बंगाल की खाड़ी के ऊपर मंडरा रहे चक्रवातीय तूफान 'फानी' के प्रकोप को देखते हुए बांग्लादेश ने शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम जिलों में रह रहे 5 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। भारतीय तटीय राज्यों में भीषण नुकसान और तबाही मचाने के बाद चक्रवातीय तूफान 'फानी' के देर रात तक बांग्लादेश में दस्तक देने की संभावना है।
भारतीय मोसम भिभाग ने 'फानी' को बेहद गंभीर चक्रवातीय तूफान बताया है। मौसम विभाग के प्रवक्ता उमर फारुक ने कहा कि चक्रवात के खुलना तटरेखा के जरिए बांग्लादेश में प्रवेश करने की संभावना है और दक्षिण-पश्चिम तटीय जिलों में तबाही मचाने के बाद देश को पार करने में इसे पूरी रात का समय लगेगा।
मौसम अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश में दोपहर से ही काले बादल छाए हुए हैं। धीरे-धीरे ओडिशा में तबाही मचाने के बाद अब यह चक्रवाती तूफान बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है। इसे दशक का सबसे भीषण चक्रवात कहा जा रहा है।
फारुक ने कहा कि तूफान ज्यों-ज्यों करीब आ रहा है, इसके कारण देश के कुछ हिस्सों में मूसलधार बारिश होने की संभावना बढ़ती जा रही है और बारिश की तीव्रता में भी इजाफा होने की संभावना है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव शाह कमाल ने बताया कि दोपहर तक करीब 5,50,000 लोगों को तटीय जिलों से हटाकर सुरक्षित स्थानों या शिविरों में पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि नदी के तटीय क्षेत्र जैसे संवेदनशील इलाकों में हम लोगों तक मदद पहुंचाने और उनकी कीमती चीजों तथा मवेशियों के साथ उन्हें वहां से निकालने की कोशिश कर रहे हैं। वहां से निकाले गए लोगों को खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है, हालांकि उनके लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध है।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार खुलना जिले में कोइरा और डाकोप जैसे संवेदनशील इलाकों से करीब दो-तिहाई लोगों को निकाला जा चुका है। इन्हीं जगहों से चक्रवात के देश में दस्तक देने की संभावना है। पत्रकारों के साथ बातचीत में आपदा प्रबंधन मंत्री एनामुर रहमान ने कहा कि सरकार चक्रवात का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सेना, नौसेना, तटरक्षक और अन्य एजेंसियां आपदा अभियान में सहायता के मकसद से तैयार हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सभी सार्वजनिक एवं निजी संगठनों को बेहतर तालमेल कर चक्रवात का सामना करने का निर्देश जारी किया है।
हालांकि प्रधानमंत्री इस वक्त लंदन की आधिकारिक यात्रा पर हैं और वहां से जारी बयान में उन्होंने कहा कि चक्रवातीय तूफान 'फानी' से मुकाबले के लिए बेहतर तालमेल के साथ काम हो ताकि जान-माल की कम से कम क्षति हो। उन्होंने लोगों से इस प्राकृतिक आपदा से मुकाबले के लिए तैयार रहने को कहा।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ओडिशा की तुलना में बांग्लादेश में चक्रवात 'फानी' का असर कम रहने की संभावना है।
भारतीय मोसम भिभाग ने 'फानी' को बेहद गंभीर चक्रवातीय तूफान बताया है। मौसम विभाग के प्रवक्ता उमर फारुक ने कहा कि चक्रवात के खुलना तटरेखा के जरिए बांग्लादेश में प्रवेश करने की संभावना है और दक्षिण-पश्चिम तटीय जिलों में तबाही मचाने के बाद देश को पार करने में इसे पूरी रात का समय लगेगा।
मौसम अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश में दोपहर से ही काले बादल छाए हुए हैं। धीरे-धीरे ओडिशा में तबाही मचाने के बाद अब यह चक्रवाती तूफान बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है। इसे दशक का सबसे भीषण चक्रवात कहा जा रहा है।
फारुक ने कहा कि तूफान ज्यों-ज्यों करीब आ रहा है, इसके कारण देश के कुछ हिस्सों में मूसलधार बारिश होने की संभावना बढ़ती जा रही है और बारिश की तीव्रता में भी इजाफा होने की संभावना है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव शाह कमाल ने बताया कि दोपहर तक करीब 5,50,000 लोगों को तटीय जिलों से हटाकर सुरक्षित स्थानों या शिविरों में पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि नदी के तटीय क्षेत्र जैसे संवेदनशील इलाकों में हम लोगों तक मदद पहुंचाने और उनकी कीमती चीजों तथा मवेशियों के साथ उन्हें वहां से निकालने की कोशिश कर रहे हैं। वहां से निकाले गए लोगों को खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है, हालांकि उनके लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध है।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार खुलना जिले में कोइरा और डाकोप जैसे संवेदनशील इलाकों से करीब दो-तिहाई लोगों को निकाला जा चुका है। इन्हीं जगहों से चक्रवात के देश में दस्तक देने की संभावना है। पत्रकारों के साथ बातचीत में आपदा प्रबंधन मंत्री एनामुर रहमान ने कहा कि सरकार चक्रवात का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सेना, नौसेना, तटरक्षक और अन्य एजेंसियां आपदा अभियान में सहायता के मकसद से तैयार हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सभी सार्वजनिक एवं निजी संगठनों को बेहतर तालमेल कर चक्रवात का सामना करने का निर्देश जारी किया है।
हालांकि प्रधानमंत्री इस वक्त लंदन की आधिकारिक यात्रा पर हैं और वहां से जारी बयान में उन्होंने कहा कि चक्रवातीय तूफान 'फानी' से मुकाबले के लिए बेहतर तालमेल के साथ काम हो ताकि जान-माल की कम से कम क्षति हो। उन्होंने लोगों से इस प्राकृतिक आपदा से मुकाबले के लिए तैयार रहने को कहा।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ओडिशा की तुलना में बांग्लादेश में चक्रवात 'फानी' का असर कम रहने की संभावना है।
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