sawan special know all about takshkeshwarnath temple situated in allahabad
संगम नगरी में यमुना किनारे अवस्थित सुप्रसिद्ध तक्षकेश्वर नाथ मंदिर विश्व का एकलौता तक्षक तीर्थ स्थल है। वर्तमान में यह स्थान दरियाबाद इलाके में आता है। यह स्थल आदिकाल से संरक्षित है और यहां शेषनाग के अवशेष आज भी मौजूद है। यह यमुना तट पर विशाल घने जंगलों में स्थापित शिवलिंग था। हालांकि भौतिकवाद में यहां अब जंगल का अस्तित्व खत्म हो गया है। प्रयागराज में इस स्थल को "बड़ा शिवाला" के नाम से ख्याति प्राप्त है। इस शिवलिंग की प्राचीनता और पौराणिकता स्वयं पुराणों में दर्ज है। पद्म पुराण के 82 पाताल खंड के प्रयाग महातम्य में 82वें अध्याय में तक्षकेश्वर नाथ का जिक्र मिलता है। मान्यता है कि कि इस मंदिर में भगवान शिव के का जो भी दर्शन कर लेता है उसे व उसके वंशजों को कभी सर्प नहीं डसता है। यानी वह सर्प विष बाधा से मुक्त हो जाता है।
संगम नगरी में यमुना किनारे अवस्थित सुप्रसिद्ध तक्षकेश्वर नाथ मंदिर विश्व का एकलौता तक्षक तीर्थ स्थल है। वर्तमान में यह स्थान दरियाबाद इलाके में आता है। यह स्थल आदिकाल से संरक्षित है और यहां शेषनाग के अवशेष आज भी मौजूद है। यह यमुना तट पर विशाल घने जंगलों में स्थापित शिवलिंग था। हालांकि भौतिकवाद में यहां अब जंगल का अस्तित्व खत्म हो गया है। प्रयागराज में इस स्थल को "बड़ा शिवाला" के नाम से ख्याति प्राप्त है। इस शिवलिंग की प्राचीनता और पौराणिकता स्वयं पुराणों में दर्ज है। पद्म पुराण के 82 पाताल खंड के प्रयाग महातम्य में 82वें अध्याय में तक्षकेश्वर नाथ का जिक्र मिलता है। मान्यता है कि कि इस मंदिर में भगवान शिव के का जो भी दर्शन कर लेता है उसे व उसके वंशजों को कभी सर्प नहीं डसता है। यानी वह सर्प विष बाधा से मुक्त हो जाता है।
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