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वक्फ एक्ट संशोधन पर बहस के दौरान CAA का मुद्दा उठा और बिहार चुनाव के संदर्भ में मुस्लिम वोटों की राजनीति पर चर्चा हुई। राजनीतिक विश्लेषकों ने वक्फ कानून में बदलाव की मंशा और JPC प्रक्रिया पर सवाल उठाए, जबकि सरकार के पक्ष ने इसे गरीबों और मुसलमानों के हित में बताया। चर्चा में आपत्तिजनक टिप्पणी का मुद्दा भी उठा और मुर्शिदाबाद की हिंसा का ज़िक्र हुआ। अंत में यह सवाल जनता पर छोड़ा गया कि 'इस देश की राजनीति में मंदिर मस्जिद कौन कर रहा है?' वक्फ कानून का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

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00:00यह जो कुछ हो रहा है क्या यह सिर्फ चुनावी राजनीती के चक्कर में हो रहा है या फिर कुछ कमी पेशी रह गई हो खानून में क्योंकि आपकी पार्टी से भी कुछ आवाजे निकल कर आई से जिनको शिकायते रहीं किसाथ जेपीसी में जिस तरीके के सुझाव हमने द
00:30यहां पर राजीव रंजन्जी देखिए अब जिल लोगों को संसत के दोनों सद्नों में पारित कानून पर यकीन नहीं था उनके समक्ष ड्याईक विकल्ब थे और देश की सरोच न्याले के समक्ष अनेक या चिकाय वहां लंबीत थी उस पर सुनवाई के दौरान जो भी �
01:00कहना चाहूंगा कि यकीन आपको लोगतंत्र में समविदान में नयायपालिका में तो रखना होगा यह जो उत्तेजक बयान जिल लोगों की ओर से भी दिये जा रहा है या बिहार को जैसे आपने चुनने की कोशिस की देखिए आपने भी कहा कि आपके भी कुछ लोग अलग
01:30द्याद दे रहे हैं तो अगर आप कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं तो किसको इतराज हो सकता है
02:00मैंने तो खुदी कहा कि ओनरेबल सुप्रीम कोड के समक्ष अनेक याचिकाय वहां लंबित हैं विचारा अर्थ उन पर बातचीत हो रही है लेकिन जो बाते कही जा रही हैं लोगों के जरिए हमारे आप जो इतने भी स्थाफित नेता है उन्होंने प्रेस कॉन्फरेंस के �
02:30अपना समर्थन दिया है तो निसंदे हमारे सुजाओं को स्विकार करने के बाद ये कानून आम लोगों की बेहतरी के लिए है
02:39कुछ लोगों को नारागी है सबसे बड़ा तो फ्लो टूड गया जो मैं कहना चाहता था लेकि बुनियादी तोर पर जो परिस्थितिया है
03:02इस कानून में पहले भी संसोदन हुए 1913 के बाद आजादी के पहले और आजादी के बाद अनेक संसोदन हुए
03:10जिस समय 2013 में इस बिल पर बात हो रही थी तो भार्तिय जरिता पर्टी या हम जो ना इंडिये में थे ना यूपिये में थे
03:18हमने रास्ता अलग बनाया था लेकिन हम सब लोगों का समर्दर था आज अगर ये सुधार उनके फाइदे के लिए है तो ऐसी जिद और ऐसी हटधर्मिता किस लिए है केवल लोगों को बरगला कर वोट का फाइदा लेने के लिए
03:33जवाब दे लिए और जो बुटी पर लोग है ये सिर्फ और सिर्फ लोगों को भरकाने का दर्मित करने का काम आप लोग कर रहे हैं बिहार में तो इसार चनावी मोहल बनाने के लिए वक्फ कानून हत्यार बन रहा है क्या आर्जेडी के लिए अन्बर पाश्रा
03:46तो नमाराची मुझे बहुत आश्यर है बिल्के आश्यर बिल्कुल नहीं है जो परिस्कीतिया इससर बनी हुई है और जिस तरह की बात्रे हमारे जेडी उसके परवक्ता कर रहे हैं उसके साफ जाहिर है कि इन्होंने अपने आपको बिल्कुल उस रंग में ढाल लिया है ज
04:16सेकलर लोग हैं जितने सी सेकलर पार्टी यह जितनी वो यह कह रही है कि यह जिल इसलिए लाया गया है कि जो सेकलर पार्टीयां कह रही है उसको आग बंद करके मुंद लिया जाए
04:38अभी इसी चर्चा में जिक्रियां पर C.A. का भी हुआ, सारी जो सेकलर पार्टियां है सर, सो कॉर्ड, वो सब तो C.A. के खिलाफ भी उत्री हुई थी सड़क पर, उन सब की तरफ से तो C.A. को लेकर भी का जा रहा था कि साब मुसल्मानों के खिलाफ लाए जा रहा है, मुस
