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फरीदाबाद: 60 साल के कूड़े राम मंगलवार को सरकारी स्कूल से चपरासी के पद से रिटायर्ड हुए। रिटायरमेंट लेने के बाद वो अपने गांव हेलिकॉप्टर से आए। ये उनका सपना था, जिसे उन्होंने 40 साल बाद पूरा किया। वो फरीदाबाद के नीमका गांव के एक सरकारी स्कूल में चपरासी थे। वहां से उनका गांव सदपुरा करीब 3 किलोमीटर दूर है। राम का सपना था कि वोट हेलिकॉप्टर में सफर करे और उन्होंने कई बार अपनी इच्छा अपने परिवार वालों को बताई भी थी।
19 मार्च तक कूड़े राम की बात को किसी ने तब तक गंभीरता से नहीं लिया, जब तक वो अपने रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए अपने छोटे भाई और गांव के सरपंच के पास नहीपहुंचे। उन्होंने बताया कि वो अपने पूरे परिवार के लिए अपना रिटायरमेंट यादगार बनाना चाहते हैं। कूड़े राम ने कहा कि में कम शिक्षित हूं और जीवन में बड़ा नहीं कर सका लेकिन मैं अपने क्षेत्र में इतिहास बनाना चाहता था। इसलिए, कई वर्षों की योजना बनाने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अगर मैं अपने रिटायरमेंट को यादगार तरीके से योजना बनाऊं, तो लोग हमेशा मेरा नाम याद रखेंगे।
फरीदाबाद: 60 साल के कूड़े राम मंगलवार को सरकारी स्कूल से चपरासी के पद से रिटायर्ड हुए। रिटायरमेंट लेने के बाद वो अपने गांव हेलिकॉप्टर से आए। ये उनका सपना था, जिसे उन्होंने 40 साल बाद पूरा किया। वो फरीदाबाद के नीमका गांव के एक सरकारी स्कूल में चपरासी थे। वहां से उनका गांव सदपुरा करीब 3 किलोमीटर दूर है। राम का सपना था कि वोट हेलिकॉप्टर में सफर करे और उन्होंने कई बार अपनी इच्छा अपने परिवार वालों को बताई भी थी।
19 मार्च तक कूड़े राम की बात को किसी ने तब तक गंभीरता से नहीं लिया, जब तक वो अपने रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए अपने छोटे भाई और गांव के सरपंच के पास नहीपहुंचे। उन्होंने बताया कि वो अपने पूरे परिवार के लिए अपना रिटायरमेंट यादगार बनाना चाहते हैं। कूड़े राम ने कहा कि में कम शिक्षित हूं और जीवन में बड़ा नहीं कर सका लेकिन मैं अपने क्षेत्र में इतिहास बनाना चाहता था। इसलिए, कई वर्षों की योजना बनाने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अगर मैं अपने रिटायरमेंट को यादगार तरीके से योजना बनाऊं, तो लोग हमेशा मेरा नाम याद रखेंगे।
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