#atulyajeevan
आज के इस तेजी से बदलते हुए परिदृश्य में जहाँ एक ओर एक आम आदमी सुबह से लेकर शाम तक दो वक्त की रोटी जुटाने में लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर हम और आप यह सोचकर परेशान हुए जा रहे हैं कि लोग क्या कहेंगे, भले ही हमारे बारे में कोइ कुछ भी नहीं सोचता हो फिर भी, क्या यह किसी रोग से कम है बल्कि मुझे तो लगता है कि यह सबसे बड़ा रोग है जिसने हमारी युवा पीढ़ी कि सृजनात्मकता को खत्म करके उन्हें पंगु बना दिया है और यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो.... ।
आज के इस तेजी से बदलते हुए परिदृश्य में जहाँ एक ओर एक आम आदमी सुबह से लेकर शाम तक दो वक्त की रोटी जुटाने में लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर हम और आप यह सोचकर परेशान हुए जा रहे हैं कि लोग क्या कहेंगे, भले ही हमारे बारे में कोइ कुछ भी नहीं सोचता हो फिर भी, क्या यह किसी रोग से कम है बल्कि मुझे तो लगता है कि यह सबसे बड़ा रोग है जिसने हमारी युवा पीढ़ी कि सृजनात्मकता को खत्म करके उन्हें पंगु बना दिया है और यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो.... ।
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