05:08सब क्लियां गाए जो किया टा.微ू इसार्थ विरीजिया है कॉमानों की करा रहा है पर सुना पर
05:29कि आप हिंदू संस्थाओं में मंदिर के व्यवस्ता में क्या आप मुसल्मानों को रखेंगे यह सवाल का अदालत की तरफ से सवाल पूछे जाते हैं और इसलिए अदालत की तरफ से यह सवाल पूछा जाते हैं
05:59और गॉभ्मेंट के वकील के पास जवाब नहीं था इसका जवाब दे निज़ने परवक्ता हैं शुकला जी से में कोई सवाल नहीं करूंगा उंते कोई शेकायत मुझे नहीं है उन्की तो नीतिया हुए हैं लेकिन इस रंग में आज आपरवक्ता जेढियों पर रंगे हु�
06:29पार्टी का आज मुखटाव कर चुका है इतनी मुखबत जेडियों के खिलाफ और सारी शिकायते जेडियों से हैं तीस सेकंड में जवाब देजी जा राजी प्रणजन जी वो के ने बीजेपी से क्या शिकायत करेंगे लेकिन जेडियों ने रंग बदल दिया
06:52देखे अब फेविली लिमिटेड पार्टी के नेता है अनुवर पाशा जी कभी न हिंदूों का कल्यान हुआ न मुसल्मानों का कल्यान हुआ
07:04बागलपुर दंगे हुए कॉंग्रेस के शासन में निकर जी के पार्टी के दोरान
07:09इनकी सरकार बनी का मिश्वर यादो को चांदी की मुकुट पहनाने का काम राज़त के नेताओं ने किया
07:16वो उस दंगे के मुख्य अभ्यूग थे सारे छुटे साण की तरह घूम रहे थे जो भी अपरादी थे
07:23और उसके बाद नितिश कुमार जी की सरकार बनी सारे बंद मुकद में खोले गए
07:29आपरादियों को जेल की सलाकों के पीछे भेजा गया और आज तक जो भी उस दंगे की वज़ा से जो भी लोग परिशान हुए थे
07:40जिनके घरों में मौते हुई थी जिनके अगजनी हुई थी आज भी उनको पेंशन मिल रहा है नुरपासा साब को नहीं मालूम होगा नितिश कुमार जी को सेकेलर रिजिम का पार्ठ मत पढ़ाईए तेक है आप दोनों की बाप सुनकर आप दोनों की बाप सुनकर मुझे �
08:10आप ने सुना ऐसा लग रहा है जैसे इस वक्त खानून के जरिये कहीं नहीं खुद को मुसल्मानों का सबसे बड़ा मेता यह फिर यू कहे मुसल्मानों की राज्जनीति का सबसे बड़ा ठेकेदार ऐक्नारय करने की एक होड़ सी नज़र आूजर
08:37Unmute.
08:42विने जी, आप मुझे सुन पा रहे हैं,
08:44तो unmute कीजे.
08:54अगर इस बात पे बहस होनी है,
08:56या आकलन करना है,
08:57भारत में जो वख कानून था,
08:59और जो वख कानून में संसुधन हुआ है,
09:01तो कितना सही गलत है और था,
09:04वो इसी बात से तै होगा,
09:05कि दुनिया में अलग-अलग मुल्कों में वक्त को लेकर कि क्या कानून है वहाँ पर सरकार के
09:25कानून है कि वक्ष में महिलाओं का पाटिसीपेशन है, दूसरे धर्म के लोगों का
09:54पाटिसिपेशन है, यह सरकार के तरफ से ताई किया गया है, तरकी में भी आप देखेंगे जो कि इस्लामिक राश्टा है, लेकिन वहाँ पर भी वक्त को पूरी तरीके से छूट नहीं है, लीबिया में आप देखेंगे तो वक्त की प्रोपर्टीज को नेशनलाइज कर दिय
10:24जो का आंदोलन जब गांधी जी का चल रहा था उसके बात, और वक्त के कानून को पहले अमेंडमेंट को अंग्रेजों ने डिवाइड और रूल पॉलिसी के नाते हखियात की तरह यूज किया, आगे भी जितने अमेंडमेंट हुए 1959, 1964, 1969, 1984 और अंतिम अभी के पहले वाल
10:54जो इस बात पर बहस कर रहे हैं कि भारत का वक्त कानून क्या था, क्या है, क्या होगा, वा दुनिया में जो वक्त कानून का स télé्ध Mazin
11:01खास तोर पर इस्ला इस्लामीक राष्ट्रों में और गएर इस्लामीक राष्टों उसमें भी देख लें, और जब देखेंगे तो यहीं पाएंगे कि भारत में जो अस्तानुन था 903 से लेकर के अभी पहले
11:11तक इस अमंडमेंट के पहले तक बहुत वाहिया था और वो रत्वी की टोकरी में डालने के लायक था न उसे हिंदुस्तान की आम-ाम-ाओं का भला हो रहा था न मुसमानों का भला हो रहा था
11:20ठीकित
11:22ABP News आपको रखे आगे

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