पूरा वीडियो: अकेलापन, भावुकता, प्रेम और धर्म परिवर्तन — एक लड़की, कितने धोखे! || आचार्य प्रशांत (2025)
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00:00गाओं गमाई की कोई लड़की हो जाके जॉब कर रही है ये तो उस पूरे गाओं में कभी हुआ ही नहीं
00:04तो अब घरवालो गाओं वालो के लिए वो कैसी हो गई है अब उज़, अब उज़ माने अब हमें समझ में ही नहीं आती
00:09वो जानी नहीं पाते, अब इससे बात क्या करे?
00:11मा भी अभ्यस्त है बेहनों से, इसी रड़की की बेहनों से ये बात करने में
00:16कि और अगला बच्चा कब आ रहा है? और तेरी सास ने आज तुझा मारा की नहीं?
00:20इनसे क्या बात करे मा? तुने कोड से ही लिखा की नहीं? तेरा सैलरी इंक्रिमेंट कब होगा?
00:25ये व्यक्ति कौन है जो उस नौकरी में गया है? जिसका अपना अब कोई भी नहीं है
00:29तो ये क्या करती है? इसके पाद एक छोटा सा कमरा होगा? या पीजी में रहती होगी? और ये वहाँ चली जाएगी और घुस जाएगी? और वहाँ क्या है? अब साएं साएं सूना पन
00:37चुप रहती है? अपने में रहती है? या कि जबरदस्ती दूसरे ग्रुप्स में घुसने की कोशिश करती है? Just to feel that I belong
00:45ये हालत कर दिये भारत में हमने अपनी रड़कियों की, बेटियों, बेहनों की