पूरा वीडियो: अगर आज होते अम्बेडकर || आचार्य प्रशांत (2024)
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00:00कि बचपन से लेगर के बड़े तक हमारे साथ बहुत उल्टाई सीधा हो रहा है मैं स्कूल जा रहा हूँ तो मुझे पीने को पानी नहीं है उन्होंने लिखा नो पीउन नो वाटर उपर से आकर एक आदमी पानी डालता था तो फिर उनको पानी पीने को मिलता था और बोरे �
00:30किसे धर्म को बचा कर रखऊ हूँ आदमी कहता है कि धर्म का उद्धेश्य है और अधर्शवादी बातें आकर देखेंगे नो
00:53अगर उनको क्रोध है तो हम कैसे उनके क्रोध को ना जायस बोल दें?