वक्फ एक्ट संशोधन पर बहस के दौरान CAA का मुद्दा उठा और बिहार चुनाव के संदर्भ में मुस्लिम वोटों की राजनीति पर चर्चा हुई। राजनीतिक विश्लेषकों ने वक्फ कानून में बदलाव की मंशा और JPC प्रक्रिया पर सवाल उठाए, जबकि सरकार के पक्ष ने इसे गरीबों और मुसलमानों के हित में बताया। चर्चा में आपत्तिजनक टिप्पणी का मुद्दा भी उठा और मुर्शिदाबाद की हिंसा का ज़िक्र हुआ। अंत में यह सवाल जनता पर छोड़ा गया कि 'इस देश की राजनीति में मंदिर मस्जिद कौन कर रहा है?' वक्फ कानून का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
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00:00निकप कुछ कमी बेशी हो सकती है जिसको ठीक भी किया जा सकता है लेकिन सीरे से खारच कर देना कि नहीं नहीं ये तो बिलकुल मुसमिं बिरोधी है इसमें तो अच्छा ही नहीं है जबकि सरकार बार बार आउस्गाथ को दोहरा रही है किसाँ मनशा आप देखे और मनशा सि
00:30बिल्कुल सही बात है, हम तो स्वागत कर रहे थे, हम कहां कह रहे थे, हम कहां खारेच कर रहे थे, हम तो स्वागत कर रहे थे, तभी तो 44 अमेंडमेंट में दिये थे ना विपक्ष ने, मुझे बताए बाती चंता पाटी कितने अमेंडमेंट इन्होंने अकसेप करी, सब फा
01:00चार हो रहा था, बहुत अच्छी बात है, हो सकता है, हो रहा हो, क्योंकि जाच का विशे है, इनोंने जाच करी होगी, मैं तो लगातार पूछती आ रही हो, बारती चंता पाटी से, कि पिछले 11 वर्षों से आपकी सरकार है, वक्फ आपके लिए बड़ी चिंता का विशे है �
01:30उनिवर्सिटी से पता चलेगी, क्या अब, क्योंकि रिपोर्ट तो इनके पास दिखाने को है नहीं, तो मैं तो सवाल पूछ रही हूँ, कि किस आधार पर आप इस बात को रख रहे हैं, और आपने क्या-क्या चेंजिस करें, क्योंकि आप कर सकते थे, और क्या जरूरत थी
02:00जो बीजपी शासित रहा, और अभी बी कुछ कमोबेश यही आकड़ा है, अलग-अलग राज्यों में भी बीजपी की या डबल एंजिन की सरकारे हैं, और हम सब जानते हैं, चाहे सेंट्रल वक्ट बोर्ड हो, या पर स्टेट के वक्ट बोर्ड हो, वहाँ पर न्यूक्ति
02:30कम मुसल्मानों के हितों में किया जा सकता था सक्या नहीं?
03:00अतिशयोक्ति अलंकार में जीने वाले लोग कि फाड़कर फेक दिया, फाड़कर फेका नहीं जाता, जेपीसी में लोगतांत्रिक तरीके से कोई भी एमेंडमेंट आया, तो उस एमेंडमेंट में जेपीसी के सदस्यों के बीच मतदान हुआ, और मतदान जो है, वो हमेशा
03:30नहीं मंजूर हुए, नहीं मंजूर हुए, जो मंजूर होने थे मंजूर हुए, इसमें जो है फाड़कर फेक दिया, रद्दी के टोकरी में डाल दिया, छाती पीट रहे थे, इस तरह के अच्शयोक्ति अलंकार से कुछ होता जाता नहीं है, बेहद लोकतांत्रिक, समयधा
04:00मुझे 10 सेकंड दीजिएगा इंटिकार समविधान देता है, हिंसा की तो कोई भी इस देश के अंदर वकालत कर ही नहीं सकता, लेकिन मुझे बाद हाइकोट के आधिश के बाद, वहाँ पर जो किंद्रियों बहले उनकी भी तैनाती अभी भी वो चल रहेगे है, जल्दी से
04:30विपक्ष की सिर्फ चुनावी राजमिती साधनी के लिए मुसल्मानों को भड़काने का काम कर रहा है, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, अनुवर पाशा, �
05:00लिंदा पार्टी संभीदान को खत्म करना चाहते हैं तो बार बर कहा जा रहा है परेव शुपला जी भी कह रहे हैं और अगुसी आपने बशीर शक्राइब बठा रहे हैं इस बात को यहां जो जो यह कानूर बना जा रहा है सरकार के तच्छे उसमें नहीं था
05:19हमेशन सरकार गहां सचेक था
05:21इनिसर मैंने अभी उसी को लेकर सबात कर रहा है तेक यह जनता जो है वो बहुत समझदार है और इस सबाल का जबाब तो मैं जनता की विवेक पर फिशोड़ देती हूं
05:43वो अपने आपते कर लेगी, उसकी नजर में कोई इस देश के अंदर हिंदू-मुसल्मान की राजनीती कर रहा है, कोई इस देश के अंदर मंदिर और मस्जित की राजनीती कर रहा है, मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि धर्म के नाम पर राजनीती, और राजनीती में धर्म,
06:13जो फिर भरी न जा सके और चिंता की बात ये भी हर पक्ष की ओर से भड़काऊ बयान दिये जाते हैं आग में घी डालने का काम किया जाता है मतलब सिर्फ और सिर्फ इस देश में नफरत की आग भड़काने की राजनीती की जा रही है अपील है आप सबसे और वो भी हाज जो
06:43लेकन अपनी समझदारी दिखानी है वक्ष कानून का मुद्दा देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुच चुका है सुप्रम कोट कानून के समविधानिक पहलों पर गोर कर रहा है सरवच्च अदालत के फैसले का इंतजार कीजे ना भ्रम फैलाइए और ना भ्रम फैलन
07:13सुप्रम का.