जिन ढूंढा़ तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ
मै बपुरी ढूंढन गई रही किनारे बैठ।।
जी हाँ दोस्तों, इस संसार में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान उपलब्ध न हो क्योंकि समस्या और समाधान दो अलग-अलग सिक्के नहीं हैं बल्कि ये एक हीं सिक्के के दो अलग पहलू हैं। इसलिए यदि इनमें से एक है तो दूसरा भी अवश्य होगा। आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि हम एकाग्र चित्त होकर उसे ढूंढने का प्रयास करें।
मै बपुरी ढूंढन गई रही किनारे बैठ।।
जी हाँ दोस्तों, इस संसार में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान उपलब्ध न हो क्योंकि समस्या और समाधान दो अलग-अलग सिक्के नहीं हैं बल्कि ये एक हीं सिक्के के दो अलग पहलू हैं। इसलिए यदि इनमें से एक है तो दूसरा भी अवश्य होगा। आवश्यकता सिर्फ इस बात की है कि हम एकाग्र चित्त होकर उसे ढूंढने का प्रयास करें।
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