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00:00तुम दूसरे के उपर चड़ बैठे तुमने उस से छीन जपटके 1,000 रुपए, 10,000 रुपए, 1,000,000 रुपए ले लिए
00:05वो तो तुम्हें दिख गया, तुम्हें ये नहीं दिखा कि तुमने मित्रता खो दी
00:08जो मिला वो दस हजार का था, जो मितरता खोई वो कितने लाग की थी, चुकि ये कहीं लिखित में नहीं आता, तो हमें लगता है कि जो मितरता खोई उसका मूल्य जूमने था, ये राहिसाब, तुम दूसरे के उपर चड़ बैठे, चड़ के तुमने उससे अपनी काम वासना
00:38काम तो हो गया, तुमने उसका प्रेम खो दिया, और प्रेम कितने लाख, कितने करोड का खोया, वो कोई लिख के नहीं देता, तो तुम्हें लगता है कि सौदा मुनाफे का रहा है, किसी का कोई सौदा यहां मुनाफे का नहीं है, ये नर्ग है, यहां सब खो रहे हैं, और