पढ़कर आसानी से समझ सकें कि आखिर देश या समाज में जो ज्वलंत मुद्दा चल रहा है वह क्यों चल रहा है।
इसमें प्रदर्शनकारियों के लिए ऐक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक वह तय की गई तारीख पर या तो सड़क पर प्रदर्शन में भाग लेते हैं या फिर सोशल मीडिया पर हैशटैग कैंपेन चलाते हैं। भारत में पहली बार टूलकिट (Toolkit) की चर्चा किसान आंदोलन के दौरान हुई थी। जब बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) को गिरफ्तार कर लिया गया था। दुनिया में इस वक्त कई आंदोलन चल रहे हैं। इन सभी आंदोलनों को टूलकिट के माध्यम से ही चलाया जा रहा है। चाहे वो ब्लैक लाइव्स मैटर हो या अमेरिका का एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट सभी आंदोलन में टूलकिट का इस्तेमाल किया गया है। भारत में एक बार फिर से टूलकिट चर्चा में है।
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